
Ayurvedic Remedies For Herpes In Hindi: हर्पीस एक तरह का स्किन इंफेक्शन है, जो वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण होता है। इसे शिंगल्स के नाम से भी जाना जाता है। इसमें त्वचा पर छोटे-छोटे पानी भरे दाने हो जाते हैं। इनमें तेज जलन, दर्द और खुजली का अनुभव हो सकता है। यह मुख्य रूप से मुंह के आसपास और जननांगों की त्वचा को प्रभवित करता है। संक्रामक होने की वजह से यह शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में बहुत तेजी से फैल जाता है। इसलिए इस समस्या का तुरंत इलाज करना बहुत जरूरी है। हर्पीस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप आयुर्वेदिक उपायों की ओर भी रूख कर सकते हैं। आज इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ। रितु चड्ढा से जानेंगे हर्पीस का आयुर्वेदिक इलाज -
हर्पीस (त्वचा पर पानी भरे दाने) का आयुर्वेदिक इलाज - Ayurvedic Remedies For Herpes In Hindi
नीम
त्वचा से जुड़ी समस्याओं के इलाज के लिए नीम का इस्तेमाल काफी प्रचलित है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। नीम को पीसकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से हर्पीस को ठीक करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, आप चाहें तो नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर, इससे प्रभावित हिस्से को धो भी सकते हैं। दिन में 2 से 3 बार इस प्रक्रिया को दोहराने से आपको जल्द राहत मिलेगी।
एलोवेरा
एलोवेरा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो इंफेक्शन को कम करने में मददगार होते हैं। एलोवेरा त्वचा की जलन और खुजली को भी ठीक करता है। इसका प्रयोग करने के लिए आप एलोवेरा के पत्ते को काटकर जेल निकाल लें। फिर इसे प्रभावित हिस्से पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से वॉश कर लें। बेहतर रिजल्ट के लिए दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
शहद
हर्पीस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें हीलिंग गुण होते हैं, जो फुंसी और घाव को तेजी से ठीक करने में फायदेमंद होते हैं। यह जलन और खुजली को ठीक करने में भी मददगार होता है। इसके लिए आप शहद को प्रभावित जगह पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए सूखने के लिए छोड़ दें। उसके बाद इसे सादे पानी से धो दें।
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मुलेठी
हर्पीस की समस्या में राहत पाने के लिए आप मुलेठी की जड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। वहीं, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से यह सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होती है। इसके लिए आप मुलेठी की जड़ के चूर्ण को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे प्रभावित हिस्से पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद इसे पानी से धो लें।
चंदन
हर्पीस के आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर अजवाइन के तेल का उपयोग किया जा सकता है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो संक्रमण को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप एक कॉटन पैड पर अजवायन के तेल की दो से चार बूंदें लें। इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। आप दिन में दो से तीन बार इस प्रकिया को दोहरा सकते हैं।
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अगर आप भी हर्पीस की समस्या से परेशान हैं, तो आप इन आयुर्वेदिक उपायों को अपना सकते हैं। हालांकि, किसी भी उपाय को आजमाने से पहले डॉक्टर की राय जरूर लें।