
Ayurvedic Home Remedies For GERD In Hindi: गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD), पाचन से जुड़ी एक बीमारी है। इसमें खाना पचाने में मदद करने वाला एसिड खाने की नली की ओर आने लगता है। इसकी वजह से एसिड रिफ्लक्स या पित्त रिफ्लक्स की समस्या होने लगती है। जीईआरडी के सबसे आम लक्षण सीने में जलन और बार-बार खट्टी डकार आना हैं। इसके अलावा, आपको पेट में दर्द, गैस, ब्लोटिंग, मुंह से बदबू या मुंह में खराब स्वाद आना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जीईआरडी की समस्या का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान है। बार-बार एसिड रिफ्लक्स की समस्या होने पर आपको डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। इसके अलावा आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों की मदद से भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या से राहत पा सकते हैं। आयुर्वेद में जीईआरडी को अम्लपित्त कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में पित्त दोष (Pitta Dosha) बढ़ने के कारण यह समस्या होती है। आज इस लेख में हम आपको कुछ आसान आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं, जिनकी मदद से जीईआरडी या एसिड रिफ्लक्स की समस्या का इलाज किया जा सकता है।
एसिड रिफ्लक्स (GERD) के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Home Remedies For GERD
पिप्पली
पिप्पली एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। पिप्पली में कई शक्तिशाली औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो पित्त दोष को संतुलित करते हैं। जीईआरडी और एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को प्रभावी ढंग से ठीक कर सकती है। पिप्पली का सेवन करने से पाचन को उत्तेजित करने और सीने की जलन को कम करने में मदद मिलती है। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच पिप्पली पाउडर और थोड़ा सा शहद मिलाएं। दिन में दो बार भोजन के बाद इस काढ़े का सेवन करें। इससे आपको पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलेगी।
सौंफ
सौंफ का सेवन अक्सर भोजन के बाद किया जाता है। दरअसल, सौंफ पाचन के लिए काफी फायदेमंद होती है। सौंफ में विटामिन बी, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट के लिए लाभकारी होते हैं। सौंफ का सेवन करने से अपच, पेट में दर्द, एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या दूर होती है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर उबाल लें। फिर इसे छान लें और इसका सेवन करें।
इलायची
एसिड रिफ्लक्स की समस्या से राहत पाने के लिए आप इलायची का सेवन कर सकते हैं। इलायची में विटामिन बी और एंटीऑक्सिडेंट की भरपूर मात्रा होती है, जिससे पाचन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इलायची का सेवन करने से मतली और मुंह के कड़वे स्वाद को कम करने में भी मदद मिलती है। खाना खाने के बाद एक-दो इलाइची को मुंह में रखकर चूसें। ऐसा करने से पाचन रस सक्रिय होंगे और एसिडिटी को रोकने में मदद मिलेगी।
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अजवाइन
अजवाइन भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या से राहत दिलाने में फायदेमंद साबित हो सकता है। यह पेट में बन रहे एसिड को कंट्रोल करता है। अजवाइन का सेवन से जीईआरडी के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आधा चम्मच अजवाइन में एक चुटकी नमक मिलाकर गर्म पानी के साथ इसका सेवन करें। नियमित रूप से इसका सेवन करने से सीने में जलन और एसिडिटी जैसी समस्याओं से काफी राहत मिलेगी।
मुलेठी
अगर आप पेट में एसिडिटी और सीने में जलन की समस्या से परेशान हैं, तो मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुलेठी का सेवन करने से पेट में एसिड को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके लिए आप आधे चम्मच मुलेठी पाउडर में शहद मिलाकर खाएं। रोजाना खाने बाद इसका सेवन कर सकते हैं। इससे सीने में जलन, पेट में दर्द, गैस और मिचली जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी।
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इन आयुर्वेदिक उपायों की मदद से आप एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन जैसे जीईआरडी के लक्षणों को कम कर सकते हैं। हालांकि, अगर आपकी परेशानी बहुत अधिक बढ़ रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।