
Ayurvedic Herbs for Nerve Pain in Hindi: आजकल अधिकतर लोग शरीर के दर्द से परेशान हैं। कोई हाथ-पैर, तो कोई कमर और घुटनों के दर्द का सामना कर रहा है। इतना ही नहीं कई लोगों को हाथों-पैरों की उंगलियों तक में दर्द होता रहता है। वैसे तो शरीर में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन नसों की कमजोरी और खराबी भी शरीर में दर्द का कारण बन सकते हैं। इसे नसों में दर्द के रूप में भी जाना जाता है। नसों में दर्द शारीरिक दर्द से थोड़ा अलग हो सकता है। जिन लोगों को नसों में दर्द होता है, उन्हें नसों में भी बदलाव नजर आ सकता है। इन लोगों की नसें नीली दिख सकती हैं या फिर नसें मोटे नजर आ सकती हैं। नसों में दर्द का इलाज पूरी तरह से संभव है। नसों में दर्द के लिए एलोपैथिक इलाज के साथ ही आयुर्वेदिक इलाज भी संभव है। जब किसी व्यक्ति को नसों में दर्द होता है, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर उन्हें कुछ जड़ी-बूटियों का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। आज इस लेख में हम रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेया शर्मा से नसों में दर्द के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे। नसों के दर्द को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां इस प्रकार हैं-
नसों के दर्द के लिए जड़ी-बूटियां- Ayurvedic Herbs for Nerve Pain in Hindi
1. अश्वगंधा की जड़
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि अश्वगंधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा का उपयोग कई तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। नसों के दर्द को ठीक करने के लिए भी अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जाता है। अश्वगंधा नसों के दर्द को कम करने में असरदार हो सकता है। अगर आपको नसों में दर्द हो रहा है, तो आप अश्वगंधा की जड़ का सेवन कर सकते हैं। अगर आपके आस-पास अश्वगंधा के पेड़ मौजूद हैं, तो आप वहां से जड़ ले सकते हैं। या फिर मार्केट से भी अश्वगंधा की जड़ खरीद सकते हैं। नसों में दर्द होने पर आप अश्वगंधा के जड़ के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। नियमित रूप से अश्वगंधा के जड़ों के पाउडर का सेवन करने से आपको काफी आराम मिल सकता है। अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाते हैं।
इसे भी पढ़ें- पैर की नसों में दर्द से रहते हैं परेशान? इसे दूर करने के लिए अपनाएं ये 5 आयुर्वेदिक उपाय, जल्द मिलेगी राहत
2. बला की जड़
बला एक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। बला चकत्ते, खुजली, सूजन, खांसी और मूत्र रोगों को ठीक करने में असरदार होता है। इसके अलावा बला का उपयोग गंभीर समस्याओं का इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है। नसों के दर्द को कम करने में भी बला लाभकारी हो सकता है। अगर आप नसों के दर्द से परेशान हैं, तो बला जड़ी-बूटी का सेवन कर सकते हैं। बला की जड़ का उपयोग करने से नसों के दर्द से काफी हद तक आराम मिल सकता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि नसों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप बला की जड़ के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। बला में मौजूद औषधीय गुण नसों के दर्द को कम कर सकते हैं।
3. दशमूल
दशमूल एक प्रकार की जड़ें होती है। आयुर्वेद में इन जड़ों का उपयोग कई तरह की बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि दशमूल बेल, पाढ़ल, गंभार, अरनी, पिढ़वन और गोखरू से बना होता है। दशमूल में इन पेड़ों की जड़ और छाल का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में नसों के दर्द का इलाज करने के लिए भी दशमूल का उपयोग किया जाता है। दशमूल औषधीय गुणों से भरा होता है, ऐसे में यह नसों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए अगर आपको भी नसों में दर्द रहता है, तो आप दशमूल का सेवन कर सकते हैं। इसका कोई भी नुकसान नहीं है, लेकिन फिर भी सेवन करने से पहले एक बार एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
इसे भी पढ़ें- Visible Hand Veins: हाथ की नसें क्यों दिखती हैं? जानें इसके 6 कारण
4. त्रिफला
आयुर्वेद में त्रिफला का भी काफी महत्व है। नसों के दर्द का इलाज करने के लिए भी त्रिफला का उपयोग किया जा सकता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि जिन लोगों की पित्त प्रकृति होती है, अगर उन्हें नसों में दर्द हो तो त्रिफला चूर्ण का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। त्रिफला चूर्ण नसों को आराम दिलाता है, नसों की कमजोरी को दूर करता है। नसों के दर्द को कम करने के लिए आप पानी के साथ मिलाकर त्रिफला चूर्ण का सेवन कर सकते हैं।
अश्वगंधा, बला, दशमूल और त्रिफला नसों के दर्द को कम करने में असरदार हो सकते हैं। वैसे तो इन जड़ी-बूटियों का सेवन करने से कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, लेकिन फिर भी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही इनका सेवन करना चाहिए।