
हाइपोथायरॉयडिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती। यह स्थिति शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है और कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे थकान, वजन बढ़ना, त्वचा की समस्याएं, और मानसिक स्थिति पर भी असर डाल सकती है। थायरॉयड ग्रंथि का सही तरीके से काम करने के लिए उचित आहार का सेवन बहुत जरूरी है। अगर आप हाइपोथायरॉयडिज्म से पीड़ित हैं, तो आपको डाइट में कुछ खास खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनसे थायरॉयड की कार्यप्रणाली पर बुरा असर पड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर, सफेद ब्रेड, मीठी चीजें, सोया उत्पाद आदि हाइपोथायरॉयडिज्म के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं और थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, प्रोसेस्ड फूड्स, एल्कोहल, कैफीन और फास्ट फूड भी हाइपोथायरॉयडिज्म के लक्षणों को बढ़ाने का काम करती हैं। इसलिए, इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट से हटाकर आप अपने थायरॉयड की सेहत को बेहतर बना सकते हैं और इसे कंट्रोल कर सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे ऐसे 9 आहार जिन्हें हाइपोथायरॉयडिज्म होने पर खाना नहीं चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल की डाइटिशियन सना गिल से बात की।
1. फास्ट फूड- Fast Food
फास्ट फूड में उच्च मात्रा में ट्रांस फैट्स और एडिटिव्स होते हैं, जो शरीर की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism) में यह मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है और थायरॉयड हार्मोन के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसे डाइट से हटाना जरूरी है ताकि थायरॉयड की कार्यप्रणाली सही बनी रहे।
इसे भी पढ़ें- Hypothyroidism or Hyperthyroidism: कौन-सा थायराइड होता है ज्यादा खतरनाक? एक्सपर्ट से जानें
2. सोया उत्पाद- Soy Products
सोया में फाइटोएस्ट्रोजन होते हैं, जो थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। हाइपोथायरॉयडिज्म में सोया उत्पादों का ज्यादा सेवन हॉर्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकता है और थायरॉयड की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है। इसे डाइट में सीमित मात्रा में ही शामिल किया जाना चाहिए।
3. ब्रेड- Bread

कई प्रकार की ब्रेड जैसे सफेद ब्रेड में ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है। हाइपोथायरॉयडिज्म में यह शरीर में सूजन बढ़ा सकता है और मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना रहती है। इसलिए इसे सीमित मात्रा में या डाइट से हटाकर शरीर की सेहत में सुधार किया जा सकता है।
4. ब्रोकली या फूलगोभी- Broccoli or Cauliflower
ब्रोकली, फूलगोभी और शलगम जैसी सब्जियां गोइट्रोजेन्स (Goitrogens) से भरपूर होती हैं, जो थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन में रुकावट डाल सकती हैं। कच्चे रूप में इनका सेवन हाइपोथायरॉयडिज्म में हानिकारक हो सकता है। इन्हें पकाकर खाया जाए, तो ये थायरॉयड को नुकसान नहीं पहुंचातीं।
5. प्रोसेस्ड फूड्स- Processed Foods
प्रोसेस्ड फूड्स में ट्रांस फैट्स, सोडियम और एडिटिव्स होते हैं, जो शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं और थायरॉयड के काम को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह हार्ट की सेहत के लिए भी नुकसानदायक है, जो हाइपोथायरॉयडिज्म के लक्षणों को और बढ़ा सकता है। इन्हें डाइट से हटा देना चाहिए।
6. फ्रूट जूस- Fruit Juice
बोतल बंद फ्रूट जूस में ज्यादा चीनी होती है, जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाती है और शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकती है। हाइपोथायरॉयडिज्म में इस तरह के जूस का सेवन, ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है, जिससे थायरॉयड हार्मोन के स्तर पर असर पड़ता है। इसलिए इसे सीमित करना चाहिए।
7. मीठी चीजें- Sugary Foods

हाइपोथायरॉयडिज्म में इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है, जिससे शरीर चीनी को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता। मीठी चीजों का सेवन ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का कारण बनता है, जो थायरॉयड को प्रभावित करता है। इसका ज्यादा सेवन थायरॉयड के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।
8. एल्कोहल- Alcohol
एल्कोहल थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है और हाइपोथायरॉयडिज्म के लक्षणों को बढ़ा सकता है। यह शरीर में सूजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए इसे सीमित करना या पूरी तरह से छोड़ना सबसे बेहतर होता है।
9. कैफीन- Caffeine
कैफीन का ज्यादा सेवन थायरॉयड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डाल सकता है और हाइपोथायरॉयडिज्म के लक्षणों को बढ़ा सकता है। यह शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ा सकता है, जो थायरॉयड की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version