Ashwini Mudra Benefits: योग मुद्राएं (Yoga Mudra Asana in Hindi) तनाव, शारीरिक समस्याओं को दूर करने में कारगर होते हैं। इनका नियमित अभ्यास करने से हम तनावमुक्त और सकारात्मक रह सकते हैं। आज हम आपको अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra in Hindi) के बारे में बताने जा रहे हैं। अश्विनी मुद्रा का अभ्यास करने से स्टैमिना, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। साथ ही अश्विनी मुद्रा करने से यौन, गुदाद्वार और पेट से संबंधित रोग (Stomach Problems in Hindi) भी दूर होते हैं। अश्विनी मुद्रा के नियमित अभ्यास करना त्वचा के लिए भी फायदेमंद होता है। इसलिए आपको अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra Yoga) को अपनी जीवनशैली में जरूर शामिल करना चाहिए। चलिए योग विज्ञान संस्थान, पंजाब के फाउंडर और चेयरमैन डॉक्टर विकास से जानते हैं अश्विनी मुद्रा के फायदे (Ashwini Mudra ke Fayde) और सावधानियां। साथ ही अश्विनी मुद्रा कब करना चाहिए? (Best Time to do Ashwini Mudra) इसके बारे में भी जानें।
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अश्विनी मुद्रा विधि (Ashwini Mudra Steps)
- अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra ki Vidhi) करने के लिए सबसे पहले आप किसी शांत, साफ वातावरण में एक मैट बिछा लें।
- मैट पर सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस लें, अपने सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
- फिर धीरे-धीरे अपने सांसों को सामान्य करें।
- इसके बाद अपने ध्यान को सांस से हटाकर गुदाद्वार पर लगाएं।
- इसके बाद मलद्वार को अंदर की तरफ सिकोड़ें, कुछ देर इसी अवस्था में रहें।
- फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- आप इस प्रक्रिया को अपनी क्षमतानुसार दोहरा सकते हैं।
अश्विनी मुद्रा के फायदे (Ashwini Mudra Benefits in Hindi)
अश्विनी मुद्रा कई समस्याओं (Ashwini Mudra ke Fayde) को दूर करने में लाभकारी होता है। यह तनाव कम करता है, कब्ज से राहत दिलाता है और त्वचा की समस्याएं भी दूर करता है। इसलिए आपको अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra Benefits in Hindi) का अभ्यास नियमित रूप से जरूर करना चाहिए।
1. तनाव कम करे अश्विनी मुद्रा
अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra ke Fayde) का अभ्यास तनाव कम करने में फायदेमंद होता है। साथ ही यह स्मरण शक्ति को भी बढ़ाता है। अगर आप तनाव, चिंता में रहते हैं तो आपको इसका अभ्यास (Ashwini Mudra Yoga Benefits in Hindi) रोज करना चाहिए।
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2. पेट की समस्याएं दूर करे अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra for Constipation in Hindi)
पेट से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए आप अश्विनी मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। अश्विनी मुद्रा करने से पेट की गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच की समस्या (Stomach Problems in Hindi) दूर होती है। साथ ही अश्विनी मुद्रा करने से पेट की जलन, पेट दर्द में भी आराम मिलता है।
3. बार-बार पेशाब आने की समस्या में फायदेमंद अश्विनी मुद्रा
अश्विनी मुद्रा करने से बार-बार पेशाब आने की समस्या, बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या दूर होती है। अगर आपको पेशाब से जुड़ी (Urination Problem) कोई भी समस्या है, तो आप अश्विनी मुद्रा का नियमित अभ्यास करना शुरू कर सकते हैं।
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4. बवासीर में फायदेमंद अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra for Piles in Hindi)
बवासीर में अश्विनी मुद्रा का अभ्यास करना काफी फायदेमंद होता है। अश्विनी मुद्रा के नियमित अभ्यास से गुदाद्वार से संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है। इसलिए आपको इसका रोजाना अभ्यास (Ashwini Mudra for Piles) जरूर करना चाहिए। अश्विनी मुद्रा करने से बवासीर के दर्द में भी आराम मिलता है।
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5. चेहरे का ग्लो बढ़ाए अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra for Glowing Skin)
त्वचा के लिए भी अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra Benefits) का अभ्यास करना फायदेमंद होता है। इसके अभ्यास से चेहरे पर ग्लो बढ़ता है। साथ ही त्वचा की समस्याएं (Skin Problems in Hindi) भी दूर होती हैं।
अश्विनी मुद्रा में सावधानियां (Ashwini Mudra Precautions in Hindi)
- हमेशा पेट साफ करके ही अश्विनी मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए।
- अगर आपको पेट से संबंधित कोई समस्या है, तो अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra Precautions) करने से बचें।
- गंभीर बीमारियों वाले लोगों को भी अश्विनी मुद्रा का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
- गर्भावस्था में अश्विनी मुद्रा नहीं करना चाहिए।
- अश्विनी मुद्रा हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए। खाना खाने के बाद अश्विनी मुद्रा करने से परहेज करें।
अश्विनी मुद्रा कब करना चाहिए? (Best Time To DoAshwini Mudra)
अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra Kab Kare) का अभ्यास रोज सुबह करना अधिक फायदेमंद होता है। इसलिए आपको इस मुद्रा को रोज सुबह खाली पेट ही करना चाहिए। अगर आपके पास सुबह समय नहीं है, तो आप शाम को भी इसे कर सकते हैं, लेकिन खाना खाने के कम से कम 4-5 घंटे बाद ही अश्विनी मुद्रा का अभ्यास (When to Do Ashwini Mudra) करना चाहिए। शुरुआत में आपको अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra Yoga) का अभ्यास एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए। साथ ही गंभीर रोग वालों को अश्विनी मुद्रा (Ashwini Mudra) करने से बचना चाहिए।
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