Angamardana Yoga Benefits: सालों से योग का अभ्यास किया जा रहा है। योग से आप अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। घंटों में जिम में पसीना बहाकर भी आप अपने शारीरिक कार्यों को बेहतर नहीं कर सकते हैं। लेकिन, योग आपके ब्रेन और बॉडी के साथ तालमेल स्थापित करता है। जिम में भारी वजन उठाने से शरीर गठिला बनता है। लेकिन, इससे लचीलापन नहीं आता है। ऐसे में आपको आगे चलकर कई समस्या होने की संभावना रहती है। वहीं, योग आपके शरीर को लचीलापन प्रदान करता है। योगा एक्सपर्ट ऋपसी अरोड़ा बताती हैं कि योग में कई तरह की क्रियाएं प्रचलित हैं। इस क्रिया अंगमर्दन योग के कई फायदे बताए गए हैं। अंगमर्दन में कई तरह के योग आसानों को शामिल किया जाता है।
अंगमर्दन योग के फायदे - Angamardana Yoga Benefits In Hindi
स्ट्रेंथ और लचीलापन बढ़ाएं
अंगमर्दन, को "अंगों पर नियंत्रण" के रूप में जाना जाता है, इसमें शरीर की प्रत्येक मांसपेशियां और जोड़ पर खिंचाव बनता है। इसके अंतर्गत कई योग मुद्राओं शामिल किया जाता है। इन सभी योग आसनों के नियमित अभ्यास से आपके शरीर की एनर्जी बढ़ती है। साथ ही, शरीर और दिमाग के साथ तालमेल बैठता है।
श्वसन क्रिया में सुधार होना
अंगमर्दन के अभ्यास से डायाफ्राम खुलता है। इससे आपके द्वारा सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है। साथ ही, फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है। रेगुलर कॉन्ट्रैक्शन से फेफड़ों के टिश्यू मजबूत बनते हैं और ऐसे में व्यक्ति के शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। इससे आप खुद को एनर्जेटिक महसूस करते हैं।
तनाव में कमी
आज के समय में अधिकतर लोग देर तक रात तक जागते हैं। इससे उनके मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है। देर रात तक जागने से व्यक्ति में स्ट्रेस बढ़ने लगता है, जिसका असर उनके कार्य पर पड़ता है। लेकिन, जब आप सुबह उठकर अंगमर्दन योग करते हैं, तो इससे ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है, जिससे शरीर के हार्मोन का स्तर ठीक होता है। ऐसे में स्ट्रेस धीरे-धीरे कम होने लगता है।
पाचन क्रिया बनाए बेहतर
अंगमर्दन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र बेहतर होता है। इससे जठरांत्र संबंधी समस्याए कम होती है। इसमें शामिल योग आसान से आपके शरीर के सभी कार्य सुचारु रुप से कार्य करते हैं। ऐसे में आपके भोजन को पचान की प्रकिया में भी सुधार होता है।
ऊर्जा में बढ़ोतरी
अंगमर्दन शरीर की एनर्जी को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके नियमित अभ्यास से प्राण और अपान शक्ति संतुलित होती है। सांसों की लयबद्ध क्रिया से शरीर की ऑक्सीजन बढ़ती है। इससे सभी अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचती है और वह पूर्ण रुप से कार्य करने के लिए सक्षम बनते हैं। इससे आपकी थकान और कमजोरी दूर होती है।
अंगमर्दन कैसे किया जाता है? - How To Do Angamardana In Hindi
- जैसा कि आपको पहले बताया गया है कि, इसमें सुक्ष्म योग क्रिया, सांस संबंधी योग, नौकासन व अन्य को शामिल किया जाता है।
- इस करने के लिए आपको किसी शांत व हवादार स्थान ढूंढना होगा।
- इसकी शुरुआत आप एक ही स्थान पर जॉगिंग से कर सकते हैं।
- इसके बाद हाथों और पैरों की स्ट्रेचिंग करें।
- करीब 4 से 5 मिनट के बाद आप नौकासन, ब्रिज पोज, गौमुख आसन कर सकते हैं।
- इसके बाद आप सांसों से जुड़े योग जैसे कपालभाति, अनुलोम-विलोम कर सकते हैं।
- इन सभी आसनों के बाद आप 5 से 7 मिनट ध्यान क्रिया कर सकते हैं।
- सुबह के समय मात्र 30 मिनट के नियमित योग से आप अपने अंदर कई तरह के बदलाव महसूस करेगें।
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इससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का तालमेल बनता है। साथ ही, आप हठ योग के लिए तैयार होते है। कुछ योगा एक्सपर्ट इसे हठ योग का ही हिस्सा बनाते हैं। आप इसके नियमित अभ्यास से मात्र दो सप्ताह में ही कई तरह के बदलाव महसूस कर सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए आप योगा एक्सपर्ट की देखरेख में इस योग अभ्यास को करें।