चीन से फैली महामारी कोरोना वायरस महीनों के भीतर, कई देशों को अपनी चपेट में ले आयी। कोरोनावायरस ने लाखों लोगों की जान ले ली है और इस महामारी से मानव जाति को हुए नुकसान की भयानक तस्वीर से सभी वाकिफ हैं। यहां तक कि विकसित और चिकित्सकीय रूप से उन्नत देश भी इस घातक नोवल कोरोनावायरस ने आतंक मचाया है, जिससे सामने सभी असहाय हो गए हैं। देश में पूरी तरह से तालाबंदी के बावजूद, लोग अभी भी अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं, जो न केवल उन्हें जोखिम में डाल रहा है, बल्कि उनके परिवार, समुदाय और पूरे देश को भी खतरे में डाल रहा है। भारत ने COVID-19 के तीसरे चरण में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन यदि यह अज्ञानता बनी रही, तो हम बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के साथ मिलकर एक वीडियो जारी किया, जिसमें प्रख्यात चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर शामिल थे। जिन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के बाद, लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की लगातार अपील की और यह समझाया है कि सुरक्षित रहने के लिए घर क्यों रहना चाहिए।
एम्स देश में शीर्ष चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में से एक है। देश भर से मरीज इसकी सबसे अच्छी सुविधा और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के इलाज के लिए यहां आते हैं। वर्तमान में, कोरोनोवायरस प्रकोप के कारण मानव जाति की स्थिति काफी खतरनाक मोड़ पर है। इस घातक हमले से बचने का एकमात्र तरीका घर पर रहना या आइशेलेशन या क्वारंटाइन पर रहना है। डॉक्टर अभी भी इसके एक समाधान खोजने या कोरोनावायरस के लिए एक टीका विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं। तब तक, हम सभी को सहयोग करना चाहिए और घर के अंदर रहना चाहिए। इसके अलावा, चूंकि हमने दूसरे चरण को पार कर लिया है, इसलिए हमें तीसरे चरण को नहीं आने देने के लिए उपाय करने चाहिए और इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग एकमात्र उपाय है। जनता से अपील करते एम्स के डॉक्टरों के MoHFW के द्वारा जारी इस वीडियो को देखें।
विशेषज्ञो कि सलाह
डॉ. एमवी पद्मा, प्रोफेसर और प्रमुख, न्यूरोलॉजी चीफ, न्यूरो साइंस सेंटर
हम इन दिनों शिक्षा, भोजन, करियर इत्यादि से जुड़े कई सवालों का सामना कर रहे हैं, जो कि हमारे जीवित रहने पर ही जुड़े होंगे। इसलिए, जीवित रहने के लिए, घर पर रहें।
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टॉप स्टोरीज़
डॉ प्रसून चटर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर, जेरियाट्रिक मेडिसिन
संक्रमण पकड़ने का डर सीनियर सिटीजन लोगों मे ज्यादा है और उनमें COVID-19 की मृत्यु दर भी सबसे अधिक होती है। उनके पास पहले से अन्य बीमारियों के साथ कमजोर प्रतिरक्षा है, जो उन्हें इस वायरस के लिए अतिसंवेदनशील बनाते हैं। इसलिए, उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को घर पर रहना चाहिए।
डॉ. अंबुज रॉय, कार्डियोलॉजी प्रोफेसर
सुना है कि मरीजों को सुरक्षित रहने के लिए घर पर रहने की सख्त सलाह दी जाती है। क्वारंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का अभ्यास आपको सुरक्षित और स्वस्थ रखेगा। भारत ने तीसरे चरण में प्रवेश नहीं किया है और हमें ऐसा नहीं होने देना है।
डॉ. एस राजेश्वरी, प्रोफेसर और हेड, एनेस्थिसियोलॉजी
हम सबसे विकसित देशों में आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी देख रहे हैं। अपने देश में समान आपदा का सामना न करने के लिए, हमें घर में रहना चाहिए और सामाजिक दूरी यानि सोशल डिस्टेंसिंग का अभ्यास करना चाहिए।
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डॉ. नीरज निश्चल, मेडिसिन ऑफ एसोसिएट प्रोफेसर
यह वायरस अहंकारी है और यह आपके घर तक नहीं आएगा जब तक कि आप बाहर जाकर इसे आमंत्रित नहीं करते हैं। इसलिए, घर पर रहें, सुरक्षित रहें।
डॉ. अंकेश गुप्ता, रेजिडेंट, इंफेक्शन डिजीज
जीवन बचाने के लिए आपको दो सप्ताह तक खुद को क्वारंटाइन करना होगा।
डॉ. नंद कुमार, प्रोफेसर ऑफ साइकेट्रिस्ट
घर पर रहें, परिवार के साथ समय बिताएं, घर का काम करें, संगीत सुनें, नाचें और वह सब करें, जो आपको खुश करें। लेकिन घर के अंदर ही रहें।
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