स्वस्थ रहने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ दिमाग चुस्त रहता है, बल्कि डिमेंशिया तथा अन्य दिमागी बीमारियों से बचाव भी होता है। वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में पाया है कि नींद के दौरान मृत कोशिकाएं दिमाग की रक्त वाहिकाओं के जरिए शरीर की रक्त प्रवाह प्रणाली में जाती है और अंत में जिगर में पहुंच जाती हैं। इस तरह नींद में इन कोशिकाओं की सफाई हो जाती है।
अमेरिका के रोचेस्टर विश्वविद्यालय में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया कि क्यों लोग अपने जीवन का एक तिहाई भाग सोने में बिताते हैं वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में एक चुहिया पर प्रयोग कर पाया कि नींद की प्रक्रिया के दौरान मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के जरिए निर्जीव कोशिकाएं निष्क्रिय होकर शरीर से बाहर निकल जाती है और ताजगी प्रदान करती हैं।
शोधकर्ताओं ने इस प्रयोग के बाद पाया कि इन निर्जीव कोशिकाओं में एक खास किस्म का प्रोटीन तत्व 'एमीलोइड बीटा' भी शामिल होता है जो भूलने की बीमारी अल्जाइमर को बढाने में सहायक होता है। वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया को तर्क सहित स्पष्ट करते हुए कहा कि नींद लेते समय मस्तिष्क की कोशिकाएं 60 प्रतिशत तक सिकुड़ जाती हैं, जिसके कारण शरीर में मौजूद अन्य द्रव तथा रसायन पहले से कहीं अधिक तेजी से निर्जीव कोशिकाओं को शरीर से बाहर करने में मदद करते हैं।
रोचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ता मैकन नेडरगार्ड ने कहा, नींद लेते समय मस्तिष्क शरीर को ताजगी प्रदान करता है तथा इन निर्जीव कोशिकाओं की भूमिका का अंत कर वह दोनों कार्य एक साथ करता है। उन्होंने बताया कि नींद के समय मस्तिष्क यह कार्य दस गुना अधिक तेजी से करता है।
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