आज के समय में ध्वनि प्रदूषण की वजह से लोगों को कान से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो रही हैं। मोबाइल फोन, ईयरफोन आदि से तेज आवाज में गाना सुनने की वजह से भी लोगों को कान से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। कभी-कभी तेज आवाज की वजह से आपके कानों में दर्द की समस्या होती होगी। कान से जुड़ी इंजरी या अन्य परेशानियां होने पर आपको सबसे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कान जुड़ी एक ऐसी ही समस्या का नाम है एकॉस्टिक ट्रॉमा (Acoustic Trauma in Hindi) जिसमें आपके कानों में इंजरी होने से कई गंभीर समस्याएं होती हैं। यह कान में होने वाली एक गंभीर इंजरी है जो ज्यादातर मामलों में हाई डेसिबल आवाज सुनने की वजह से होती है। आइये जानते हैं एकॉस्टिक ट्रॉमा के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में।
एकॉस्टिक ट्रॉमा क्यों होता है? (Acoustic Trauma Causes in Hindi)
एकॉस्टिक ट्रॉमा कानों में होने वाली एक इंजरी है जो ज्यादातर लोगों को तेज आवाज सुनने की वजह से होती है। गोंडा जिला अस्पताल के नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ एए खान के मुताबिक कानों में मौजूद ईयरड्रम के रप्चर होने की वजह से कानों में इंजरी हो जाती है। ईयरड्रम के रप्चर होने की वजह से कानों से सुनाई देना भी कम हो जाता है और बहुत से लोगों में तो बिलकुल भी सुनाई नहीं देता है। इसके अलावा मस्तिष्क में किसी भी तरह की इंजरी होने की वजह से भी आपको ये समस्या हो सकती है। ऐसे में एकॉस्टिक ट्रॉमा के लक्षण दिखने पर चिकित्सक सबसे पहले यह जानने की कोशिश करते हैं कि यह समस्या आपको किस वजह से हुई है। जिसके बाद ही एकॉस्टिक ट्रॉमा का इलाज किया जाता है।
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किन लोगों को होता है एकॉस्टिक ट्रॉमा का रिस्क?
ऐसे लोग जो किसी तेज आवाज उत्पन्न करने वाले औद्योगिक उपकरणों के साथ काम करते हैं या जहां पर हाई डेसिबल आवाज होती है ऐसी जगह पर काम करते हैं उन्हें इस समस्या का खतरा ज्यादा रहता है। एकॉस्टिक ट्रॉमा की समस्या डीजे, हाई डेसिबल संगीत पार्टी आदि में रहने वाले लोगों को भी हो सकता है। इसके अलावा ऐसे लोग जो तेज आवाज में ईयरफोन आदि से संगीत सुनते हैं उन्हें भी इस समस्या का खतरा बना रहता है। एकॉस्टिक ट्रॉमा की समस्या होने का खतरा इन लोगों को ज्यादा रहता है।
- तेज आवाज वाली इंडस्ट्री में काम करने की वजह से।
- डीजे या संगीत पार्टियों में काम करने वाले लोगों को।
- मस्तिष्क में चोट लगने के कारण।
- ऐसे लोग जो तेज आवाज में संगीत सुनते हैं।
- लगातार 85 डेसिबल से ज्यादा का संगीत सुनने वाले लोगों को।
एकॉस्टिक ट्रॉमा के लक्षण (Acoustic Trauma Symptoms in Hindi)
एकॉस्टिक ट्रॉमा की समस्या में आपकी सुनाई देने की क्षमता कम हो जाती है और कोशिकाओं का तंत्रिका तंत्र से संबंध खत्म हो जाता है। इसके अलावा इस समस्या में आपके कानों में दर्द भी हो सकता है। आपको कई बार भनभनाहट जैसी आवाज कानों से सुनाई दे सकती है। जिन लोगों को यह समस्या गंभीर रूप से होती है उन्हें कई बार कान में दर्द के साथ-साथ कान के आसपास की मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है।
एकॉस्टिक ट्रॉमा का इलाज (Acostic Trauma Treatment in Hindi)
एकॉस्टिक ट्रॉमा की समस्या होने पर डॉक्टर सबसे पहले आपके कान की जांच करते हैं उसके बाद समस्या की स्थिति के आधार पर आपका इलाज किया जाता है। सबसे पहले डॉक्टर आपको कुछ दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देंगे और उसके बाद आपको हियरिंग ऐड भी दी जा सकती है। इस समस्या में डॉक्टर कॉक्लियर इम्प्लांट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके अलावा इस समस्या में इलाज के दौरान आपको चिकित्सक की बात जरूर माननी चाहिए।
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एकॉस्टिक ट्रॉमा की स्थिति कुछ लोगों में बहुत गंभीर हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए आपको हमेशा ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए जहां पर तेज आवाज का खतरा रहता है। ईयरफोन आदि के माध्यम से गाना आदि सुनते समय आवाज को बहुत कम रखना चाहिए। इसके अलावा किसी भी तरह की समस्या होने पर आपको डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए।
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