एक्‍यूप्रेशर से करें थायराइड का उपचार

थायराइड जिसमें लक्षण शुरूआत में दिखाई नहीं देते, जैसे रोगों के उपचार के लिए एक्‍यूप्रेशर थेरेपी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है, आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से जानें कैसे।
  • SHARE
  • FOLLOW
एक्‍यूप्रेशर से करें थायराइड का उपचार


थायराइड जिसमें लक्षण शुरूआत में दिखाई नहीं देते, जैसे रोगों के उपचार के लिए एक्‍यूप्रेशर थेरेपी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाती है। थायराइड डिस्‍ऑर्डर थायरॉयड ग्रंथि का आम विकार है। थायराइड हार्मोंन शरीर के चयापचय और लगभग हर अंग प्रणाली के विनियमित को प्रभावित करता है। यह बताता है कि अंग कैसे तेजी या धीमी गति से काम करते हैं। थायराइड हार्मोंन शरीर की ऑक्‍सीजन की खपत और हीट के उत्‍पादन को विनियमित करता है। थायराइड समस्‍याएं जैसे ओवर‍एक्‍टिव और अंडरएक्टिव थायराइड गंभीर रूप से चयापचय को प्रभावित करता है।

इसे भी पढ़ें, थायराइड के लिए 10 जड़ी बूटी

acupressure for thyroid in hindi


थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी से चयापचय प्रभावित होने से आपको अधिक थकावट महसूस होती है और वजन बढ़ने लगता है। साथ ही अन्‍य समस्‍याएं भी होने लगती है। हाल ही में हुए वैज्ञानिक अध्ययनों में थायराइड डिस्‍ऑर्डर जैसे हाइपोथायरायडिज्‍म को वजन बढ़ने से जोड़ा गया है। थायराइड हार्मोंन एक महत्‍वपूर्ण अंत: स्रावी हार्मोन है जो कई शारीरिक कार्यों के लिए आवश्‍यक है। यह चयापचय गतिविधि की बढ़ती दर और कुछ एंजाइमों का संश्लेषण के लिए जिम्मेदार होता है। हाइपोथायरायडिज्म को स्वाभाविक रूप से योग, प्राकृतिक चिकित्सा या एक्यूप्रेशर द्वारा ठीक किया जा सकता है, लेकिन सबसे पहले इसकी पुष्टि करना बहुत आवश्‍यक होता है।

इसे भी पढ़ें, इन संकेतो से जानें महिलाओं मे थॉयराइड का खतरा


थायराइड के उपचार के लिए एक्यूप्रेशर

थायराइड हार्मोन चयापचय की दर को सही बनाने में मुख्‍य भूमिका निभाते हैं। इसके ठीक से काम न करने से वजन का बढ़ना, थकान, हाथों और पैरों में ठंडापन, ध्‍यान केंद्रित करने में कठिनाई, चिंता, कब्‍ज, डिप्रेशन, बालों को झाड़ना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। साथ ही कोमलता या दर्द थायराइड की समस्या को इंगित करता है। लेकिन घबराइए नहीं क्‍योंकि एक्‍यूप्रेशर थेरेपी से इसका इलाज किया जा सकता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों खासकर हथेलियों और पैरों के तलवों के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर दबाव डालकर विभिन्न रोगों का इलाज करने की विधि को एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्दति कहा जाता है। बिना दवा के इलाज करने वाली यह सरल, हानिरहित, खर्चरहित व अत्यंत प्रभावशाली व उपयोगी थेरेपी है। एक्यूप्रेशर का एक बड़ा लाभ यह है कि बीमारी का पता और इलाज दोनों एक ही तरह से किया जाता है।


थायराइड के उपचार के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु

  • थायराइड की समस्‍याओं को कम करने के लिए इस्‍तेमाल होने वाले एक्‍यूप्रेशर बिंदु आपकी आंखों के बीच में स्थिति होते है, जो पिट्यूटरी फंग्‍शन को उत्‍तेजित करते हैं।
  • एक्युप्रेशर थेरेपी के अनुसार थायरायड व पैराथायरायड के प्रतिबिम्ब बिंदु हाथों एवं पैरों दोनों के अंगूठे के बिलकुल नीचे ऊंचे उठे हुए भाग में स्थित होता हैं। थायरायड के अल्पस्राव की अवस्था में इन केन्द्रों पर घडी की सुई की दिशा में अर्थात बाएं से दायें प्रेशर दें तथा अतिस्राव की स्थिति में प्रेशर दायें से बाएं (घडी की सुई की उलटी दिशा में) देना चाहिए। इसके साथ ही पिट्यूटरी ग्‍लैंड के भी प्रतिबिम्ब बिंदु पर भी प्रेशर देना चाहिए।
  • प्रत्येक बिंदु पर एक से तीन मिनट तक प्रतिदिन दो बार प्रेशर देना चाहिए। पिट्यूटरी ग्‍लैंड के केंद्र पर पम्पिंग मैथेड (पम्प की तरह दो-तीन सेकेण्ड के लिए दबाएं फिर एक दो सेकेण्ड के लिए ढीला छोड़ दें) से प्रेशर देना चाहिए।

अपने खुद के दबाव बिंदुओं को उत्तेजित करना सीखकर आप छोटे-मोटे लक्षणों से राहत पा सकते हैं और नॉनप्रेस्क्रिप्शन दवाओं की आवश्यकता को कम कर सकते हैं। अधिकांश दवाओं के बिना आमतौर पर इससे तत्काल राहत मिलती है।

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते हैं।

Image Source : blogspot.com
Read More Articles on Thyroid in Hindi

Read Next

इन तीन कारणों वर्तमान में सामान्‍य हो गई है थायराइड समस्‍या

Disclaimer