
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन डिएगो के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ब्रेस्ट मिल्क का संज्ञानात्मक विकास पर प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए 50 महिलाओं और शिशुओं का अध्ययन किया।
PLOS OnE में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि दूध पिलाने के पहले महीने में ब्रेस्ट मिल्क में 2'FL की मात्रा दो साल की उम्र तक शिशुओं में काफी अधिक संज्ञानात्मक विकार स्कोर से संबंधित थी। हालांकि छह महीने के भोजन में ब्रेस्ट मिल्का में 2'FL की मात्रा संज्ञानात्मक परिणामों से जुड़ी नहीं थी। ये दर्शाता है कि एक नवजात शिशु के लिए उसकी मां का दूध कितना महत्वपूर्ण है।
अध्ययन के सह लेखक लार्स बोडे और मदर मिल्क-इन्फेंट सेंटर ऑफ रिसर्च एक्सीलेंस कैलिफोर्निया के निदेशक सैन डिएगो ने कहा, हमारे अध्ययन से पता चलता है कि यह तकनीक हमें संज्ञानात्मक विकास जैसे शिशुओं में ब्रेस्ट मिल्क की संचरना में सहयोगी मतभेद की अनुमति देता है।
पोस्टडॉक्टोरल रिसर्च एसोसिएट और अध्ययन के पहले लेखक बर्जर ने कहा, ''जीवन के पहले दो वर्षों में ब्रेस्ट मिल्क संज्ञानात्मक विकास पर संभावित रूप से दीर्घकालिक प्रभाव का सवाल उठाता है।''
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टीम ने यह निष्कर्ष निकाले कि स्तनपान द्वारा दी गई न्यूरोडेवलपमेंट मुख्य रूप से उन मांओं के कारण था, जो अधिक 2'FL का उत्पादन कर रही थीं।
माइकल गोरान, अध्ययन के वरिष्ठ लेखक ने कहा, ''अध्ययन से पता चलता है कि मां के दूध में कई अलग-अलग तरह के यौगिक होते हैं और इसकी रचना गतिशील होती है, यह समय के साथ बदलता है और माताओं के बीच अत्यधिक परिवर्तनशील है।
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बर्जर ने कहा कि कुछ महिलाओं के लिए स्तनपान कराना एक चुनौती हो सकती है। क्योंकि कुछ मांएं स्तनपान कराने में सक्षम नहीं होती हैं या अल्पकालिक समय के लिए स्तनपान करा सकती हैं। लेकिन जो महिलाएं बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं, वह 2'FL के संभावित पोषण के रूप में बच्चे को बेहतर संज्ञानात्मक विकास में समर्थन मददगार हो सकती हैं।
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