
सर्दियों में लोग साग खाना काफी पंसद करते हैं। पर अगर आप पालक और सरसों का साग खाकर बोर हो गए हैं, तो साग के ये 7 प्रकार ट्राई कर सकते हैं।
सर्दियों में ज्यादातर लोगों के घरों में साग बनता है। साग (Saag Uses)के कुछ आम विकल्पों की बात करें, तो सरसों, मेथी, चौलाई और चने का साग अपने यहां सबसे ज्यादा बनाया जाता है। पर इन सबको छोड़ दें, तो साग के कुछ अन्य प्रकार (types of saag in hindi) भी हैं, जिन्हें आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। साग के इन प्रकारों को खाने के भी अपने ही फायदे हैं (Benefits of saag)। तो आइए, जानते हैं साग के 7 प्रकार (types of saag) और साग खाने के फायदे (health benefits of saag)
साग के 7 प्रकार (Types of saag)
1.अरबी का साग
अरबी को भारतीय प्रदेशों में कई तरीके से खाया जाता है। अरबी के पत्ते को कुछ लोग जहां अरबी के पत्ते की पकौड़ी बनाते हैं, तो वहीं बिहार जैसे राज्यों में इसका कोफता भी बनाया जाता है। पर अरबी के पत्ते का साग सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है। अरबी का साग खाने के फायदे की बात करें, तो अरबी में सोडियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे खनिज पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए और विटामिन सी भी पाया जाता है, जो इम्यूनिटी बूस्टर करने के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा इसका हाई फाइबर इसे डायबिटीज के रोगी और मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए साग का बेहतर विकल्प बनाता है।
2.सहजन का साग
सहजन (Moringa)के पत्ते को खान-पान में कई तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। आप जहां सहजन के पत्तियों की चाय बना कर पी सकते हैं, तो वहीं आप इसके पत्ते से साग भी बना सकते हैं। सहजन के पत्ते कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस का अच्छा सोर्स माने जाते हैं, जो कि हड्डियों के विकास में मददगार हैं।सहजन की पत्तियों में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं, जो शरीर में इंफ्लेमेशन के कारण होने वाली समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं और हृदय स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखते हैं। इन सबके अलावा जिन लोगों को एनीमिया (anemia)है उनके लिए सहजन के साग को खाना रेड ब्लड सेल्स की कमी को पूरा कर सकता है।
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3.चिरोटा का साग
चिरोटा का साग सर्दियों के लिए बहुत फायदेमंद है। ऐसा इसलिए कि चिरोटा के साग गर्म तासीर वाला होता है। चिरोटा के साग के फायदे की बात करें, तो ये फाइबर, प्रोटीन और आयरन से भरपूर है। ये जहां पेट के लिए अच्छा है वहीं ये सर्दी-जुकाम में खाने के लिए भी अच्छा है। इस सबके अलावा अस्थमा रोग में इसके फूलों को पकाकर सब्जी के रूप में भी खाया जाता है।
4.नोनिया साग के फायदे
नोनिया साग को लोग सुशनी के पत्तों के साथ मिलाकर बनाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर माना जाता है और शरीर को कई सारे इंफेक्शन से बचाए रखता है। साथ ही इसमें विटामिन सी और कुछ मिनरल्स भी पाए जाते हैं, जो कि पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। साग के अलावा लोग सुशनी के पत्तों को चटनी भी बना कर खाते हैं।
5.कश्मीरी हाक
कश्मीरी हाक का साग पालक के साग जैसा ही होता है। इसे प्याज, लहसुन और सौंठ डाल कर काफी बेहतरीन तरीके से बनाया जाता है। कश्मीरी हाक खाने के फायदे की बात करें, तो ये इस साग में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है, जो कि हड्डियों के विकास के लिए फायदेमंद है। साथ ही ये काफी गर्म तासीर वाला है,तो आप इस साग को सर्दियों में खा सकते हैं।
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6.पुई साग
पुई एक जंगली बेल है, जिसे कई जगहों पर पकौड़ी बना कर खाया जाता है। पुई साग को खाने से गैस की परेशानी से आराम मिलता है। साथ ही इसे खाने से कफ में भी कमी आती है। पुई के पत्तों को साग बनाने के अलावा भी कई तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। माना जाता है कि इसके पत्तों को उबाल कर पीने से ये मुंह के छालों को भी ठीक करने में मदद करता है।
7.कद्दू के पत्ते का साग
कद्दू के पत्ते में विटामिन ए और सी आदि पाए जाते हैं। विटामिन ए जहां, आंखों की रोशनी में सुधार करता है और स्वस्थ त्वचा व बालों को बढ़ावा देता है, वहीं विटामिन सी घावों को ठीक करने और हड्डियों, त्वचा और दांतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसलिए अगर आप इसका कद्दू के पत्ते का साग बना कर खाएंगे तो, तो आपको ये सारे लाभ मिलेंगे।
तो, अगर आपने साग के इन 7 प्रकारों को अभी तक नहीं खाया है, तो एक बार जरूर ट्राई करें। ये खाने में जहां टेस्टी हैं, वहीं ये स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।
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