आजकल ज्य़ादातर लोग घुटने के दर्द से परेशान रहते हैं, इसकी वजह से उनकी रोज़मर्रा की दिनचर्या भी प्रभावित होती है। अगर पहले से ही सजगता बरती जाए तो इस समस्या से बचाव संभव है। पहले ऐसा माना जाता था कि घुटने का दर्द बढ़ती उम्र की समस्या है, पर आजकल युवाओं में भी इसके लक्षण नज़र आने लगे हैं। आधुनिक जीवनशैली की व्यस्तता और खानपान की गलत आदतों की वजह से आबादी का बड़ा हिस्सा इसकी गिरफ्त में आ रहा है। उम्र बढऩे के साथ घुटनों के बीच मौज़ूद कार्टिलेज घिस कर सूखने लगता है। इससे घुटने मोडऩे और चलने-फिरने में तकलीफ होती है। 60 साल की उम्र के बाद ज्य़ादातर लोगों को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ता है और इसे प्राइमरी ऑस्टियो ऑथ्राइटिस कहा जाता है।
इसे भी पढ़ें : किस तरह संभव है र्यूमेटॉइड अर्थराइटिस का इलाज, जानें एक्सपर्ट की राय
कैसे करें बचाव
- लंच या डिनर से पहले तीन-चार ग्लास पानी पीएं। फिर ढेर सारा सैलड खाने के बाद मेन कोर्स शुरू करें। पहले से ही आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा और आप ओवरईटिंग से बचे रहेंगे। अपनी डाइट में फलों और सब्जि़यों को प्रमुखता से शामिल करें।
- एनिमल फैट और उससे बनी चीज़ें जैसे घी, मक्खन, चीज़ आदि से दूर रहने की कोशिश करें। इस फैट की वजह से घुटनों की झिल्ली में सूजन, जकडऩ व दर्द पैदा हो सकता है। बेहतर यही होगा कि कुकिंग के लिए किसी वेजटेबल ऑयल का इस्तेमाल किया जाए।
- अपने भोजन में अंकुरित अनाज और फायबरयुक्त चीज़ों, जैसे- दलिया, सूजी और ओट्स आदि को प्रमुखता से शामिल करें।
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें। अपने भोजन में सोयाबीन को प्रमुखता से शामिल करें। इसमें प्राकृतिक एस्ट्रोजन होता है। इससे जोड़ों की सूजन भी कम होती है।
- आटे में गेहूं के साथ सोयाबीन या चना मिलवाएं। इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलता है, जो मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद होता है।
- ज्य़ादा घी-तेल का इस्तेमाल रोकने के लिए नॉनस्टिक बर्तन का इस्तेमाल करें।
- किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन न करें।
- मेवों का सेवन कम करें क्योंकि इनमें मौज़ूद अतिरिक्त कैलरी वज़न बढ़ा सकती है।
- चावल व आलू जैसी स्टार्चयुक्त चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करें। तली-भुनी और मीठी चीजें न खाएं।
isnidejnml.jpg)
स्पेशल टिप्स
अर्थराइटिस के मरीज़ों को अनावश्यक रूप से खड़े होने व चलने से बचना चाहिए। घुटनों को जहां तक संभव हो 90 डिग्री के एंगल से ज्य़ादा न मोंड़ें। पालथी मारकर या उकडूं बैठने से बचें। डेढ़ फुट से ऊंचे स्टूल पर बैठकर ही स्नान करें। खाना भी ऊंची कुर्सी पर बैठकर ही बनाएं। सीढियां चढ़ते-उतरते समय साइड रेलिंग का सहारा लें। घुटने पर नी कैप पहनना दर्द से राहत दिलाता है। कुछ मरीजों को नी ब्रेस पहनने की सलाह भी दी जाती है। आरामदेह फुटवेयर का चुनाव करें। रोज़ाना सात-आठ घंटे की नींद ज़रूर लें। इससे कार्टिलेज की मरम्मत में मदद मिलती है।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Article on Arthritis in Hindi