कहते हैं शादियां स्वर्ग में तय होती है और पृथ्वी पर मिलन होता है। लेकिन अरेंज मैरिज में इस बात को कहना आसान नहीं है। असल में अरेंज मैरिज में सही पार्टनर चुनना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह पूरी जिंदगी की बात होती है। कुछ ही मुलाकातों से, भावी पार्टनर के बिहेवियर, बातचीत के जरिये यह फैसला लेना होता है कि वह सही है या नहीं। यही वजह है कि अरेंज मैरिज करने से कई लोग अच्छी तरह परख कर लेना चाहते हैं। इसके बावजूद अच्छा जीवनसाथी चुनने में नाकामयाब रहते हैं। अगर आप ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना चाहते हैं, तो यहां दिए जा रहे कुछ टिप्स को अपनाएं।
क्या वह रेडी है
सबसे पहले आप अपने भावी पार्टनर से यह सवाल जरूर पूछें कि क्या वह नए रिश्ते के लिए तैयार है? क्या वह उसकी जिंदगी में होने वाले बदलाव के तैयार है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि वह किसी के दबाव में आकर शादी का फैसला ले रहा है? इस सवाल को आप सिर्फ अपने भावी पार्टनर से ही न पूछें। दो-तीन मुलाकातों के बाद आप यह सवाल खुद से भी पूछें। अगर लगे कि घर वाले चाहते हैं, इसलिए यह शादी कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि शादी का फैसला टाल दें। यही सच भावी पार्टनर से भी जानने कोशिश करें।
क्या वह ईमानदार है
हर कोई चाहता है कि उसका पार्टनर ईमानदार हो। लेकिन कौन ईमानदार है और कौन बेईमान, इस बात का पता लगाना आसान नहीं है। जाहिर है, चंद मुलाकातों से भी यह सच जगजाहिर नहीं होगा। ऐसी स्थिति में आप अपने भावी पार्टनर के इतिहास को खंगालें। उसके फाइनेंशियल स्टेटस, उसकी च्वाइस, उसके पुराने रिलेशनशिप से इस सच को जानने की कोशिश करें। अगर इससे भी पता न चले तो उसके साथ घटित कुछ वाकयों से सच जानने की कोशिश करें।
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क्या वह इमोशन की कद्र करता है
इस बात को ध्यान रखें कि जो शख्स दूसरों के इमोशनंस की कद्र करता है, वही ताउम्र साथ निभाता है और बेइंतहां प्यार करता है। इस सच्चाई को जानने के लिए आपको भावी पार्टनर आपके साथ कैसे पेश आ रहा है, इसकी परख न करें। इसके बजाय वह अपने दोस्तों, परिचितों के साथ कैसा, इसका विश्लेषण करें। इससे पता चल जाएगा कि उसके लिए दूसरों के इमोशंस की कितनी कद्र है। संवेदनहीन लोग स्वभाव से डिमांडिंग होते हैं और बातचीत में अपशब्दों का प्रयोग ज्यादा करते हैं।
क्या सहज होकर बातचीत करता है
जिसे आप अपना भावी पार्टनर चुनने वाले हैं, क्या उससे बातचीत करते हुए आप सहज रहते हैं? अगर आप या आपका भावी पार्टनर दोनों ही एक दूसरे के साथ सहज नहीं हैं, तो इस रिश्ते को लंबा खींचना बेकार है। दरअसल जिसे आप जीवनसाथी चुनने वाले हैं, वह कुछ ही दिनों की मुलाकात में आपके साथ सहज हो जाएगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो ऐसे शख्स को जीवनसाथी बनाना सही नहीं है। इस बात का ध्यान रखें कि सवंादहीनता यानी लैक आफ कम्युनिकेशन रिश्ते को खत्म करता है।
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क्या उसमें आत्मविश्वास है
जिंदगी में हमेशा सब कुछ अच्छा-अच्छा हो, यह जरूरी नहीं है। आखिर जिंदगी है, तो उतार-चढ़ाव तो आने ही हैं। ऐसे में अगर जब आप अपने भावी पार्टनर के साथ कंफर्टेबल हो जाएं, तो इस बात का पता लगाएं कि क्या उसमें हर तरह की सिचुएशन से पार पाने का कान्फिडेंस है? अगर नहीं, तो इस रिश्ते से अपने पैर खींच लेना ही बेहतर है। हालांकि अरेंज मैरिज में ऐसी सिचुएशन नहीं आती। लेकिन आप इस बात का पता उसकी बातचीत और बातचीत के विषयों से लगा सकती हैं।
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