
मडुआ रोटी खाने से शरीर की कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। इसे रागी और कोदो नाम से भी जाना जाता है।
आपने बाजरे की रोटी तो जरूर खाई होगी। लेकिन क्या आपने कभी मडुआ की रोटी खाई है। अगर नहीं तो आज हम आपको यहां बताएंगे कि मडुआ की रोटी खाने के क्या फायदे होते हैं। मडुआ की रोटी का स्वाद बिल्कुल बाजरे की रोटी के समान होता है। इसे बनाना भी आसान होता है। बाजरे की खेती में बाजरा लंबी-लंबी डंडियों में उगता है तो वहीं मडुआ जैसे एलोवेरा का पौधा होता है कुछ उससे अधिक लंबाई वाला पौधा होता है। उसमें छोटे-छोटे फूल आते हैं जिनमें मडुआ के दाने होते हैं। इन दानों को निकलवाकर पिसवाया जाता है। फिर उस आटे से आप रोटी, डोसा, केक, मोटी डबल रोटी, चिप्स कुछ भी बना सकते हैं। मडुआ की रोटी मक्खन के साथ खाने में बहुत लजीज लगती है तो वहीं इसे अक्सर सर्दियों में खाया जाता है। मडुए को अलग-अलग जगह अलग नामों से जाना जाता है। उत्तराखंड के कुमाऊं में इसे मडुआ और दक्षिण भारत में रागी कहा जाता है। उत्तराखंड में इस रोटी को खूब पसंद किया जाता है।
मडुआ (रागी) रोटी खाने के फायदे
मडुए में कैल्शियम, प्रोटीन, ट्रिपटोफैन, आयरन, मिथियोनिन, फाइबर, लेशिथिन, फास्फोरस, कैरोटीन और कार्बोहाइड्रेट आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे सर्दियों में ही खाना चाहिए। मडुआ की रोटी खाने से शरीर को अनेक फायदे मिलते हैं। आइए जानते मडुआ की रोटी खाने के फायदे।
1. पेट की समस्याओं से दिलाए निजात
मडुआ में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है जो वजन कम करने में तो सहायक होता ही है। साथ ही पेट की समस्याएं जैसे अपच, एसिडिटी, कब्ज से भी राहत दिलाता है। मडुए की रोटी नियमित खाने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी ठीक रहता है।
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2. वजन कम करने में मददगार
मडुआ की रोटी खाने से भूख पर नियंत्रण होने लगता है। जिससे बार-बार भूख नहीं लगती। जब बार-बार भूख नहीं लगेगी तो वजन खुद-ब-खुद कंट्रोल रहेगा। दूसरा इसमें वसा कम होती है जिस वजह शरीर में फैट कम बढ़ता है। मडुआ में ट्रिप्टोफेन नामक एसिड पाया जाता है जो भूख को कंट्रोल करता है। इस तरह मडुआ की रोटी का नियमित सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है। वजन कम करने की तमाम कोशिशों से जो लोग नाकाम हो चुके हैं उन्हें इस रोटी का सेवन जरूर करना चाहिए।
3. दांतों के लिए असरदार
मडुआ में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यही वजह है कि यह दांतों की सभी परेशानियों के लिए रामबाण इलाज है। मसूड़ों की कमजोरी, सेंसटिविटी हो या दांतों का इनेमल हटना हो, सभी परेशानियों में यह असरदार है। जो लोग उत्तराखंड हैं उन्हें जरूर इस रोटी के फायदे के बारे में मालूम होगा। बहुत से लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से ऐसे अनुभव किए हैं जिसमें लोगों ने बताया है कि तमाम डेंटलिस्ट के चक्कर काटकर भी उनकी समस्या दूर नहीं हुई लेकिन एक महीने मडुआ की रोटी खाने से उन्हें फायदा मिला।
4. हड्डियों को दे मजबूती
मडुआ में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मडुआ या रागी में कैल्शियम की मात्रा प्रचूर होती है इसलिए ये शरीर के हड्डी के रोगों को खत्म करता है। इसके नियमित सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोग भी ठीक हो जाते हैं।
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5. डायबिटीज के रोगियों के लिए रामबाण
मडुआ की रोटी खाने से भूख कम लगती है जिससे डायबिटीज के रोगी को बार-बार भूख नहीं लगती। दूसरा मडुआ ग्लूटन फ्री होता है। जिससे ग्लूकोज के स्तर में गिरावट आती है। इसके नियमित सेवन से डायबिटीज के मरीज को बहुत फायदा मिलता है। डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति अगर सुबह-शाम यह रोटी खाता है तो उसकी समस्या कम हो सकती है।
भारत में ऐसी कई औषधियां, बीज, पौधे आदि हैं जिनके बारे में सभी को नहीं मालूम है। ये पौधे सेहत को बहुत फायदा पहुंचाते हैं उन्हीं में से एक है मडुआ यानी रागी। इसे उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक इस्तेमाल किया जाता है। ये बात अलग है कि अलग-अलग जगह अलग नाम होने की वजह से लोग इसे अलग-अलग नामों से जानते हैं। कहीं इसे रागी तो कहीं मडुआ तो कहीं कोदो कहा जाता है। इस मडुआ की रोटी खाने से शरीर की कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
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