हर नए माता-पिता के लिए बच्चों को संभालना थोड़ा मुश्किल काम होता है। खास कर जब बच्चे बहुत छोटे हों और बीमार पड़ जाए। ऐसे में माता-पिता छोटी सी चीज पर भी परेशान हो जाते हैं और बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाते हैं। पर शिशु के लिए कुछ आसान घरेलू नुस्खे हैं, जिनकी मदद से आप उनके पेट दर्द, दस्त और सर्दी-जुकाम जैसे हल्की परेशानी को ठीक कर सकते हैं। पर कोरोना के समय में समझने वाले बात ये है कि आपके शिशु को कैसे सर्दी-जुकाम हुई है। दरअसल, बच्चे को सर्दी, श्वसन संक्रमण के कारण या मौसमी फ्लू के कारण हो सकता है। ये वायरस त्वचा से त्वचा के संपर्क, खांसी या छींक से छोटी बूंद या वस्तु के संपर्क से फैलते हैं, जो माता-पिता या किसी के जरिए बच्चे तक पहुंच जाता है। इसके अलावा मौसम बदलने पर भी बच्चे को जुकाम हो जाता है। ऐसे में आम सर्दी-जुकाम में प्राथमिक उपचार के रूप में आप कुछ घरेलू नुस्खों (home remedies for cold in babies) की मदद ले सकते हैं।
वेलनेस कॉच ल्यूक कॉउटिन्हो (Luke Coutinho) लगातार अपने सोशल मीडिया साइट्स और ब्लॉग पर ऐसी छोटी-छोटी चीजों को शेयर करते रहते हैं, जो कि आपके लिए कारगर हो और आसान हो। ल्यूक कॉउटिन्हो ने अपने ब्लॉग में छोटे बच्चों में सर्दी-जुकाम को ठीक करने वाले कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताया है। इनमें से कुछ नुस्खों के बारे में हम में से ज्यादातर लोग ज्यादा जानकारी नहीं रखते है, जब कि ये नुस्खे कारगर हैं और आसान भी। तो आइए जानते हैं क्या हैं ल्यूक कॉउटिन्हो के बताए ये खास घरेलू नुस्खे।
बच्चों में सर्दी-जुकाम के लिए खास घरेलू नुस्खे -home remedies for cold in babies
1. लहसुन और अजवाइन की मालिश
ल्यूक कॉउटिन्हो की मानें, तो लहसुन और अजवाइन की मालिश बच्चों के लिए शुरू से बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इस पुराने ज्ञान के प्रयोग से आपका बच्चा लंबे समय तक खांसी और जुकाम से बचा रह सकता है। बता दें कि लहसुन एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुणों की भरमार है, जो कि आपके बच्चे को सर्दी-जुकाम से बचाए रख सकता है। तो, अजवाइन में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कि जुकाम में कंजेशन या कफ जाने पर राहत महसूस कराते हैं। तो, इस दोनों को मिला कर आप अपने बच्चों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको
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- -लगभग ¼ कप सरसों का तेल लेना है।
- -इसे गर्म करें और आंच बंद कर दें। अब इसमें 1 - 2 लहसुन को कुंच कर डालें।
- -अब लौंग और एक चुटकी अजवाइन इसमें मिलाएं।
- -अब लहसुन और अजवाइन वाले इस तेल को ढक कर रखें।
- जब इसका तापमान कम हो जाए, तो आप इसका उपयोग अपने बच्चे की छाती और पैरों के तलवों की मालिश करने के लिए कर सकते हैं।
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2. तुसली और पान के तेल से मालिश करें
तुलसी को सर्दी-जुकाम के लिए हमेशा से रामबाण उपाय माना गया है। तुलसी जहां एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है वहीं पान श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करता है। इसके अलावा इन दोनों में ही एंटीबैक्टीरियल गुण है, जो मिल कर मौसमी बीमारियों से हमारा बचाव कर सकते हैं। पर छोटे बच्चे इन दोनों का सेवन नहीं कर सकते इसलिए आपको इन दोनों एक तेल की तरह तैयार करना होगा और उससे अपने बच्चे की मालिश करनी होगी। इसका तेल तैयार करने के लिए आपको नारियल तेल नें पान का पत्ता और तुलसी मिला कर गर्म करना होगा। फिर जब ये थोड़ा ठंडा हो जाए, तो इससे अपने बच्चे की छाती पर लगाएं।
पर ध्यान रहे कि इससे पहले कि आप मालिश शुरू करें, आपको पहले यह देखने के लिए क्या ये तेल आपके बच्चे की त्वचा पर सूट करते हैं या नहीं एक छोटा सा पैच टेस्ट करना जरूरी है। बता दें कि सर्दी के इलाज में तुलसी का अर्क बहुत फायदेमंद है। तो पान के इस्तेमाल से आप छाती, फेफड़ों की कंजेशन और अस्थमा में भी राहत पा सकते हैं। इसके अलावा आप पत्ती पर थोड़ा सा सरसों का तेल लगाकर और इसे गर्म करके सीने पर भी रख सकते हैं। ये आपके बच्चे को जल्दी ठीक करने में मदद करेगा।
3. नीलगिरी का तेल इस्तेमाल करें
नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदों को एक साफ कपड़े पर छिड़कें और उस कमरे में रखें जहां बच्चा सोता है। आप पानी में नीलगिरी के तेल को भी डाल सकते हैं और इसे उसके पास रख सकते हैं। इसकी सुगंध से बच्चों के नाक खुल जाएगा और उसे सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। बता दें कि नीलगिरी का तेल जुकाम, पुरानी खांसी से पीड़ित रोगी के लिए बहुत असरदार होता है। इसे छिड़ककर सुंघाने से बंद नाक खुल जाती है। नीलगिरी का तेल एक सूती कपड़े में लगा दिया जाए और सर्दी और खांसी होने पर सूंघा जाए तो आराम मिलता है। गले में दर्द होने पर भी नीलगिरी के तेल का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही ये सिर दर्द और माइग्रेन को कम करने में मदद कर सकता है।
4. बच्चे की छाती पर लगाएं ये हर्बल पेस्ट
बच्चों को भी सर्दी-जुकाम होने पर अगर बलगम पूरी तरह से न निकल पाए तो यह आपके बच्चे के सीने में जम (toddler flu remedies) सकता है और कंजेशन या सांस लेने की दिक्कत पैदा कर सकता है। ऐसे में आप इस हर्बल पेस्ट की मदद ले सकते हैं। दरअसल भारतीय मसालों में प्रचुर मात्रा में हीलिंग गुण होते हैं और उनमें से अधिकांश शिशुओं के लिए सुरक्षित रूप से उपयोग किए जा सकते हैं। इस पेस्ट को बनाने के लिए
- - एक हल्दी की गांठ लें और इसे भूनें। अब इसे पाउडर बना लें।
- -अब गर्म दूध के साथ एक चिकनी पेस्ट बनाएं।
- -अब इसमें केसर और मीठे वच मिला लें और इसे बच्चे की नाक, माथे, छाती और पीठ पर लगाएं।
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5. अजवाइन की सिकाई करें
अजवाइन थाइमोल एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरा होता है, जो कंजेशन को दूर करने और कफ को शांत करने में मदद करता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए
- -एक पैन में लगभग 1 - 2 बड़े चम्मच अजवाईन के बीज भूनें जब तक कि बीज की सुगंध आपको न आने लगे।
- - जब वे गर्म हो जाए तो, इन बीजों को एक साफ मलमल के कपड़े में कसकर बांध दें और सोते समय इसे अपने बच्चे की नाक के पास रखें या इसे अपने बच्चे की छाती, पीठ और गले पर गर्म सेक के रूप में उपयोग करें। -बच्चे की त्वचा पर उपयोग करने से पहले हमेशा तापमान की जांच करें और तभी इससे बच्चे की सिकाई करें।
इसके अलावाआप बच्चे में फील-गुड हार्मोन्स को बूस्ट कर सकते हैं। इससे आपका बच्चा जल्दी ठीक हो पाएगा। इसके लिए अपने बच्चे से कुछ हंसी-मज़ाक करें और उसे खुश करें। ये उसमें फील गुड होर्मोन को ट्रिगर करेगा। आप अपने बच्चे को स्पर्श और कडल भी कर सकते हैं या कई तरह के मुंह बना-बना कर उन्हें खुश कर सकते हैं। बता दें कि ऑक्सीटोसिन फील-गुड हार्मोन है, जो कि बच्चों में प्रियजनों के साथ स्पर्श के कारण बढ़ता है। इसलिए अपने बच्चे के साथ समय बिताएं और इन नुस्खों की मदद से उनके सर्दी-जुकाम को ठीक करें।
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