हमारे माता-पिता हम सभी के लिए हमारी पूरी दुनिया हैं। ऐसे वक्त में जब देश-दुनिया में महामारी फैली हुई है, तब बुजुर्ग मां-बाप का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ये इसलिए इतना जरूरी है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ उनकी इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर हो गई है, जिससे वो आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। साथ ही उन्हें पहले से ही डायबिटीज, अर्थराइटिस और हाई बीपी समेत कई सारी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है कि उनकी डाइट को ठीक किया जाए। इसके लिए हम कुछ आयुर्वेदिक चीजों को उनकी रोजाना की डाइट में शामिल कर सकते हैं, जो उनका इम्यूनिटी बिल्डअप करेगी और उन्हें बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करेगी। तो आइए जानते हैं इन आयुर्वेदिक चीजों के बारे में।
1.तुलसी वाली चाय
क्या आपको वो दिन याद है जब आपकी मम्मी आपको अच्छे स्वास्थ्य के लिए तुलसी का सेवन कराती थीं? तो अब आपके माता-पिता के लिए यह करने की बारी आपकी है। तुलसी का सेवन प्रतिरक्षा में सुधार कर सकता है, रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। साथ ही मधुमेह को रोक सकता है और पाचन तंत्र को मजबूत कर सकता है। साथ अगर उन्हें अस्थमा की शिकायत है तो इस तरह के श्वसन रोगों को भी ये रोक सकता है। इसके लिए उनकी रोज सुबह कीन चाय में कुछ तुलसी के पत्ते मिला दें। ये उन्हें संक्रमण से दूर और हेल्दी रखेंगे।
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2. खाना पचाने के लिए सौंफ
बुढ़ापे के साथ हमारा पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। ऐसे में हर बार खाने के बाद मम्मी-पापा को थोड़ा सा सौंफ खाने को दें या आप इसका पानी भी उन्हें दे सकते हैं। ये पाचन में सुधार करने के अलावा, रक्तचाप को नियंत्रित करना और अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी कारगार है। सौंफ के बीज विटामिन ए भी होता है, जो आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, अपने माता-पिता को मुट्ठी भर सौंफ चबाने दें या बस उन्हें पानी में उबालकर इसका पानी पीने को दें।
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3. खाली पेट मेथी के बीज
मेथी के बीजों को रात भर भिगो कर या पानी में अच्छी तरह इसे उबाल कर ये पानी खाली पेट मम्मी पापा को देना उनके सब्ज को ठीक कर सकता है। जर्नल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, मेथी के बीज का पानी मधुमेह का प्रबंधन करने, दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही ये मांसपेशियों में दर्द को शांत कर सकता है और लीवर और गुर्दे के कार्य को सही रखता है। इससे शरीर में सूजन आदि की परेशानी नहीं होती है।
4. मीठे में खिलाएं तिल के लड्डू
हड्डी की समस्याएं जैसे कि जोड़ों का दर्द और कमजोर हड्डियां जो फ्रैक्चर और चोटों के लिए अधिक संवेदनशील होती हैं, ये सब बुढ़ापे में आपको बहुत परेशान कर सकती हैं। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान तिल के बीज का सेवन करने या बस उन्हें रात भर पानी में भिगोकर रखने और सुबह में पानी पीने की सलाह देता है। पर हो सकता है आपके माता-पिता इसे पसंद न करें। ऐसे में उन्हें आप तिल और गुड का लड्डू बना कर दे सकते हैं। ये कैल्शियम से भरपूर है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, ये एंटीऑक्सिडेंट, खनिज, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर होते हैं जो किसी के संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।
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5. जिनसेंग
हर्बल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिनसेंग गॉल ब्लैडर से ग्लूकोज प्रेरित इंसुलिन रिलीज को उत्तेजित करके मधुमेह प्रबंधन में मदद कर सकता है। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकता है और न्यूरोजेनरेटिव बीमारियों को रोक सकता है। इसके साथ ही ये यादाश्त से जुड़ी समस्याएं और अन्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को भी ठीक कर सकता है। इसके अतिरिक्त, जिनसेंग को सहनशक्ति को बढ़ाने और थकान को कम करने के लिए भी जाना जाता है।
अगर आप इन तनाम चीजों को अपने माता-पिता की डाइट में जोड़ दें, तो ये न सिर्फ उनको बीमारियों से बचाए रखेगा बल्कि ये उन्हें सक्रिय रहने और पूरे दिन अधिक ऊर्जावान महसूस करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, आप उनके हर रोज के खाने को तमाम विटामिन और खनिजों से संतुलित रखें और योग करने को प्रेरित करें।
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