महिलाओं में खराब लाइफस्टाइल के कारण लगातार पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) की समस्या बढ़ती जा रही है। वहीं अगर कम उम्र में ही इस समस्या का पता लगा लिया जाए, तो इसे काबू में किया जा सकता है। पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज के कारण होर्मोन्स का असंतुलन इतना ज्यादा होता है कि महिलाओं को इसके चलते की और परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। ये कंडिशन ज्यादा गंभीर होने पर महिला को मां बनने में भी मुश्किल होती है। पीसीओएस को ठीक करना वैसे तो थोड़ा मुश्किल होता है पर एक स्वस्थ जीवनशैली और आहार में बदलाव करके हम इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐेसे में आप कुछ हेल्दी सीड्रस की भी मदद ले सकती हैं, जिसका नियमित तौर पर सेवन करने से आप होर्मोनल असंतुलन और मुंहासे, अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स न होने जैसी परेशानियों से निपट सकती हैं।
हेम्स सीड्स (Hemp Seeds)
हेम्स सीड्स ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत हैं। लेकिन, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वे एंटीऑक्सिडेंट से भी भरपूर होते हैं, जिन्हें लिग्नन्स कहा जाता है। लिग्नन्स एस्ट्रोजेन के अतिरिक्त उत्पादन पर अंकुश लगाते हैं। ऐसे में अगर आप हर दिन 1 से 2 बड़े चम्मच हेम्स सीड्स का सेवन करते हैं, तो ये आपके शरीर के एस्ट्रोजन ओवरड्राइव को कंट्रोल करने में मदद करता है। हालांकि, अगर आप अत्यधिक एस्ट्रोजन के लक्षण जैसे कि सूजन, थकान, मूड स्विंग, ऐंठन और मुंहासे देखते हैं तो हेम्स सीड्स का सेवन आपको काफी हद तक मदद कर सकता है। जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार हेम्स सीड्स ओवुलेशन में सुधार कर सकता है और आपको मां बनने के लिए आसानी से तैयार कर सकता है।
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पाइन नट्स (Pine nut)
पाइन नट्स में अमीनो एसिड के साथ-साथ विटामिन ए, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन ई, कॉपर, आयरन, मैंगनीज और फॉस्फोरस सभी होते हैं। वे पिनोलेइक एसिड का एक अच्छा स्रोत भी हैं, एक फैटी एसिड जो प्राकृतिक भूख सप्रेसेंट के रूप में काम करता है। पाइन नट्स में पाए जाने वाले मोनोसैचुरेटेड वसा को रक्त प्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है, जो बदले में दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। अधिकांश बीजों की तरह, आप उन्हें सलाद, योगर्ट, ट्रेल मिक्स, मफिन और सब्जी के व्यंजनों में जोड़ सकते हैं।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों (Centres for Disease Control and Prevention) के अनुसार, पाइन नट्स भी जिंक का एक समृद्ध स्रोत हैं जो प्रोजेस्टेरोन उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं। इसके अलावा, पाइन नट्स लिग्नन्स (lignans) होते हैं और इससे उन्हें अतिरिक्त एस्ट्रोजन को बाहर निकालने में मदद मिलती है ताकि प्रोजेस्टेरोन का स्तर निर्बाध रूप से बढ़ सके। इसी कारण से का प्रयोग महिलाओं से जुड़े बहुत से बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है।
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अनार के बीज (Pomegranate Seeds)
अनार के बीज पीरियड्स को स्मूद करने में बहुत मददगार हो सकते हैं। इममें बहुत अधिक फाइबर होता है, जो विटामिन सी की आपकी दैनिक आवश्यकता का 40% होता है। इनमें पॉलीफेनोल नामक हृदय-स्वस्थ एंटीऑक्सिडेंट भी शामिल हैं, जिनमें शामिल हैं: फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, और एन्थोकायनिन। अनार के बीज एक मीठा और रसदार कम कैलोरी वाला स्नैक बनाते हैं। ये शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर निर्बाध रूप से बढ़ सकता है, जिससे पीरियड्रस का अनियमित होना कम होने लगता है।
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