प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को कई नए लक्षण महसूस होते हैं। इसके कुछ ही दिनों बाद महिलाएं प्रेग्नेंसी के तीसरे चरण में प्रवेश करती हैं। इस दौरान महिलाओं को रात के अलावा दिन में भी अहजता महसूस होती है। इस सप्ताह तक गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास तेजी से हो रहा होता है। इस सप्ताह तक गर्भ में पल रहा बच्चा मां की आवाज को सुनकर उस पर प्रतिक्रिया भी करने लगता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को किस तरह के लक्षण महसूस होते हैं और भ्रूण का विकास कितना होता है?
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं के महसूस होने वाले लक्षण - 26th Week Of Pregnancy Symptoms in Hindi
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह तक महिलाओं के पेट का आकार लगभग पूर्ण आकार में बाहर आ चुका होता है। इस समय तक महिलाओं का बच्चे के साथ भावनात्मक जुड़ाव हो गया होता है। बाहर से मां की आवाज सुनने पर बच्चा हिलकर अपनी प्रतिक्रिया देने लगता है। आगे जानते गर्भावस्था के 26वें सप्ताह में महसूस होने वाले लक्षण।
सोने में परेशानी होना
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को सोने में परेशानी हो सकती है। इस सप्ताह तक महिलाओं के पेट का आकार पहले दो चरणों की अपेक्षाकृत अधिक होता है। इस वजह से महिलाओं को सोते समय परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी से बचने के लिए महिलाओं को हाइड्रेट रहना चाहिए। साथ ही महिलाओं को प्रेग्नेंसी के तीसरे चरण में संबंधित एक्सरसाइज करनी चाहिए।
ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (Braxton Hicks Contraction)
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन महसूस होने लगता है। इसमें महिलाओं को प्रेग्नेंसी का समय पूर्ण होने से पूर्व ही संकुचन महसूस होने लगता है। इसे फॉल्स लेबर पेन (False Labor pain) के नाम से भी जाना जाता है। इस संकुचन में महिलाओं के गर्भाशय की मांसपेशियां कुछ समय के लिए टाइट और उसके बाद कुछ समय के लिए शिथिल हो जाती है। इससे प्रेगनेंट महिलाओं को असहजता होने लगती है। इस स्थिति में महिलाओं को महामारी के दौरान होने वाले दर्द की तरह महसूस होता है। इस तरह की परेशानी होने पर यदि आपको ज्यादा दर्द हो रहा है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
प्रेग्नेंसी में डायबिटीज
जेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावधि मधुमेह) समस्या महिलाओं को मुख्य रूप से गर्भावस्था के समय प्रभावित करती है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं दो तरह की डायबिटीज होती है, जिसमें डायबिटीज के पहले प्रकार को डाइट, एक्सरसाइज व पौष्टिक आहार से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा दूसरे प्रकार के डायबिटीज में शुगर लेवल को कंट्रोल करने लिए कुछ दवाएं लेनी पड़ती है। गर्भावस्था में हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं का शुगर लेवल प्रभावित होता है, जिसकी वजह से इस समय महिलाओं को डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
पैरों में सूजन आना
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह तक अधिकतर महिलाओं को सूजन आने की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंसी में हल्की सूजन होना एक आम लक्षण हैं। लेकिन इस समय यदि महिलाओं को अधिक सूजन आने लगी है, तो उनको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि ये लक्षण प्री-एक्लेम्सपसिया की संभावना को दर्शाता है।
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को महसूस होने वाले अन्य लक्षण
- सिरदर्द होना
- ब्लड प्रेशर हाई होना
- कब्ज होना
- स्ट्रेच मार्क्स होना
- नाक से खून आना
- पैरों में ऐंठन
- चक्कर आना
- पीठ में हल्का दर्द होना।
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में भ्रूण का विकास - Fetus Development During 26th Week Of Pregnancy in Hindi
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह तक भ्रूण का वजन करीब 760 ग्राम तक हो चुका होता है। इस समय तक गर्भ में पल रहा बच्चा आंख खोलना शुरू कर देता है। साथ ही वह आगे की सक्रियता के लिए पलकों को झपकाना सीखता है। गर्भ में पल रहे बच्चे की आंखों का रंग काफी हद तक उसके माता-पिता और अनुवांशिकता पर निर्भर करता है। इस सप्ताह तक बच्चा बाहर की आवाजों को सुनकर उनपर अपनी प्रतिक्रिया देने लगता है।
विशेष सूचना - किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न - FAQ’s for Week-by-Week Stages of Pregnancy In Hindi
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को क्या करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को हाइड्रेट रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। पानी की कमी की वजह से महिलाओं को कब्ज की समस्या हो जाती है। इसके साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके लिए वह अपने डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। इस समय महिलाओं को अपने पेट की त्वचा को मॉइस्चराइज करते रहना चाहिए।
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी का समय बीतने के साथ ही महिलाओं के पेट का आकार बढ़ा होता है, जिसकी वजह से उनको चलने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है। महिलाओं को अपना भार संभालने में परेशानी होती है। इसकी वजह से महिलाओं को पीठ में दर्द व पैरो में ऐंठन की समस्या होने लगती है।
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में क्या करें?
प्रेग्नेंसी के 26वें सप्ताह में महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के बारे में पता होना चाहिए। इस समय यदि महिलाओं को ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन अधिक महसूस होने लगे तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को अपनी डाइट में पौष्टिक आहार लेना चाहिए।