तांबे के बर्तन में दही, अमृत नहीं जहर समान

दही में मौजूद पोषक-तत्व तांबे से रिएक्ट कर और कॉपर प्वॉयजनिंग का कारण बनती हैं। जिससे फुड प्वाइजिंग होती है।
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तांबे के बर्तन में दही, अमृत नहीं जहर समान

आपलोगों को अक्सर आपके बुजुर्गों ने हिदायत दी होगी की सुबह-सुबह तांबे के बर्तन का पानी पिया करो।
ये एक अनमोल हिदायत है जिसके हजारों फायदे हैं फिर भी आपने इसे हजारों बार नजरअंदाज किया होगा। लेकिन ऐसा ना करें। तांबे के बर्तन में पानी पीने के कई फायदे होते हैं। एक बार आजमाकर देखें।


लेकिन केवल पानी का इस्तेमाल करें। दूध, दही और खट्टी चीजों का इस्तेमाल ना करें। क्योंकि ये सारी चीजों को तांबे के बर्तन में रखकर खाने या पीने से फायदे की बजाय नुकसान होता है।

 

दही में मौजूद पोषक - तत्व

 

  • कैल्शियम - दूध की तुलना में दस गुना ज्यादा कैल्शियम दही में होता है।
  • प्रोटीन
  • विटामिन डी
  • विटामिन B-12
  • विटमान B-6
  • पोटेशियम
  • कोलेस्ट्रॉल
  • मग्नीशियम


दही में ये सारे पोषक-तत्व होते हैं जिस कारण ये दूध की तुलना में खाना फायदेमंद होते हैं। लेकिन जब आप दही को तांबे के बर्तन में रखते हो तो ये सारे पोषक-तत्वों का उल्टा असर होता है।

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तांबे के बर्तन में दही बन जाता है जहर

तांबे के बर्तन में दही जब आप रखते हैं तो ये अमृत नहीं रहता। बल्कि जहर बन जाता है। दरअसल दही में मौजूद पोषक-तत्व तांबे से रिएक्ट कर और कॉपर प्वॉयजनिंग का कारण बनती हैं। जिससे फुड प्वाइजिंग होती है। जिसके कारण तांबे के बर्तन में रखा दही खाने पर लोगों को अक्सर फुड प्वाइजिंग की शिकयात होती है।

होती हैं ये सारी समस्या


तांबे के बर्तन में केवल पानी रखना और पीना ही स्वास्थ्यकर माना जाता है। इसके अलावा अगर आप किसी भी तरह का फल या खाना भी तांबे के बर्तन में रखकर खाते हैं तो ये नुकसानदायक होता है। क्योंकि खाने की सारी चीजें जिनमें किसी भी मात्रा में पोषक-तत्व मौजूद होते हैं, वे तांबे से रिएक्ट कर कॉपर कॉक्सिक बनते हैं।


पानी के साथ ऐसा इसलिए नहीं होता है, क्योंकि पानी में कोई स्वाद और पोषक-तत्व नहीं होता। पानी जिस चीज में मिला देते हैं वो वैसा ही रुप ले लेता है। इसलिए जब हम तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं तो हम तांबा युक्त पानी पीते हैं जो हमारे पाचनतंत्र को मजबूत करता है। 

 


Image source : journalofdairyscience.org

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