योग से करें नकारात्‍मक विचारों को काबू

हमारे आसपास के वातावरण के कारण ही दिमाग में नकारात्‍मक विचार आते हैं, इससे बचने के लिए योग का सहारा लें और नकारात्‍मक विचारों पर आसानी से काबू पायें।
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योग से करें नकारात्‍मक विचारों को काबू

मानसिक विकार हमारे आसपास के माहौल के कारण ही पनपते हैं और हमारे साथ जो भी घटनायें घटती हैं उनके परिणामस्‍वरूप ही मन में नकारात्‍मक विचार आते हैं। नकारात्मक विचारों के लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार लालच, निर्दयता, बल प्रयोग, ईर्ष्‍या, उत्पीड़न एवं शोषण आदि हैं। इन नकारात्मक विचारों के कारण ही व्यक्ति असंतोष से भर उठता है एवं उसके दिमाग में प्रतिक्रियावादी विचार, असंतोष, बदले की भावना आदि पनपने लगती है। योग के जरिये मन में आने वाले इन विचारों को काबू किया जा सकता है। यह लेख आपको बतायेगा कि कैसे योग के जरिये मानसिक विकारों पर काबू पाया जा सकता है।
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क्‍यों आते हैं नकारात्‍मक विचार

वैज्ञानिक कहते हैं मनुष्‍य के दिमाग में 24 घंटे में लगभग हजारों तरह के विचार आते हैं। उनमें से ज्यादातर नकारात्मक होते हैं। नकारात्मक विचार इसलिए अधिक होते हैं कि जब हम कोई नकारात्मक घटना देखते हैं जिसमें भय, राग, द्वेष, सेक्स आदि हो तो वह घटना या विचार हमारे दिमाग में सीधे जाते हैं और उनकी याद लंबे दिनों तक रहती है। इस बारे में हम अधिक सोचते हैं और इसके कारण आहत भी होते हैं तो यह हमारी मानसिक भावना को बेकाबू भी कर लेती है।

योग कैसे करता है असर

योग के जरिये दिमाग से नकारात्‍मक विचारों को दूर किया जा सकता है। यह मन को शांत अवस्था में लाता है और हमारे मन में ऐसे विचार पैदा करता है जो दूसरों को हानि पहुंचानो की बजाय फायदा पहुंचाते हैं। योगासन हमारे शरीर के साथ हमारी इंद्रियों को भी शांति और सुकून प्रदान करता है, योग करके मन शांत हो जाता है। अगर आपके मन में नकारात्‍मक विचार आ रहे हैं तो सुबह के वक्‍त समय निकालें और योगासन करें।
Managing Negative Mental Health in Hindi

ये आसन हैं फायदेमंद

कुछ आसन हैं जो नकारात्‍मक विचारों को दूर करने में मददगार हैं। इन्‍हें करने के लिए घुटनों को सीधा रखते हुए सीधे खड़े हो जाइये, फिर झुकते हुए एड़ी के पीछे पांवों के पास जमीन पर हथेलियां टिकाएं। यदि हथेलियों से जमीन छूने में असमर्थ हैं तो घुटनों को की छुयें। सिर को ऊंचा करने की कोशिश करें और पीठ को खींचिये। इसी स्थिति में रहते हुए सांस लें। 5 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें, फिर सांस खींचते हुए तड़ासन की स्थिति में आएं। इस आसन को दो-तीन बार दोहरायें।

यह आसन तनाव और गुस्‍से को भी दूर करने में कारगर है। इसके अलावा यह आसन लीवर, स्प्लीन और किडनी को भी स्वस्थ रखता है। इससे ब्लडप्रेशर सामान्‍य रहता है और हृदय के रोग नहीं होते।

नकारात्‍मक विचार आने पर शांत रहने की कोशिश करें। भरपूर नींद लें और तनाव से बचें, सुबह के वक्‍त योग करें और नकारात्‍मक विचारों को दूर करें।

image source - getty images

 

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