क्‍या आप भी करते हैं रिफाइंड का सेवन तो हो जाएं सावधान!

अगर आपसे पूछा जाये कि आपने रिफाइंड तेल इस्‍तेमाल करना क्‍यों शुरू किया तो शायद आपका जवाब होगा कि वह दिल के लिए अच्‍छा होता है। ले‍किन अगर आप खाना पकाने के लिए रिफाइंड ऑयल का इस्‍तेमाल करते हैं? तो सावधान हो जाएं।
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क्‍या आप भी करते हैं रिफाइंड का सेवन तो हो जाएं सावधान!

क्‍या आप खाना पकाने के लिए रिफाइंड ऑयल का इस्‍तेमाल करते हैं? अगर हां तो आपको सावधान हो जाना चाहिए क्‍योंकि जिस रिफाइंड आयल को आप सेहत के लिए फायदेमंद समझकर खाने में इस्‍तेमाल कर रहे हैं, असल में वह आपकी सेहत के लिए गंभीर तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं पैदा कर सकता है। विश्‍वास नहीं हो रहा, तो आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से जानें कैसे रिफाइंड ऑयल आपकी सेहत को बिगाड़ रहा है।

refined oil in hindi

जी हां, तेल भोजन के स्‍वाद को बढ़ाने के साथ हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। तेल न सिर्फ शरीर को एनर्जी प्रदान करता है, बल्कि फैट में अवशोषित होने वाले विटामिन जैसे-के, ए, डी, ई के अवशोषण में भी सहायक होता है। लेकिन बाजार में बड़ी तादाद में उपलब्‍ध कुकिंग ऑयल में से अपने लिए तेल को चुनना इतना भी आसान नहीं होता।



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क्यों चुना रिफाइंड ऑयल?

अगर आपसे पूछा जाये कि आपने रिफाइंड तेल इस्‍तेमाल करना क्‍यों शुरू किया तो शायद आपका जवाब होगा कि वह दिल के लिए अच्‍छा होता है और टीवी पर आने वाले विज्ञापनों से भी यहीं पता चलता है। लेकिन शायद हकीकत कुछ और ही हैं।


रिफाइंड ऑयल की सच्‍चाई

दरअसल खाद्य तेलों को रिफाइंड करने के लिए कई तरह के केमिकल का प्रयोग किया जाता है। जहां किसी भी तेल को रिफाइन करने में 6 से 7 प्रकार के केमिकल प्रयोग किए जाते हैं, वहीं डबल रिफाइंड तेलों में इनकी संख्या 12-13 तक हो जाती है। इन केमिकल्स में से एक भी केमिकल ऑर्गेनिक नहीं होता, बल्कि अन्य केमिकल्स के साथ मिलकर जहरीले तत्वों का निर्माण करने लगते हैं। इन पर किए गए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि रिफाइंड तेलों के बजाए पारंपरिक खाद्य तेल का प्रयोग अपेक्षाकृत अधिक सेहतमंद होता है।



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शोध से पता चलता है कि तेल का चिपचिपापन उसका सबसे महत्‍वपूर्ण घटक होता है, लेकिन अगर तेल में से चिपचिपापन निकाल दिया जाये तो ये तेल नहीं रहता। इसके अलावा दालों में प्रोटीन सबसे ज्‍यादा होता है और दालों के बाद सबसे ज्‍यादा प्रोटीन तेलों में पाया जाता है। तेलों में प्रोटीन के साथ-साथ फैटी एसिड भी होता है। लेकिन इसको रिफाइन करने के बाद तेलों में दोनों ही नहीं बचते है और उसके बाद तेल एक तरह का केमिकल लेस पानी है, जिसमें आप खाना तो पका सकते है लेकिन इसके आपको कोई भी स्‍वास्‍थ्‍य लाभ नहीं मिलेंगे और साथ ही कई तरह की बीमारियों की वजह बनता है।


बीमारियों का कारण

कॉलेस्ट्रॉल से बचने के लिए हम जिस रिफाइंड तेल का प्रयोग करते हैं, वह हमारे शरीर के आंतरिक अंगों से प्राकृतिक चिकनाई भी छीन लेते हैं। इससे शरीर को आवश्यक फैटी एसिड भी नहीं मिल पाते और आगे चलकर जोड़ों, त्वचा एवं अन्य अंगों संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती हैं, जबकि सामान्य तेल में मौजूद चिकनाई शरीर को जरूरी फैटी एसिड प्रदान करती है, जो कि बेहद फायदेमंद होते हैं। शोध के अनुसार खाना पकाने में सरसों तेल, नारियल तेल और घी, जैसे परंपरागत तेल स्वास्थ्य लाभ के मामले में ‘रिफाइंड’ और अन्य तेलों से बेहतर पाए गए हैं।

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कॉमेंट कर सकते है।

Image Source : Getty & bestoilpresses.com

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