आजकल बच्चों के स्टेम सेल को सुरक्षित रखने का चलन जोरों पर है। इसके लिए देश में काफी बैंक भी खुल गए हैं। जो आपके बच्चे के स्टेम सेल सुरक्षित रखते हैं। अब सवाल यह है कि आखिर इससे क्या फायदा होगा तो हम आपको बता दें कि ये स्टेम सेल ना सिर्फ आपके बच्चे के लिए बल्कि आपके परिवार के लिए बहुत फायदेमंद साबित होती हैं।
गर्भ में पल रहे शिशु के लिए गर्भनाल जीवन की डोर होती है और अब यही गर्भनाल स्टेम कोशिका के जरिए मस्तिकाघात, कैंसर, अनुवांशिक और हृदय से जुड़े रोगों के इलाज के तौर पर सामने आयी है। बच्चे को नाभि के जरिए मां से जोड़ने वाली नाल को गर्भनाल यानी प्लेसेंटा कहा जाता है। शिशु के जन्म के बाद आम तौर पर गर्भनाल को दोनों तरफ से काट कर फेंक दिया जाता है लेकिन कई शोधों ने गर्भनाल को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है।
गर्भनाल सुरक्षित रखने के लाभ
गर्भनाल को सुरक्षित रखने का सबसे बड़ा लाभ यह भी है कि इससे बच्चे के साथ ही गंभीर रूप से बीमार परिवार के दूसरे सदस्यों का भी उपचार किया जा सकता है। गर्भनाल में मौजूद स्टेम सेल की सहायता से ही डाक्टरों ने घातक बीमारियों के इलाज में सफलता हासिल की है। इन कोशिकाओं को प्लेसेंटा बैंक में कई साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। ऐसे लोग जो ऐसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और जिनका उपचार अब भी चिकित्सा जगत के लिए चुनौती है। ऐसे लोग न केवल खुद रोग मुक्त हो सकते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी इससे बचा सकते हैं।
गर्भनाल को काटे जाने के बाद उससे रक्त निकाला जाता है। इस रक्त को प्लेसेंटा बैंक भेजा जाता है। बैंक में माइनस 196 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर इसे तरल नाइट्रोजन की सहायता से सुरक्षित रख जाता है। इस रक्त को लगभग 600 साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
नयी कोशिकाओं को विकसित करने की ताकत
गर्भनाल के रक्त से निकाली गईं इन कोशिकाओं को शरीर की मुख्य कोशिका या मास्टर सेल कहा जाता है। इन कोशिकाओं में मानव शरीर की 200 से अधिक कोशिकाओं को विकसित करने की क्षमता होती है। स्टेम कोशिकाओं की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि इनमें जीवन भर विभाजन की क्षमता होती है। इससे यह नष्ट हो चुकी या क्षतिग्रस्त हो चुकी कोशिकाओं की जगह भी ले सकती हैं और वहां नई कोशिकाएं तैयार कर सकती हैं।
सैकड़ों बीमारियों का इलाज
अभी तक अस्थि मज्जा यानि बोन मैरो से कोशिकाएं लेकर इलाज किया जाता था लेकिन अब गर्भनाल से निकली कोशिकाओं को भी सफलता से प्रयोग में लाया जा रहा है। स्टेम सेल कोशिकाओं से रक्त संबंधित बीमारियों का कारगर इलाज किया जा रहा है। थैलेसिमिया जैसी खतरनाक बीमारियों में तो यह काफी फायदेमंद है। अन्य बीमारियों में इसके उपयोग पर रिसर्च जारी है। फिलहाल दुनिया भर में स्टेम कोशिकाओं की मदद से 100 से अधिक बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। इस क्षेत्र में काम करने वाले वैज्ञानिक लगातार शोध में जुटे हैं। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द ही इससे अन्य बीमारियों का भी इलाज किया जा सकेगा जो अब तक असाध्य है।
इसलिए अब आप भी बच्चों की स्टेम सेल को सुरक्षित रखने की तैयारी कर लें। यह आपके बच्चे के साथ-साथ परिवारा के अन्य लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
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