अचानक क्‍यों आ जाती है घुटने में मोच, जानें कारण लक्षण और उपचार

ऊंचाई से कूदते में या खेलते समय भी घुटनों में मोच आ सकती है। इस लेख में विस्तार से जानें कि घुटने में मोच क्या है।
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अचानक क्‍यों आ जाती है घुटने में मोच, जानें कारण लक्षण और उपचार

मानव अंगों के तन्तुओं के फटने या उनमें खिचाव आने को मोच आना कहते हैं। ऐसा शरीर के किसी अंग को जरूरत से ज्यादा जोर देकर काम करने की वजह से हो सकता है। कई बार ऊंचाई से कूदते में या खेलते समय भी घुटनों में मोच आ सकती है। इस लेख में आपको विस्तार से बता रहे हैं कि घुटने में मोच आना क्या होता है।

मानव शरीर में पैर जितने महत्त्वपूर्ण हैं, उतने ही उनकी आत्मा का काम करने वाले घुटने महत्वपूर्ण होते हैं। उन्हीं से पैरों को मुड़ने की क्षमता मिलती है। कहते हैं कि अगर घुटने मजबूत और रोग मुक्त रहें तो बुढ़ापा भी परेशान नहीं करता। लेकिन इन्हिं घुटनों में कई कारणों से दर्द हो जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इस कारणों में सबसे बढ़ा कारण होता है घुटने में आई मोच। आइये जानते हैं कि घुटनों में मोच कैसे आ सकती है, और मोच आ जाने पर क्या किया जाए।

क्यों आती है घुटनों में मोच

अक्सर कहीं से कूदने या दौड़ते हुए गिरने पर घुटने में मोच आ जाती है। इसका मतलब कभी कार्य करने में कुछ असावधानी या अनियमितता, या कभी कभी दुर्भाग्य से मोच आ जाती है। घुटने में मोच आ जाने से असहनीय पीड़ा होती है और मोचग्रस्त भाग को जरा सा भी हिलान-डुलाने पर वह बुरी तरह से दुखने लगता है। साछ ही उसमें सूजन भी आ जाती है।

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घुटनों में मोच लिगामेंट में लगने वाली चोट के कारण आती है। इस प्रकार से मोच फाइबरस टिश्यू में किसी प्रकार के खिचाव या चोट के कारण आती है। दरअसल फाइबरस टिश्यू के मजबूत बैंड्स को ऊपरी और निचले पैर के घुटने को जोड़ने का काम करते हैं। घुटनों के जोड़ में मुख्यत: चार लिगामेंट होते हैं।

1- एन्टीहरियर क्रूाशियेट लिगामेंट (एसीएल)
2- पास्टीरियर क्रूथशीयेट लिगामेंट (पीसीएल)
3- मेडिकल कालेटरल लिगामेंट (एमसीएल)
4- लेटरल कालेटरल लिगामेंट (एलसीएल)

जब इनमें से कोई भी लिगामेंट क्षतिग्रस्त होता है तो सूजन पैदा हो जाती है और दर्द होने लगता है। इसे साधारण भाषा में मोच कहा जाता है।

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मोच आने पर क्या करें

  • घुटने में मोच आने पर मोचग्रस्त अंग को स्थिर अवस्था में रखें और जितना हो सके आराम दें। अब घुटने पर पानी से गीला कर एक पट्टी बांध दें।
  • घरेलू नुस्खे के तौर पर इमली की पत्तियां उबाल लें और इसमें थोड़ा नमक भी डाल दें। अब इस उबले पानी से मोचग्रस्त अंग धोएं। फिर पत्तियां लगाकर साफ कपड़े की पट्टी बांध दें।
  • कुछ दिन तक इसे करें जब तक मोच ठीक न हो जाए। ऐसा करने से आराम जरूर मिलेगा।
  • यह तो रहा घरेलू नुस्खा लेकिन सबसे अच्छा तरीका है कि मोच आने पर घुटने पर पट्टी बांध लें और फिर किसी हड्डी के डॉक्टर से घुटने की जांच व जरूरत पड़ने पर एक्स रे कराएं।
  • कई बार घुटने में फैक्चर भी हो सकता है। इस लिए मोच समझ कर उसे नजरअंदाज न कर दें।

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