क्या है मोतियाबिंद

मोतियाबिंद आंखों में होने वाला रोग है जिससे रोगी की आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई देने लगता है। अगर सही समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
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क्या है मोतियाबिंद

कहने को यह बुजुर्गों की बीमारी है, लेकिन किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। मोतियाबिंद आंखों में होने वाला एक ऐसा विकार है, जिसकी अगर अनदेखी की जाए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है।

glaucoma in hindi

क्‍या है मोतियाबिंद

मोतियाबिंद आंखों में होने वाला रोग है जिससे रोगी की आंखों की रोशनी कम होने लगती है और धुंधला दिखाई देने लगता है। आंखों का यह रोग ज्यादातर बढती उम्र के लोगों को अपना शिकार बनाता है। लेकिन कई बार यह युवाओं में और बच्चों में भी हो सकता है। कुछ बच्चों में यह जन्मजात होता है। मोतियाबिंद जरूरी नहीं है कि दोनों आंखों में हो यह एक आंख में भी हो सकता है। वैसे, मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होता है और इसमें किसी तरह का दर्द नहीं होता। अगर शुरुआती अवस्था में मोतियाबिंद का इलाज कराया जाये तो रोगी इस समस्या से निजात पा सकता है। आंखों की कोई भी समस्या होने पर इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मोतियाबिंद के शिकार लोगों में कई तरह के मिथक फैले हुए हैं। मोतियाबिंद से बचने के लिए लोगों को इसकी पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।

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कैसे होता है मोतियाबिंद

मोतियाबिंद क्या है इससे समझने के लिए पहले आंखों की संरचना को जानना जरूरी है। हमारी आंखों की पुतली के पीछे एक लेंस होता है। पुतली पर पड़ने वाली लाइट को यह लेंस फोकस करता है और रेटिना पर ऑब्जेक्ट की साफ तस्वीर बनती है। रेटिना से यह तस्वीर नर्व तक और वहां से दिमाग तक पहुंचती है। आंख की पुतली के पीछे मौजूद यह लेंस पूरी तरह से साफ होता है, ताकि इससे लाइट आसानी से पास हो सके। कभी-कभी इस लेंस पर कुछ धुंधलापन (क्लाउडिंग) आ जाता है, जिसकी वजह से इससे गुजरने वाली लाइट ब्लॉक होने लगती है। इसका नतीजा यह होता है कि पूरी लाइट पास होने पर जो ऑब्जेक्ट इंसान को बिल्कुल साफ दिखाई देता था, अब कम लाइट पास होने की वजह से वही ऑब्जेक्ट धुंधला नजर आने लगता है। लेंस पर होनेवाले इसी धुंधलेपन की स्थिति को मोतियाबिंद कहा जाता है।

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मोतियाबिंद से संबंधी तथ्य   

  • अगर सही समय पर इसका इलाज करवाया जाए तो, मोतियाबिंद पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
  • मोतियाबिंद को निकालने के पहले उसका पका होना जरूरी नहीं है।
  • केवल बूढ़े लोगों को ही मोतियाबिंद नहीं होता। यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
  • मोतियाबिंद की शल्यचिकित्सा आसान होती है।
  • मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा से ठीक होने में बहुत कम समय लगता हैं।
  • मोतियाबिंद शल्य चिकित्सा के बाद चश्मे की जरूरत होती है
  • मोतियाबिंद एक आंख से दूसरी में नही फैलता।


Image Courtesy : Getty Images

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