मोटापे के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायें हो सकती हैं, यह कई प्रकार की खतरनाक बीमारी का भी प्रमुख कारण है। कुछ शोधों की मानें तो मोटापे से ग्रस्त लोगों को डिमेंशिया का खतरा अधिक होता है।
डिमेंशिया एक प्रकार की दिमागी बीमारी है जिसके कारण आदमी की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। इसलिए अगर आप अपने दिमाग को तंदरुस्त रखना चाहते हैा तो अपने कमर की चर्बी कम कीजिए।
क्या कहता है शोध
एक शोध से पता चला है कि उम्र के चौथे दशक में चौड़ी होती कमर बुढ़ापे में डिमेंशिया (स्मरण शक्ति में ह्रास) के खतरे को तीन गुना तक बढ़ा सकती है। उल्लेखनीय है कि यह तो पहले से पता है कि मोटापे से अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन नए अध्ययन के मुताबिक वजन सामान्य रहते हुए भी कमर की चौड़ाई अधिक होने पर इस बीमारी का खतरा बताया गया है।
इसके प्रमुख शोधकर्ता रेशेल व्हिटमर के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि चौड़ी कमर वाले 20 फीसदी लोगों में सामान्य कमर वाले लोगों की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 270 फीसदी ज्यादा था। यहां तक कि बाडी मास इंडेक्स के अनुसार सामान्य वजन के चौड़ी कमर वाले लोगों में भी अपेक्षाकृत पतली कमर वालों की तुलना में डिमेंशिया का खतरा 90 फीसदी ज्यादा पाया गया।
जो लोग बाडी मास इंडेक्स के हिसाब से ज्यादा वजन वाले या मोटे करार दिए गए, लेकिन उनकी कमर की चौड़ाई सामान्य थी, उनके डिमेंशिया का शिकार होने का खतरा 80 फीसदी ही पाया गया। दूसरी ओर, ओवरवेट होने के साथ चौड़ी कमर वाले लोगों में यह खतरा 230 फीसदी तक पाया गया। जो लोग कमर चौड़ी होने के साथ-साथ मोटे भी थे, उनमें तो डिमेंशिया का खतरा 360 फीसदी ज्यादा पाया गया।
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कैसे हुआ अध्ययन
इस अध्ययन में 6,583 लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी की उम्र 40 से 45 साल के बीच थी। बाद में जब सभी उम्र के सातवें दशक में पहुंचे, तब इनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गई। देखा गया कि कौन बीमारी का शिकार हुआ और किसकी सेहत अपेक्षाकृत अच्छी रही। इसी आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला।
चौड़ी कमर के अन्य नुकसान
चौड़ी कमर यानी मोटापे कारण डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थॉयराइड आदि की समस्या हो सकती है। इसलिए इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि समय रहते बढ़ते वजन पर काबू पा लिया जाये।
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