बॉडी बिल्डिंग करने वाले खासकर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने वाले, एथलीट और वेट लिफ्टर को लिफ्टर्स शोल्डर्स की समस्या से दो चार होना पड़ता है। जिन लोगों को बॉडी बिल्डिंग का शौक होता है उनको यह समस्या अधिक होती है। इस समस्या का अगर समय पर उपचार न किया जाये तो यह ट्यूमर बन सकता है। कुछ लोगों को शोल्डर रिप्लेसमेंट की जरूरत होती है। इस लेख में विस्तार से जानिये लिफ्टर्स शोल्डर के कारण और इसके उपचार के बारे में।
क्यों होती है यह समस्या
लिफ्टर्स शोल्डर की समस्या बॉडीबिल्डर और वेटलिफ्टर को अधिक होती है। दरअसल हमारे कंधे जिस जोड़ पर टिके हैं, उसे बॉल एंड सॉकेट ज्वांइट या कप बॉल ज्वांइट कहा जाता है। इस तरह के जोड़ में बहुत कम हड्डियों और तंतुओं का सपोर्ट होता है। इससे कंधों को गोल-गोल घुमाने में तो आसानी रहती है, पर उनकी मजबूती और स्थिरता दोनों खतरे में पड़ जाती है। लिगामेंट एक तरह का फाइबरयुक्त ऊतक है, जो दो हड्डियों को जोड़ने का काम करता है। लेकिन सही तरीके से मूवमेंट न होने के कारण कंधों के जोड़ों में दर्द होने लगता है।
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इसका उपचार
कई मामलों में लिफ्टर शोल्डर का उपचार आसानी से हो सकता है। थोड़ा सा आराम और कंधे के पास आइस पैक से सिंकाई करने से रात मिलती है। लेकिन जो मामले गंभीर हो जाते हैं, उनमें अधिक समस्या होती है। इसके लिए आप जो व्यायाम करते हैं उसपर अधिक ध्यान देना चाहिए। कुछ मामलों में दवा की जरूरत भी होती है।
कंधों को घुमायें
अपने कंधों को आगे से पीछे और पीछे से आगे की तरफ घुमाएं। इस प्रक्रिया को 10-10 बार दोहरायें। इसके बाद 10-10 बार बाजुओं को घड़ी की दिशा में या उससे विपरीत दिशा में घुमाएं। इस क्रिया को रोज करने आराम मिलेगा।
शोल्डर प्रेस
इसके लिए अपने दोनों हाथों में डंबल लीजिए। कुहनी को मोडें और डंबल को कंधे की सीध में ले आइये, सांस छोड़ते समय दोनों बांहों को ऊपर ले जायें और दोनों डंबलों को एक दूसरे पर प्रेस करने की कोशिश करें। शुरुआत में हल्के वजन का प्रयोग करें और हर सप्ताह वजन में 10 प्रतिशत का इजाफा कर सकते हैं।
कूल डाउन
वर्कआउट के बाद अपने कंधों को खींचने के लिये अपने आप को गले लगाने जैसा पॉस्चर बनाएं या अपने दोनों हाथों को पीठ के पीछे ले जाकर खुद को लॉक करें। इससे कंधें में होने वाला दर्द दूर हो जायेगा।
इन तरीकों को आजमाने के कुछ सप्ताह बाद तक आपको आराम न मिले तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
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