कैंसर के मरीजों को एक बार कैंसर होने के बाद उसके साइड इफेक्ट्स किसी ना किसी रूप में दिखाई पड़ते रहते हैं। कई बार इस कैंसर से मरीजों को मौत का जोखिम भी बढ़ जाता है। लेकिन तमाम शोधों और साइंस की तरक्की के चलते अब कैंसर का इलाज करना बहुत आसान हो गया है। कैंसर कई तरह का होता है और उसका इलाज भी अलग-अलग तरह का होता है। कई बार कैंसर का इलाज मरीजों की उम्र और हालत पर भी निर्भर करता है जैसे- किसी ब्रेस्ट कैंसर मरीज को डायबिटीज है और उसका दिल कमजोर और वह 50 की उम्र पार कर चुकी है तो डाक्टर्स उन्हें कैंसर के इलाज के दौरान कीमोथेरेपी देने के बजाय कुछ हैवी और प्रभावी एंटीबायोटिक्स देंगे जिससे मरीज कैंसर के सेल्स से भी बच जाएं। इसी तरह से कैंसर के मरीजों में वजन का बढ़ना भी स्वाभाविक हैं। कई बार कुछ ऐसी दवाईयां होती है जिनके साइड इफेक्ट्स के दौरान मरीज का अचानक वजन बढ़ने लगता है। लेकिन कैंसर के दौरान वजन बढ़ने के कारण और भी कई हैं। आइए जानें कैंसर के दौरान मरीजों का वनज क्यों बढ़ता है।
- वजन बढ़ने का सीधा सा अर्थ है जब आपके शरीर का भार अधिक हो जाता है। कई मरीजों में कैंसर के दौरान जहां वजन बहुत कम हो जाता है वही कुछ लोगों में बहुत अधिक बढ़ जाता है।
- कैंसर के दौरान वजन बढ़ने के कई कारण है जैसे- कैंसर के कुछ प्रकारों में वजन बढ़ने लगता है।
- हार्मोंन थेरेपी, कुछ तरह की कीमोथेरपी, स्टेरॉयड जैसे दवाओं के कारण वजन बढ़ने लगता हैं।।
- कैंसर के उपचार के दौरान शरीर में बनने वाले पानी के कारण भी आपको शरीर में भारीपन और मोटापा महसूस होने लगता है।
- कैंसर के उपचार के दौरान कई बार आपको बहुत ज्यादा भूख लगने लगती है और खाना खाने के बाद भी आपको और अधिक खाने की इच्छा होती है। ऐसे में यदि आप जरूरत से अधिक कैलोरीयुक्त भोजन लेते हैं तो आपका वजन बढ़ना जायज है।
- कैंसर के आपको अकसर थकान की शिकायत होने लगती है जिससे आपके दिनभर का शेड्यूल बदल जाता है और आपकी शारीरिक रूप से निष्क्रिय हो जाते है जिससे बैठे-बैठे आपको वजन बढ़ने लगता है।
- कैंसर के दौरान यदि आपका वजन बढ़ने भी लगा है तो भी आपको डाक्टर से बातचीत किए बिना अपने वजन को कम करने के उपायों को नहीं अपनाना चाहिए। डॉक्टर से बातचीत करने के दौरान वे आपको वजन बढ़ने के कारणों और उसे कम करने के उपायों को बता पाएंगे।
कैंसर के दौरान वजन कम करने के उपाय
टॉप स्टोरीज़
- वजन कम करने का बढि़या उपाय है कि आप अधिक से अधिक मात्रा में फल और सब्जियों का सेवन करें। जो कि फाइबर और लो कैलोरी युक्त हो।
- फाइबरयुक्त खाद्य पदार्थों में आप अनाज की ब्रेड, सीरियल्स, पास्ता लेक सकते हैं। लेकिन कैंसर में कुछ फाइबरयुक्त फूड ऐसे होते हैं जिन्हें कैंसर के दौरान लेना नुकसानदायक होता है। ऐसे में डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
- टोंड दूध, पनीर, दही, तरल पदार्थ इत्यादि को खाने में शामिल करें और लो फैट फूड लें जिनमें कैलोरी की मात्रा भी कम हो। बटर, मिठाईयां, तले हुए खाद्य पदार्थ को नजरअंदाज करें। साथ ही खाने को पकाते समय कम वसा और कम तेल का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। नमक का उपयोग कम से कम करें और सलाद को विशेषतौर पर खाएं।
- प्रतिदिन व्यायाम करना ना भूलें। डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से टहलें।