गर्भावस्था के शुरुआती अवस्था में भ्रूण का विकास जानने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड का सहारा लेती हैं। इसी के जरिए वे देखती हैं कि भ्रूण ठीक से विकास कर रहा है या नहीं।
हर प्रेगनेंसी अलग होती है और इसी तरह हर फेटल का विकास भी अलग होता है इसलिए अपनी स्टेज को बिल्कुल एग्ज़ॅक्ट ऐसा ना समझें, यह पंद्रह दिन उपर या पंद्रह दिन कम तक हो सकता है इसीलिए अपनी प्रेगनेंसी को पिनपायंट करने से पहले पंद्रह दिन का गेप ले के चलें! आइडिली प्रेगनेंसी पहले दिन से आख़िरी मेन्स्ट्रुयल साइकल तक होती है लेकिन ओव्युलेशन तीसरे वीक मे होता है इसलिए हम प्रेगनेंसी का रिकॉर्ड तीसरे वीक से रखते हैं !
पहला हफ्ता :आपकी मेन्स रूअल साइकिल की शुरूवात के लगभग 14 दिनों बाद ओवुलेशन के समय शुरू होता है। यह समय गर्भावस्था के लिए एक अच्छी शुरुआत करने के लिए अच्छा होता है। आपको व्यायाम, फॉलिक एसिड के आहार और गहरे रंग के फल व सब्जि़यां खाना शुरू कर देना चाहिए। अब धूम्रपान व अल्कोहल को ना कहने का समय आ गया है। अगर आप दवाएं ले रही हैं तो अपनी गायनाकालाजिस्टक से इस विषय में बातें करें ।
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दूसरा हफ्ता :आपकी ओवरी से अण्डों के बाहर आने का समय आ गया है। अगर आपको जुड़वा बच्चे होने की सम्भावना होगी तो इस समय दो अण्डे बाहर आते हैं या कुछ स्थितियों में तीन अण्डे बाहर आते हैं ।
तीसरा हफ़्ता- एक औरत तकरीबन तीन हफ्ते बाद अपनी आख़िरी मेन्स्ट्रुयल साइकल के पहले दिन ओव्युलेट करती है उसकी ओवरी से एक अंडा निकल कर फेलोपियन ट्यूब्स से होते हुए यूटरस मे चला जाता है अगर इंटरकोर्स ओव्युलेशन पीरियड मे किया जाए तो प्रेगनेंट होने के चान्स अधिक होते हैं इंटरकोर्स के दौरान आपके पार्टनर के शरीर से लाखों स्पर्म निकलते हैं लेकिन उनमे से कोई एक इस रेस को जीतता है और अंडे को फर्टिलाइज़ करता है इस दौरान बेबी एक सेल क्लस्टर होता है जो आने वाले दिनों मे गुणात्मक रूप मे बढ़ता है।
चौथा हफ़्ता- इस दौरान अधिकतर औरतें अपने शरीर मे कोई बदलाव महसूस नही करती हैं कुछ महिलाओं को इस समय टेस्ट बदलाव होने की शिकायत होती है अब फर्टिलाइज़्ड अंडा यूटरस तक पहुँच जाता है और तकरीबन बहत्तर घंटो के बाद यह अपने लिए यूटरस लिनिंग मे जगह बना लेता है यूटरस लिनिंग की रक्त कोशिकाएं अंडे को स्पर्श करती हैं और अंडा बढ़ने की शुरुआत कर देता है !
पांचवा हफ़्ता- इस समय ज़्यादातर महिलाओं को लगने लगता है की वह प्रेगनेंट हैं क्योंकि इतने दिनों तक पीरियड्स ना होना इसका संकेत दे देता है साथ ही स्तनों पर सूजन तथा स्तन के आस पास के हिस्से पर ब्राउन दाग पड़ने से उसका रंग गहरा हो जाता है मूत्र करने मे ज़्यादा ज़ोर लगता है इस समय तक अंडा 20 मिलीमीटर तक बढ़ चुका होता है और उसे एंब्रीयो कहते हैं अल्ट्रासाउंड की मदद से यह देखा जा सकता है अब बच्चे का दिमाग़ और स्पाइन बनने शुरू हो जाते हैं।
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छठा हफ़्ता- इस हफ्ते के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को सुबह के समय उठने मे काफ़ी दिक्कत होती है और काफ़ी समय तक तबीयत नासाज़ रहती है यह भी हो सकता है कि इस तरह की फीलिंग वह पूरे दिन महसूस करें ! आपकी सूंघने की शक्ति कमज़ोर पड़ने लगती है यहाँ तक कि कुछ खुश्बुओं को सूंघने के लिए आपको काफ़ी ज़ोर लगाना पड़ता है इस समय अगर आपका डॉक्टर आपका वेजाइनल टेस्ट करे तो इस दौर मे उसका रंग गुलाबी से हल्का नीला हो जाता है इस अवस्था मे अगर यूरिन टेस्ट किया जाए तो प्रेगनेंसी को कन्फर्म किया जा सकता है अब तक अंडा लगभग एक मौसमी के आकर का हो चुका होता है अल्ट्रासाउंड से गौर से देखा जाए तो अबतक बच्चे का सिर तथा स्पाइन बन चुकी होती है साथ ही उसका चेहरा और जबड़ों का विकास शुरू हो चुका होता है !
सातवां हफ़्ता- प्रेगनेंसी हॉर्मोन्स एक महिला को कमज़ोर बना देते हैं साथ ही ब्रेस्ट मे भारीपन और सूजन महसूस होने लगती है प्रेग्नेन्सी कन्फर्म करने के लिए वेजाइनल टेस्ट किया जा सकता है अब तक बेबी की लिंब बड्स आ चुकी होती हैं जो उसके हाथ पैर बनने का संकेत देती हैं इस हफ्ते तक बच्चे का दिमाग़ तथा स्पाइन तकरीबन पूरी तरह तैयार हो चुकी होती है और बच्चा अब तक एक से तीन सेंटीमीटर तक बड़ा हो चुका होता है !
आठवां हफ़्ता- आठवे हफ्ते मे वेजाइनल डिसचार्ज बढ़ जाता है लेकिन यह बहुत ही सामान्य और दुर्गंध रहित होता है हालाँकि इस समय तक बच्चे की इंटर्नल ऑर्गन्स बन चुकी होती हैं लेकिन अभी उन्हे कम करने के लिए और विकास की आवश्यकता होती है बच्चे की आँखें और कान पूरी तरह विज़िबल हो जाते हैं और उसका चेहरा भी इंसानी शक्ल लेने लगता है, अबतक बच्चा दो से पाँच सेंटीमीटर तक लंबा हो चुका है।
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