पंजों से फंगस को दूर करने के तरीके

टोनेल फंगस अर्थात पैरों के नाखून में कवक संक्रमण एक आम समस्या है, इसके कारण पैर के नाखूनों में खुजली, सूजन, और दर्द होता है, हालांकि सही समय पर उपचार कर इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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पंजों से फंगस को दूर करने के तरीके

पैरों के नाखून में फंगस या कवक (टोनेल फंगस) लगना एक आम समस्या है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसका कारण गंदगी और साफ-सफाई की कमी होता है। जब टोनेल में इन्फेक्शन या फंगस हो जाता है, तो ये देखने में भद्दे लगने लगते हैं। इन्फेक्शन के कारण नाखून भूरे रंग के हो जाते हैं और नाखूनों की चमक खत्म हो जाती है। साथ ही वे फंग इंफेक्शन के कारण पतले भी हो जाते हैं।

यही नहीं, नाखूनों का आकार बिगड़ जाता है और वे ढीले हो जाते हैं और उनके किनारे हल्के हरे रंग के हो जाते हैं। टोनेल फंगस के कारण उनमें खुजली, सूजन, और दर्द जैसे लक्षण हो जाते हैं। सही समय पर इलाज व देखभाल न की जाए तो यह इंफेक्शन गंभीर रूप ले सकता है। हालांकि इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। तो चलिये जाने की टोनेल फंगस को कैसे दूर किया जाता है व इससे अपने पैरों को कैसे बचाया जा सकता है। खासतौर पर मानसून में पैरों की देखभाल उतनी ही जरूरी है, जितनी शरीर के अन्य हिस्सों की, ताकि वे फंगस से दूर रहें।

 

Toenail Fungus Disappear in Hindi

 

टोनेल फंगस के क्या कारण हैं

हमारा शरीर कई प्रकार के माइक्रोआर्गेनिज्म जैसे बैक्टीरिया और फंगी के सम्पर्क में आता रहता है। इनमें से कुछ तो शरीर के लिए ठीक होते हैं, लेकिन कुछ बैक्टीरिया इन्फेक्शन का कारण बन जाते हैं। फंगस बालों, नाखूनों, और त्वचा की बाहरी सतह पर रहते हैं। गौरतलब है कि एथलिट्स फुट, दाद, जांघों के जोड़ों के पास होने वाले इन्फेक्शन को खुजाना और आंखों की पलकों और भौहों पर होने वाले डेंड्रफ को खुजाने से भी फंगल नेल इन्फेक्शन फैल सकता है। इस प्रकार का इन्फेक्शन अधिकतर मध्यम वर्ग की उम्र के लोगों में ज्याद होता है। पैरों के नाखून हाथों के नाखूनों की तुलना में फंगल इन्फेक्शन से अधिक प्रभावित होते हैं। वे लोग जो स्वीमिंग पूल में  अधिक तैराकी करते हैं उन्हें भी यह इन्फेक्शन होने की ज्यादा आशंका होती है। अधिक समय तक पैरों का जूते में बंद रहना या काफी देर-देर तक पैरों का गीला रहना तथा त्वचा या नाखून में छोटी सी चोट भी नाखूनों के फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती है।

 

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टोनेल फंगस को दूर करने के तरीके

  • एंटी-फंगल क्रीम का प्रयोग करें। आप इस प्रकार नाखून के लिए एंटी-फंगल क्रीम दवा की दुकान में या कोस्मेटिक स्टोर के नेल केयर सेक्शन में प्राप्त कर सकते हैं। 
  • फंगस को ऑक्सीजन के संपर्क से बचा कर रखें। ऐसा करने से लए नाखूनों में संक्रमण नहीं होता है और पुराना संक्रमण भी अधिक नहीं फैलता। इसके अलावा रात को सोते समय टोनेल पर वेसलीन लगाएं। ऐसा करने से कवक का प्रसार नहीं होता है। 
  • सल्फर पाउडर का प्रयोग करें। यह अधिकांश दवा की दुकानों में उपलब्ध होता है और इसके लिए पर्चे या डॉक्टर की मान्यता की जरूरत भी नहीं होती है। यह आपको बागवानी की दुकान में भी मिल जाता है। आप इसे फंगस वाले नाखून पर एंटी फंगल-पाउडर के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं।ॉ
  • टोनेल फंगस से छुटकारा पाने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करें। यह पीएच को संतुलित करने में मदद करता है। बेकिंग सोडा को पेस्ट बना कर फंगस वाले नाखून पर लगाया जा सकता है या फिर जूतों में भी छिड़का जा सकता है।
  • टोनेल फंगस से राहत पाने के लिए पानी में थोड़ी-सी हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे फंगस वाली जगह लगाएं। इस पेस्ट को  दिन में 3 से 4 बार लगाने से फंगस में जल्द राहत मिलती है।
  • नीम का तेल एंटी-फंगल होता है, इसे फंस वाली जगह लगाने से यह फंगस को बढ़ने से रोकता है। इससे नाखूनों और उसके आसपास की जगह पर मालिश करें, फंगस जल्द ही दूर होती रहेगी।
  • नारियल का तेल त्वचा की किसी भी प्रकार की बीमारी या संक्रणण से बचाता है। इस तेल को फंगस की जगह पर लगाने से उससे होने वाले दर्द में आराम मिलता है। साथ ही यह फंगस बढ़ने से भी रोकता है।
  • सिरके का उपयोग करें। अपने पैरों को हल्‍के गरम पानी और सिरके के घोल में डाल कर कुछ देर तक रखें और फिर साफ करें। इससे नाखून में लगे फंगस एसिड के प्रकोप से खुद को बचा नहीं पाएंगें।
  • नाखूनों को सूखा रखें क्योंकि गीले नाखून बैकटीरिया और फंगस की चपेट में जल्दी आते हैं। पैरों को धोने के बाद उन्‍हें अच्‍छी तरह से तौलिये से पोंछ लें और सुखा लें। टोनेल फंगस होने पर नाखून खूले सैंडल आदि पहनें, जिसमें से हवा आर पार हो सके। बंद जूतों से पैदा होने वाले पसीने से पैरों में बैक्‍टीरिया पैदा होते हैं। बंद या कसे हुए जूते कतई न पहनें।
  • साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। पैरों में कभी भी एक ही मोजों को हफ्ते भर ना पहने रहें। इससे बैक्‍टीरिया और पसीना पैदा होते रहते हैं। सफेद मोजे को ब्‍लीच से साफ करें और अन्‍य रंग के मोजों को डिटर्जेंट से अच्छी तरह साफ करें। रोज नए जोड़ी मोज़े पहनें।




इसके अलावा हफ्ते में एक दिन जूतों को कुछ देर धूप में रखें, जिससे उसमें मौजूद सूक्ष्मजीवी या फंगस नष्ट हो जाएं और नमी भी पूरी तरह से खतम हो जाए। खासतौर पर बरसात में डायबिटिक फुट की समस्याएं ज्यादा बढ़ जाती हैं और फंगस वाले जूतों से संक्रमण की आशंका अधिक हो जाती है, इसलिए इस समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा नाखूनों में फंगस होने पर नेल पेंट न लगाएं। नेल पेंट और रिमूवर का नाखूनों पर ज्यादा इस्तेमाल करने पर भी वे खराब होने लगते हैं।



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