मधुमेह के दो प्रकार होते हैं। टाइप 1 और टाइप 2। मधुमेह टाइप 1 के दौरान शरीर में इंसुलिन का निर्माण बंद हो जाता है या फिर इंसुलिन का उत्पादन होना बहुत कम हो जाता है, जिससे शरीर में इंसुलिन का लगातार स्तर गिरने से व्यक्ति टाइप 1 मधुमेह का शिकार हो जाता है। मधुमेह की चिकित्सा संभव नहीं है लेकिन मधुमेह से बचाव संभव है। टाइप 1 मधुमेह को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता। आइए जानें टाइप 1 मधुमेह को नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में।
- टाइप 1 मधुमेह बचपन में किसी भी समय हो सकता है, यहां तक कि अधिक उम्र शैशव अवस्था में भी हो सकता है लेकिन टाइप 1 मधुमेह यह बीमारी आमतौर पर 6 से 18 साल से कम अवस्था में ही मिलती है।
- भारत में 1% से 2% लोगों केसों में ही टाइप-1 मधुमेह पाया जाता है।
- इंसुलिन के माध्यम से मधुमेह टाइप 1 को नियंत्रित करना सबसे आसान तरीका है।
- टाइप 1 के मधुमेह के लक्षण शीघ्र दिखने लगते हैं। सामान्यतः 2 से 3 सप्ताह या उससे भी कम समय में टाइप 1 मधुमेह के लक्षण उभर कर आते हैं और इन लक्षणों को पहचानना भी बहुत आसान होता हैं।
- टाइप 1 मधुमेह में अग्नाशय की बीटा कोशिकाएं इंसुलिन को पहचानने में असमर्थ होती है इसीलिए टाइप 1 मधुमेह में कोई दवाई काम नहीं करती बल्कि इंसुलिन ही प्रभावी होता है।
- लिहाजा एक ओर जहां टाइप 1 मधुमेह को कम करने में इंसुलिन कारगार है, वहीं खान-पान में बदलाव लाकर और दिनचर्या में बदलाव लाकर टाइप 1 मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है।
टाइप 1 को नियंत्रित करने के तरीके - टाइप 1 को कंट्रोल करने का एक और तरीका है वह है खान-पान के दौरान चीनी की कम मात्रा लेना।
- आहार में वसा की मात्रा भी कम से कम लें।
- इंसुलिन लेने के दौरान शुगर की नियमित रूप से जांच करवाएं।
- टाइप 1 मधुमेह पीडि़त लोगों को अधिक से अधिक मौसमी फल और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
- इस बीमारी से पीडि़त लोगों को प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम के दौरान टहलना, जॉगिंग करना, योगासन करना, प्रणायाम करना और अन्य एरोबिक्स शामिल है।
- जितनी भूख हो उतना ही खाएं, भूख से अधिक खाने के कारण भी डायबिटीज बढ़ने का खतरा रहता है।
मधुमेह टाइप 1 के लक्षण - रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने से व्यक्ति बच्चे को बार-बार पेशाब आने लगता है।
- शरीर से अधिक तरल पदार्थ निकलने से बच्चे व्यक्ति को बहुत प्यास लगती है।
- किसी-किसी व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो जाती है तथा वह कमजोरी महसूस करने लगता है।
- व्यक्ति हरदम सुस्त महसूस करता है।
- टाइप 1 मधुमेह के दौरान व्यसक्ति के पल्स बहुत तेजी से चलने लगते हैं।
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