जानें क्‍या हैं कीटोन्‍यूरिया के लक्षण, कारण और इलाज के तरीके

जब शरीर में इंसुलिन की कमी होने लगती है तो शरीर अन्य विकल्पों द्वारा शरीर में ऊर्जा की पूर्ति करता है। ऐसे में शरीर में कीटोन पैदा होता है जिससे कीटोन्‍यूरिया की स्थिति बनती है। कीटोन्‍यूरिया के बारे में इस लेख में विस्तार से जानें।
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जानें क्‍या हैं कीटोन्‍यूरिया के लक्षण, कारण और इलाज के तरीके

कीटोन्‍यूरिया एक तरह की मेडिकल स्थिति है जिसमें यूरीन में कीटोन आता है। ये स्थिति तब आती जब शरीर में इंसुलिन नहीं बनता और शरीर ऊर्जा के लिए अन्य विकल्पों पर निर्भर करता है। इसके कारण ही शरीर में कीटोन बनने लगते हैं। इसकी अधिकता होने पर ये कीटोन यूरीन के द्वारा शरीर से बाहर निकलने लगते हैं। ये बीमारी टाइप 1 मधुमेह से ग्रस्त इंसान या बहुत अधिक घंटों तक भूखे रहने वाले लोगों में होती है। कीटोन्‍यूरिया एक लंबी स्थिति है जिसके बारे में विस्तार से जानना जरूरी है।

 

कीटोन्‍यूरिया क्या है?

  • यूरीन में कीटोन की बहुत अधिक मात्रा का होना कीटोन्‍यूरिया का कारण बनता है।
  • ये तब होता है जब शरीर वसा और प्रोटीन सेल्स को ऊर्जा के लिए तोड़ना शुरू करता है।
  • कीटोन्‍यूरिया का खतरा तब अधिक बढ़ जाता है जब यूरीन में कीटोन की मात्रा बढ़ जाती है।
  • मधुमेह से पीड़ित वे लोग जिनके शरीर में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल हाई होता है, उन्हें कीटोन की इस समस्या को खत्म करने की जरूरत होती है। क्योंकि इससे उनके शरीर में वसा और प्रोटीन की कमी हो जाती है।
  • कीटोन शरीर में तब बनने लगता है शरीर में इंसुलिन कम हो जाता है। इस कारण टाइप 1 मधुमेह  से ग्रस्त इंसान में कीटोन्‍यूरिया होने की संभावना अधिक होती है।

 

कीटोन्स के बारे में जानें

जब शरीर ऊर्जा के लिए कार्बोहाइड्रेट के बजाय शरीर में मौजूद वसा और प्रोटीन का इस्तेमाल करता है तो शरीर में एक रसायन का निर्माण करता है जिसे कीटोन कहा जाता है। फिर यह टूटे हुए प्रोटीन यह शरीर से यूरिन के द्वारा बाहर निकलते हैं। लेकिन कई बार यह कीटोन की मात्रा यूरिन में बहुत अदिक हो जाती है जो गंभीर स्थिति कीटोन्‍यूरिया पैदा करती है। इससे मधुमेह कीटोएसिडोसिस भी हो सकता है।

 

कब होता है

  • कम मात्रा में वसा, कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च व ग्लूकोज़ का सेवन यूरिन में कीटोन का कारण बनता है।
  • कोई व्यक्ति 18 या उससे ज्यादा घंटों तक कुछ खाता नहीं है।
  • कई बार स्वस्थ गर्भवती महिलाओं के यूरिन में भी कीटोन की मात्रा पाई जाती है।

 

कीटोन्‍यूरिया क्यों होता है?

  • अनियंत्रित मधुमेह कई बार कीटोन्‍यूरिया का कराण बनता है तो कई बार सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट भोजन में ना लेने के कारण ऐसा होता है।
  • अगर किसी को टाइप 1 मधुमेह है और उसका शरीर बहुत ही कम मात्रा में इंसुलिन बना पाता है तो उसका शरीर खुद ही प्रोटीन्स को तोड़कर कीटोन्स बनाने लगता है।

 

कीटोन्स टेस्ट

  • अगर कोई इंसान इंसुलिन लेता है और उसको हाई ब्लड शुगर की समस्या है तो कीटोन्स का टेस्ट करवा लें।
  • अगर यूरीन में सामान्य मात्रा में या उससे ज्यादा कीटोन्स मिलते हैं तो उस इंसान को ट्रीटमेंट की जरूरत है।
  • क्योंकि सामान्य तौर पर यूरिन में कीटोन नहीं होता। लेकिन बुखार, बहुत अधिक देर तक भूखे रहने से, ज्यादा व्यायाम करने से, गर्भवस्था, और कुछ  खासकर बीमारियों में यूरिन में कीटोन आने लगता है।

 

कीटोन्‍यूरिया और बीमारी

अगर कोई इंसान ऊपरी तौर पर इंसुलिन लेता है और उसे किसी भी तरह की बीमारी या इंनफेक्शन है तो ब्लड ग्लूकोज़ लेवल तुरंत हाई हो जाता है जिससे कीटोन के लेवल में बढ़ोतरी हो जाती है।


कीटोन्‍यूरिया के लक्षण

  • प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब लगना
  • मतली
  • डीहाईड्रेशन
  • सांस लेने में पेरशानी
  • आंखों की पुतलियों को फैलना
  • मेंटल दुविधा

 

कीटोन्‍यूरिया का इलाज

कीटोन्‍यूरिया इंसुलिन की कमी से होता है। ऐसे में जरूरत के अनुसार इंसुलिन लें। इंसुलिन की जरूरत यूरीन में आने वाले कीटोन्स पर निर्भर करती है।

 

कीटोन्‍यूरिया से ऐसे बचें

  • शरीर में ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को नियंत्रित करते कीटोन्स के हाई लेवल से बचा जा सकता है।
  • वे लोग जो ऊपरी तौर पर इंसुलनि पर निर्भर रहते हैं उन्हें हमेशा सही समय पर इंसुलनि लेना चाहिए।
  • अधिक समय तक भूखे रहने से बचें।
  • व्रत करते हैं तो समय-समय पर जूस पीते रहें जिससे शरीर में शर्करा बनते रहे।

 

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