दांत दर्द एक बड़ी समस्या है। कई बार यह काफी तकलीफदेह हो सकता है। लेकिन, अब विशेषज्ञों का मानना है कि दांत का यह दर्द आपको मानसिक रोगी भी बना सकता है।
दांतों में लगातार रहने वाला दर्द आपको मानसिक समस्यायें दे सकता है। लोगों में आमतौर पर ट्राईजेमिनल न्यूरापैथिक डिस्ऑर्डर (टीएनडी) की दिक्कत पाई जाती है। सर्दियों में अमूमन दांत के दर्द का आंकड़ा गर्मियों की अपेक्षा 10 गुना बढ़ जाता है।
टीएनडी खासतौर पर सुबह और शाम के समय दिमाग में गंभीर असर करता है। हालांकि दांत के इस दर्द का इलाज दर्द निवारक दवाओं से नहीं करना चाहिए। इस दर्द का सीधा संपर्क मस्तिष्क से होता है।
एक प्रमुख हिन्दी दैनिक में छपी खबर के अनुसार, दिल्ली पेन सेंटर के डॉक्टर जीपी दुरेजा मानते हैं कि दो से तीन सप्ताह तक रहने वाला दांत का दर्द मानसिक रोगी बना सकता है। हालांकि किसी भी दर्द का संबंध मस्तिष्क की संदेश वाहन मोटर नर्व से होता है। बावजूद इसके दांत के दर्द के कारक टीएन की सही पहचान जरूरी है। इसको नजरअंदाज करने पर कई बार चेहरे की विकृति भी देखी जाती है।
दांत में लगातार दर्द के 80 फीसदी मामलों में मसूढ़ों में सूजन की जांच कर एंटी इंफ्लेमेटरी या संकुचन कम करने की दवायें देकर दर्द का इलाज किया जाता है। जबकि टीएनडी की पहचान के लिए दर्द से प्रभावित जगह की रेडियोग्राफी से जांच की जानी चाहिए। सर्दियों में मसूढ़ों में सर्द हवा का संपर्क इस दर्द में इजाफा कर देता है।
Read More Articles on Health News in Hindi