कैल्शियमयुक्त आहारों के ज्यादा सेवन से होता है हाइपरकैल्सीमिया का खतरा

हाइपरकैल्सीमिया की स्थिति में ब्लड में कैल्शियम का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाता है। ज्यादा कैल्शियम से शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसके अलावा इससे किडनी स्टोन, का खतरा भी बढ़ जाता है और ये दिल और दिमाग के काम करने में बाधा बन सकता है।
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कैल्शियमयुक्त आहारों के ज्यादा सेवन से होता है हाइपरकैल्सीमिया का खतरा

हमारे शरीर के विकास के लिए जिन तत्वों की जरूरत होती है उनमें कैल्शियम भी एक महत्वपूर्ण तत्व है। कैल्शियम हड्डियों के जरूरी तत्व है। इससे हमारी हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और हड्डियां मजबूत होती हैं। कैल्शियम की कमी से शरीर को कई तरह की हड्डियों से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं और अन्य रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ज्यादा मात्रा में कैल्शियम के सेवन से भी स्वास्थ्य को कई तरह के खतरे होते हैं। कैल्शियम के ज्यादा सेवन से होने वाले इन्हीं खतरों को हाइपरकैल्सीमिया कहते हैं। आइये आपको बताते हैं  हाइपरकैल्सीमिया के बारे में।

क्या है हाइपरकैल्सीमिया

हाइपरकैल्सीमिया की स्थिति में ब्लड में कैल्शियम का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाता है। ज्यादा कैल्शियम से शरीर की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसके अलावा इससे किडनी स्टोन, का खतरा भी बढ़ जाता है और ये दिल और दिमाग के काम करने में बाधा बन सकता है इसलिए कैल्शियम वाले ज्यादा पदार्थों का सेवन खतरनाक हो सकता है। हाइपरकैल्सीमिया में अक्सर पैराथायरॉइड ग्लैंड्स ओवर एक्टिव हो जाते हैं। ये ग्लैंड्स गले के पास थायरॉइड ग्लैंड के नीचे होते हैं और इनकी संख्या चार होती है। कई बार कुछ रोगों के कारण भी हाइपरकैल्सीमिया हो जाता है लेकिन इसकी मुख्य वजह कैल्शियम और विटामिन डी सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन ही है।

हाइपरकैल्सीमिया के खतरे

ऑस्टियोपोरोसिस

अगर आपकी हड्डियां ज्यादा मात्रा में कैल्शियम रिलीज करने लगती हैं, तो ब्लड में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस, गठिया, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। इसकी वजह से हड्डियों का फैक्चर और वजन घटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

किडनी की पथरी

जब हड्डियां कैल्शियम रिलीज करती हैं तो ब्लड के साथ-साथ कैल्शियम यूरिन में भी घुलता है। अगर यूरिन में कैल्शियम क्रिस्टल्स की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे किडनी की पथरी होने की संभावना बढ़ जाती है। समय के साथ ये क्रिस्टल्स आपस में जुड़कर पथरी का रूप ले लेते हैं। किडनी की पथरी खतरनाक होती है। दर्द के साथ-साथ इसके कारण आपको यूरिन पास करने में भी परेशानी हो सकती है।

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किडनी फेल्योर

हाइपरकैल्सीमिया अगर ज्यादा बढ़ जाए, तो किडनी फेल होने का भी खतरा होता है। इसके अलावा इसके कंफ्यूजन और डिमेंशिया की स्थिति भी पैदा हो सकती है और मरीज कोमा में भी जा सकता है।

दिल की अनियमित धड़कन

दिल की अनियमित धड़कन के कारण कार्डियक अरेस्ट का खतरा होता है। ये खतरनाक बीमारी है क्योंकि इसमें मरीज को संभलने का भी समय नहीं मिलता और उसकी मौत हो सकती है। हाइपरकैल्सीमिया के कारण दिल की धड़कन भी अनियमित हो सकती है।

कैल्शियम सप्लीमेंट्स के खतरे

  • कैल्शियम की गोलियों के अतिरिक्त सेवन से रक्त में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है और किडनी भी खराब हो सकती है ।
  • जिनके परिवार में पहले से प्रोस्टेट कैंसर के रोगी रहे हैं, उन्हें मल्टीविटामिन का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा रहता है ।
  • मिल्क एल्कली सिन्ड्रोम के कारण हाइपरग्लाइसीमिया हो सकती है और अगर समय रहते इसकी चिकित्सा नहीं की गयी तो रेनल फेल्योर भी हो सकता है।

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बरतें ये सावधानियां

  • अगर आप कैल्शियम की गोलियां ले रहे हैं, तो रक्त में कैल्शियम की मात्रा की जांच करा लें ।
  • ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज़ों के लिए कैल्शियम की गोलियों लेना आवश्यक होता है, लेकिन उन्हें भी कैल्शियम की मात्रा ध्यान में रखनी चाहिए ।
  • चिकित्सक के परामर्श के अनुसार ही विटामिन की गोलियां लें।

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