स्वस्थ रहना है तो आप भी अपनाएं डॉक्टरों की ये आदतें

क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी बीमारियों को ठीक करने वाले और हमेशा रोगियों से घीरे रहने वाले डॉक्टर खुद को बीमारियों से कैसे बचाकर रख पाते होंगे। जबकि उनका शरीर और इम्यून सिस्टम भी बाकी के लोगों की ही तरह होता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
स्वस्थ रहना है तो आप भी अपनाएं डॉक्टरों की ये आदतें

क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी बीमारियों को ठीक करने वाले डॉक्टर खुद को बीमारियों से कैसे बचाकर रख पाते होंगे। उनका शरीर और इम्यून सिस्टम भी और लोगों की ही तरह होता है। तो ऐेसे में यदि वे खुद को बीमारियों से बचा पाते हैं, खासतौर पर कोल्ड और फ्लू के मौसम में। जबकि वे पूरे दिन सर्दी और फ्लू से संक्रमत लोगों के बीच काम करते हैं। तो इसके पीछे होती हैं उनकी ये स्वस्थ आदतें। जी हां, डॉक्टर खुद को बीमारियों से बचाने के लिये निम्न आदतों को नियमित तौर पर अमल में लाते हैं।

 

Avoid Getting Sick in Hindi

 

चीजों को छूने से पहले हाथ धोते हैं  

आमतौर पर फैलने वाली 80 प्रतिशत बीमारियां जैसे, सर्दी-ज़ुकाम व फ्लू आदि हाथों के माध्यम से ही फैलती हैं। इसलिए किसी भी चीज को छूने से पहले और टॉयलेट जाने के बाद, अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लेने डॉक्टरों की आम आदत होती है। वे मरीज की जांच करने के बाद कोई भी वस्तु जैसे, मोबाइल फोन, की बोर्ड व दरवाज़े आदि को हाथ लगाने से पहले हाथों को अच्छी प्रकार से धोते हैं।

एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सेनेटाइज़र रखते हैं साथ

क्यूंकी हमेशा और हर जगह हाथ धोने की व्यवस्था नहीं होती, डॉक्टर हमेशा अपने साथ एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सेनेटाइज़र रखते हैं। हाथों को साफ रखना आवश्यक होता है, लेकिन आप हर जगह अपने हाथों को कीटाणु मुक्त रखने के लिए साबुन और पानी से हाथ नहीं धो सकते। तो इसके लिए आपको हमेशा अपने साथ एक अच्छा एल्कोहॉल बेस्ड हैंड सेनेटाइज़र रखना व इस्तेमाल करना चाहिए।यदि एस्पिरिन को नींबू के जूस के साथ मिला दिया जाए तो यह एक कमाल के हैंड सेनेटाइज़र की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

Avoid Getting Sick in Hindi

 

एयरबोर्न रोगाणुओं से रहते हैं खबरदार

हम सभी लोग को पता है कि कीटाणु हवा के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं। लेकिन अधिकांश रोगी इस बात को जानकर हैरान होते हैं कि सबसे अधिक फ्लू के मामले खांसने, छींकने, यहां तक कि बात करने से प्रेषित होते हैं। यहां तक कि दी जर्नल ऑफ़ इन्फेक्शियस  डिज़िजेज की एक रिपोर्ट में पता चला था कि किसी संक्रमित व्यक्ति से फ्लू वायरस हवा में कम से कम छह फुट दूर तक दूसरे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। तो किसी कोल्ड या फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी बनाकर ही रखना चाहिए।   

वे समय पर फ्लू का शॉट लेते हैं

अधिकांश लोगों को लगता है कि फ्लू टीकाकरण शिशुओं या बुजुर्गों के लिए ही होता है। लेकिन ऐसा नहीं है, एक त्वरित फ्लू का शॉट संभावित बीमारी और इससे होने वाली तकलीफ से किसी को भी बचा सकता है। यहां तक कि एडवाइजरी कमेटी ऑन इम्मुनाइजेशन प्रैक्टिसेज के अनुसार हर उस व्यक्ति को फिलू शॉट लेना चाहिए जो किसी ऐसी बीमारी से ग्रसित न हो, जिसमें फ्लू शॉट निषेध होता है। डॉक्टर भी हर वर्ष फ्लू शॉट लते हैं और खुद को इस संक्रमणों से बचाते हैं।


फ्लू शॉट एक प्रकार का निष्क्रिय टीका है। जिसमें विषाणुओं को खत्म करने की क्षमता होती है। फ्लू शॉट तीन प्रकार के इंफ्लूएंजा वायरस से हमारा बचाव कर सकता है। यह दरअसल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। और जब विषाणु किसी ऐसे इंसान के शरीर में प्रवेश करते हैं, जिसने पहले से फ्लू शॉट लिया हो तो रोग प्रतिकारक इन विषाणुओं पर हमला कर उन्हें मार डालते हैं और फ्लू से बचाव होता है।

फ्लू का शॉट 'डॉक्टरों कार्यालयों, फार्मेसियों और चिकित्सा क्लीनिक पर उपलब्ध होते हैं।  


जिस प्रकार डॉक्टर अपने मरीज़ों को संक्रमण से बचाने के लिए अपने हाथ धोते हैं, औज़ारों को रोगाणु-मुक्‍त रखते हैं तथा ऑपरेशन थिएटर को साफ-सुथरा रखते हैं। ठीक उसी तरह, अपने परिवार को रोग मुक्त रखने के लिए आप खुद को, अपने रसोई-घर को और खाने की चीज़ों को साफ-सुथरा रख सकते हैं।

 

 

Read More Articles On Healthy Living in Hindi.

Read Next

वेट लिफ्टिंग करने से बदल सकती है आपकी जिंदगी

Disclaimer