शरीर को ठीक से काम करने के लिए एनर्जी और कुछ पोषक तत्वों की जरूरत होती है जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन्स, मिनरल्स और पानी आदि। शरीर की जरूरत के लिए सभी तत्व और एनर्जी हमें आहार के माध्यम से मिलता है। अगर आप सही और पर्याप्त पौष्टिक चीजों का सेवन करते हैं तो आप हमेशा स्वस्थ रहते हैं। बिना पर्याप्त पोषण के शरीर के अंगों में खराबी आने लगती है और ये ठीक से काम नहीं कर पाते हैं। शरीर में अगर किसी खास विटामिन या मिनरल की कमी है तो शरीर इसके संकेत पहले ही दे देता है। इन संकेतों को समझकर आप अपने शरीर की जरूरत के अनुसार पोषक तत्व ले सकते हैं और खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।
हड्डियों की कमजोरी
विटामिन डी की कमी से शरीर की हड्डियां प्रभावित होती हैं क्योंकि हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी जरूरी है। अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और कई बार फ्लू भी हो जाता है। इसकी कमी से हड्डियों के रोग जैसे ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस आदि हो जाते हैं। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत धूप है इसलिए धूप में रोज थोड़ी देर बैठने से विटामिन डी की जरूरत 40 प्रतिशत तक पूरी हो सकती है। इसके अलावा बादाम और फिश से भी विटामिन डी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
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लगातार बाल झड़ना
बाल झड़ने की समस्या आजकल सामान्य हो गई है। बहुत सारे लोगों के बाल लगातार झड़ते हैं और किसी उपाय से भी ठीक नहीं होते हैं। ये विटामिन बी7 की कमी से हो सकता है। विटामिन बी7 यानि बायोटिन को हेयर विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। इससे बचने के लिए उबले अंडे, एवकाडो, मशरूम, फूलगोभी, सोयाबीन, नट, रसभरी व केले आदि का सेवन करें। इसके अलावा बायोटिन की कैप्सूल भी ले सकते हैं लेकिन उसके लिए चिकित्सक की परामर्श जरूरी है।
हाथ-पैरों में झुनझुनी
कई बार हाथ-पैरों में झुनझुनी होने लगती है और ऐसा लगता है जैसे हाथ-पैरों में करंट दौड़ रहा है। इसके अलावा कई बार अचानक से त्वचा पर चुभन महसूस होने लगती है। ये इशारा विटामिन बी की कमी का है। विटामिन बी भी कई तरह के हो सकते हैं जैसे, विटामिन बी9 यानि फॉलेट , बी6, और बी 12 आदि। आमतौर पर ये नसों से संबंधित बीमारी होती है क्योंकि झुनझुनाहट तब होती है जब शरीर में रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। इन लक्षणों के साथ चिंता, अवसाद, एनीमिया, थकान, और हार्मोन असंतुलन आदि भी देखे जा सकते हैं। इससे बचने के लिए पालक, शतावरी, बीट, सेम, अंडे आदि का सेवन करना चहिए।
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चेहरे पर सफेद दाने
चेहरे पर सफेद दानों को अक्सर हम मुंहासा मान लेते हैं। मुंहासों का कारण शरीर के हार्मोन्स में बदलाव है। कई बार जब मुंहासों की उम्र निकल जाती है तब भी ये दाने हमें दिखते हैं तो आश्चर्य होता है लेकिन फिर भी हम इसे मुंहासा ही मानते हैं। जबकि चेहरे पर सफेद दानों का कारण फैटी एसिड और विटामिन ए और डी की कमी भी हो सकता है। इससे बचने के लिए सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट का सेवन कम करें और और स्वस्थ वसा का सेवन ज्यादा करें। आप चाहें तो डॉक्टर की सलाह से इसके लिए सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
मसूड़ों से खून निकलना और बार-बार छाले
कई लोगों के मसूड़ों से खून निकलने लगता है या उनके मुंह में बार-बार छाले निकलते हैं। छालों को आमतौर पर पेट में गड़बड़ी के संकेत के रूप में देखा जाता है लेकिन अगर ये छाले बार-बार निकल रहे हैं तो ये शरीर में प्रोटीन की कमी का इशारा भी हो सकता है। आमतौर पर मसूड़ों की बीमारी का खतरा 35 वर्ष की उम्र के बाद होता है। हमारे शरीर को हर रोज लगभग 1000 मिलीग्राम प्रोटीन और विटामिन की जरूरत होती है। अगर हम इससे कम पोषक तत्व लेते हैं तो हमारे शरीर में इसकी कमी के संकेत दिखने शुरू हो जाते हैं।
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