खाने के शौकीन लोगों को अक्सर अपने दांतों की सड़न की चिंता परेशान करती रहती है। मांएं तो अपने बच्चों की दांतों की समस्या को खासी परेशान रहती हैं।
शोधकर्ताओं ने नई 'शुगर-फ्री' कैंडी का निर्माण किया है, जो दांत में कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम कर देती है। बर्लिन बायोटेक फर्म ऑर्गेनोबैलेंस की क्रिस्टीन लैंग व उनके साथी ने इस कैंडी को बनाया। उन्होंने बताया की आम कैंडी में मृत बैक्टीरिया होते हैं, जो कैविटी का कारण बनते हैं।
मेडिकल एक्सप्रस के अनुसार इस कैंडी को खाने वाले लोगों के मुंह में बैक्टीरिया का स्तर काफी कम था। इस कैंडी को खाने के बाद दांत की सतह से जुड़े बैक्टीरिया एक एसिड बनाते हैं, जो कैविटी पैदा करने वाले दांतों के एनामेल को गला देता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक सेट्रेन 'म्युटान्स स्ट्रेप्टोकोक्की' बैक्टीरिया कैविटी पैदा करने का सबसे बड़ा कारण होता है। शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया का एक अन्य प्रकार लैक्टोबैसिलस पैराकेसी, केफिर में पाया। जो म्युटान्स स्ट्रेप्टोकोक्की के स्तर और कैविटी की संख्या कम भी करता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि म्युटान्स स्ट्रेप्टोकोक्की बांधकर एल पैराकेसी, म्युटान्स स्ट्रेप्टोकोक्की को दांतों की रीचएटैचिंग को रोकता है।
यह परीक्षण करने के लिए कि क्या एल पैराकेसी लोगों में कैविटी को रोकने में मदद कर सकता है, लैंग और उसकी टीम ने हीट-किल्ड (heat-killed samples of the bacteria) बैक्टीरिया के सैम्पल युक्त एक शुगर-फ्री कैंडी का निर्माण किया। रिपोर्ट के मुताबिक प्रयोग के बाद, बैक्टीरिया युक्त कैंडी खाने वाले तीन चौथाई लोगों मे से एक दिन पहले की तुलना में उनके लार में म्युटान्स स्ट्रेप्टोकोक्की का स्तर काफी कम था।
वे लोग जिन्होंने जो 2 मिलीग्राम बैक्टीरिया वाली कैंडी खाई, उनमें पहली कैंडी खाने के बाद म्युटान्स स्ट्रेप्टोकोक्की के स्तर में कमी देखी गई।
शोधकर्ताओं ने बताया कि मृत बैक्टीरिया का उपयोग करके, जीवित बैक्टीरिया के कारण होने वाली समस्याओं से बचने में ये लोग सक्षम थे।
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