पांच में से हर एक व्यक्ति इस देश में उच्च रक्त चाप और मधुमेह का शिकार है । ऐसा एक शोध में पाया गया जिसका नाम है स्क्रीनिंग इनियास ट्विन एपिडेमिक (साईट) ।यह भारत का सबसे बड़े क्लिनिक के आधार पर किया गया अध्ययन है जो की इन दो रोगों के एक साथ होने के संबंध के बारे में जाने के लिए किया गया था । इस अध्ययन से यह भी पता चला है वो लोग जो की इन दो रोग से ग्रस्त हैं या वो लोग जिनमे की ये दोनों रोग देखे गए हैं उनका प्रतिशत 60% तक बढ़ जाएगा ।
यह अध्ययन एक दवा की कम्पनी के द्वारा किया गया था जिसमे की 8 बड़े शेहरो के लग्बह्ग 16000 लोगो ने हिस्सा लिया था ।ये मरीज़ डोक्टरो के क्लिनिक पर अपने उच्च रक्त चाप और मधुमेह की शिकायत लेकर गए थे।इस अध्ययन से साईट के मुख्य निर्देशक डा. शशांक जोशी को बहुत अचम्भे में डाल दिया है । उन्हें यह बात बहुत बुरी लगी की किस तरह लोग अपने रोगों के प्रति लापरवाह है की वे अपनी रक्त में शकरा की मात्रा की भी जाँच नहीं कराते हैं ।
मरीजों में रक्त दवाब, रक्त की शर्करा और रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा जाँची गयी । ये सारे स्वास्थ्य सूचक मोटापे और मासाहार खाने के कारण प्रभावित होते हैं । डा. जोशी ने कहा की 2% से कम लोगो में सामान्य स्तर आये है जबकि सिर्फ 20 % में रक्त में दवाब की मात्रा नियंत्रित पायी गयी ।
इस अध्ययन से एक बहुत ही बड़ी बात यह पता चली की 80% लोग मोटापे के शिकार थे । शोध में सम्बन्धित डोक्टरो के हिसाब से सबसे बड़ी समस्या जो की इन बातो से पता चली है वह यह है की मरीजों को अपनी दशा के बारे में पता नहीं है और आइसीएमार के कुछ अध्ययनों से यह पता चला है की प्री डायबटीज , एक दशा जो की व्यक्ति ने डायबिटीज बनने की दशा से पहले की दशा होती है वो उन लोगो में दोगुनी पायी गयी जो की डायबटीज से ग्रस्त हैं।