मोटापा कम होता है कपाल भाति से

मोटापा कम करने के लिए कपाल भाति एक बेहतर विकल्प है। जानें किस प्रकार यह मोटपा कम करने में फायदेमंद है।
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मोटापा कम होता है कपाल भाति से

आधुनिक जीवनशैली में ज्यादातर लोग मोटापे से परेशान है। आज की जीवनशैली में मोटापे से बहुत सी भयावह बीमारियों का खतरा रहता है। मोटापे को जल्द से जल्द कम करने और मोटापे पर नियंत्रण करने के लिए जरूरी है जीवनशैली में बदलाव लाना। व्यायाम के माध्यम से आसानी से वजन कम किया जा सकता है।

benefits of kapal bhatiकपाल भाति की मदद से वजन घटाने काफी आसान है। नियमित रुप से सुबह-सुबह कपालभाति करने से कुछ ही दिनों में पको फर्क महसूस होने लगेगा। जानिए कपाल भाति किस प्रकार वजन घटाने में कारगर है।

  1. मोटापे घटाने के लिए योग क्रिया आसान और सरल उपाय है। ऐसी ही एक क्रिया है कपाल भाति, जिससे निश्चित तौर पर मोटापे पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
  2. कपालभाति क्रिया को खड़े होकर या बैठकर दोनों तरह से किया जा सकता है। इस क्रिया में सांस लेने व छोड़ने की गति जितनी तेज होती है, कपाल भांति का लाभ उतना ही अधिक होता है।
  3. कपाल भाति के निरंतर अभ्यास से मोटापा घटाने में तो मदद मिलती ही है साथ ही पेट के आसपास की अधिक चर्बी भी कम होती है। 

 

कपाल भाति क्रिया करने की विधि:

किसी सपाट जगह पर चद्दर या अन्य कोई कपड़ा बिछाकर बैठ जाएं। बैठने के बाद पेट को ढीला छोड़ दें। अब तेजी से सांस बाहर निकालें और पेट को भीतर की ओर खींचें। सांस को बाहर निकालने और अंदर की ओर खींचते समय संतु‍लन बनायें संतुलन बना कर रखें। शुरूआत में दस बार और बाद में 60 बार तक भी इस क्रिया को कर सकते हैं। इस क्रिया को करने के दौरान बीच--बीच में आराम भी कर सकते हैं। जलनेति के बाद कपालभाति क्रिया को करना अधिक लाभकारी होता है।

 

सावधानियां-

  • शुरूआत में कपाल भाति करने से पहले किसी योगा एक्सपर्ट से या तो इस क्रिया को सीख लें या फिर योगा एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
  • श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति इस क्रिया को ना करें।
  • कपाल भाति क्रिया सुबह के समय खाली पेट ही करें।
  • किसी योग विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही करें।

 

कपालभाति के लाभ-

  • यह स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
  • कफ विकार को नष्ट करता है।
  • इससे नासा छिद्र और श्वासन नली की सफाई अच्छी तरह हो जाती है।
  • इस क्रिया में श्वास क्रिया तेज होने के कारण स्वच्छ वायु फेफड़े में भरती रहती है, जिससे शरीर से दूषित तत्व बाहर निकलते है और शरीर स्वस्थ रहता है।
  • इस क्रिया से पेट की पेशियां तथा पेट के सभी अंगों की अच्छी तरह मालिश हो जाती है।
  • यह धमनी की कार्य क्षमता को बढ़ाता है, खून को साफ करता है तथा मस्तिष्क व श्वास नली को साफ करता है।
  • इस क्रिया से पसीना अधिक आता है, जिससे शरीर स्वच्छ रहता है। इसके अभ्यास से चेहरे पर कांति व चमक आती है।

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