गर्भावस्था के इस दौरान आपका वजन बढ़ सकता है। ऐसे में आपको अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब आप आने वाले सप्ताह में बच्चे को अधिक से अधिक महसूस करेंगी।
अब तक आप गर्भवती होने के हर पल का आनंद उठा रही हैं। गर्भावस्था के हफ्तों का आपके जीवन में यह एक रोमांचक समय है, खासकर अगर यह आपकी पहली संतान है। अब आप दूसरी तिमाही के मध्य में है। वे महिलायें, जिनके घर में जल्द ही किलकारी गूंजने वाली है, जन्म से पहले ही बच्चे के नाम की योजना, उसके लिये चीजों को जमा करना साथ ही देखभाल की योजना बना लेती हैं।
इस दौरान महिलाओं का वजन बढ़ना शुरू हो सकता है। लेकिन, आपको अपने इस बढ़ते वजन से परेशान नहीं होना चाहिए। वजन बढ़ने के पीेछे एक अच्छा कारण होता है। इस दौरान महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा अधिक स्थिर गति से बढ़ने लगता है। इस दौरान महिला अपने गर्भ में बच्चे की गतिविधि को पहले से अधिक महसूस कर सकती है।
आप अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों से उनकी गर्भावस्था के बारें में अधिक कहानियां सुनना शुरू करेंगी। गर्भावस्था कि तुलना करना मजेदार लगता है, लेकिन प्रत्येक गर्भावस्था अलग होती है, यह हमेंशा याद रखें। अन्य माताओं ने जो अनुभव किया आपको भी वैसा ही अनुभव हो यह जरूरी नहीं।
बच्चे का विकास
आपके गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन लगातार बढ़ता रहता है। इस दौरान बच्चे का वजन 12-1/4 औंस होना चाहिए। इस स्तर पर प्रत्येक बच्चे का वजन 12-1/4 औंस नहीं होगा, वो कम या अधिक भी हो सकता है। बच्चे की लंबाई 11 इंच होगी। यदि आपका सोनोग्राम होता है, तो आपको बच्चा एक नवजात शिशु की तरह लगेगा। बच्चे का सिर और शरीर पूरी तरह आनुपातिक है।
बच्चा पतला है और शिशु वसा बहुत नहीं है। बच्चे का वजन एक अच्छी दर बढ़ना चाहिए। बच्चे के सभी अंग स्थिर गति से विकास कर रहे हैं। बच्चे के जिगर ने एंजाइमों का उत्पादन करना शुरु किया है।
बच्चे में आने वाले बदलाव
मां का जिगर ही बच्चे को उसकी लाल रक्त कोशिकाओं से छुटकारा दिलाने का काम करता है। इस दौरान बच्चे के अगन्याशय का अच्छी दर से विकास शुरू हो जाता है। 22वें सप्ताह में बच्चे की आंखें व होठ दिखायी देना शुरू हो जाते हैं। बच्चे के दांत मसूडों रेखा के नीचे देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही इस दौरान उसके मस्तिष्क का भी विकास भी शुरू हो जाता है।
टॉप स्टोरीज़
संवेदी प्रणाली का विकास
बच्चे कि संवेदी प्रणाली बहुत जल्दी से विकसित हो रही है। मस्तिष्क अभी न्यूरॉन्स कार्य कर रहा है और बच्चा वास्तव में छूने की भावना सीख रहा है। वह अपने चेहरे की खोज कर सकता है या अपने पैर या हाथ को घुमाके वो कैसे महसूस होता ये देख सकता है।
आपके शरीर में परिवर्तन
अब, आपको अपने शरीर में शारीरिक परिवर्तन के कुछ लक्षण दिखाई देंगे। आपके हार्मोन के स्तर बढ़ रहे हैं, और आपको स्तनों में कुछ कोमलता और झुनझुनी का अनुभव होगा। आपको कुछ रिसाव, पेट में ऐंठन, चिड़चिड़ापन और मिजाज में बार-बार बदलाव का अनुभव हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था पूरी के दौरान ऐसे लक्षण दिखते है और कुछ महिलाओं में नहीं दिखते है। लेकिन गर्भावस्था के मामलें में बाद में पछताने से पहले ही सुरक्षित होना बेहतर है।
अब तक, आपको मॉर्निंग सिकनेस और थकान की शिकायत नहीं रहनी चाहिए। आपके रक्त प्रवाह में 40% से 50% वृद्धि होगी। जैसे गर्भावस्था में प्रगति होगी आपको अक्सर पेशाब करने कि जरुरत होगी। जैसे-जैसे महीने बीतते जायेंगे बच्चे का मूत्राशय को नीचे दबना शुरू होगा।
क्या उम्मीद की जाती है
गर्भावस्था के दौरान आप कई शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों का अनुभव करती हैं। इस दौरान आपको स्वस्थ भोजन करना चाहिए। तले हुऐ भोजन और फास्ट फूड से दूर रहें, इनसे दिल में जलन पैदा हो सकती है। आप हर भोजन के बाद चलना या हर हफ्ते तैराकी कर सकती हैं। यह पाचन के अच्छा हैं और गर्भवती महिलाओं के लिए यह बहुत अच्छा व्यायाम है।
एक बात जिससे आपको स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी, वो है गर्भावस्था के दौरान अपने साथी, परिवार और दोस्तों के साथ बात करना। यदि आपको कोई संदेह हैं, तो इन लोगों से आप बात करना चाहती हैं। बस किसी के साथ बात करके आप अपने मनोदशा में सुधार ला सकती है।
अपने विटामिन लेना और डॉक्टर की हर अपाईंटमेंट में समय पर जाना महत्वपूर्ण है। आप समय पर जा सकें ऐसे समय में अपाईंटमेंट रखने की कोशिश करें। अपने रक्तचाप की नियमित अंतराल पर जांच कराना महत्वपूर्ण है। आपके रक्त की अच्छी तरह से जांच हुई है, ये भी आप सुनिश्चित करना चाहेंगी। जब तक सब कुछ ठीक रहेगा उतना ही बच्चे का विकास और बढना अच्छे तरह से जारी रहेगा। मातृत्व एक वरदान है और आपको अपनी गर्भावस्था अच्छी तरह से जारी रहे ये सुनिश्चित करने के लिये हर कोशिश करनी चाहिये।
सुझाव / सलाह
डाँक्टर के आदेशों का पालन करें, कभी कभी नई माताओं को लगता है कि वे ठीक है, और वे वह सब करने कि कोशिश करती है, जो वह गर्भवती होने से पहिले करती थी। आपके शरीर को सुनो और अगर आप की जरूरत है, तो अपनी गती धीमी करो। डॉक्टर के साथ अपाईंटमेंट में नियमित जायें और अपनी गर्भावस्था में किसी भी बिंदु पर अगर आपको कोई भी सवाल है, तो आप उनसें पूछ सकते है।
कुछ बातों का रखें खयाल
इस समय तक आकर गर्भपात का खतरा बहुत कम हो जाता है। लेकिन, इसका यह अर्थ यह कतई नहीं हैं कि आप चीजों को लेकर लापरवाह रवैया अपनाने लग जाएं। कुछ बातों को लेकर आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
धूम्रपान से रहें दूर
अपनी गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको धूम्रपान से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही दूसरे लोगों को भी अपने सामने धूम्रपान न करने दें।
शराब का सेवन न करें
कई वैज्ञानिक शोध इस बात को प्रमाणित कर चुके हैं कि गर्भावस्था के दौरान शराब पीने से गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को एल्कोहल युक्त पदार्थों के सेवन से दूर रहने की हिदायत दी जाती है।
जंक फूड से रहें दूर
जंक फूड या तला हुआ भोजन आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। याद रखें इस समय जो भी भोजन आप करती हैं, वही आपके बच्चे के पोषण का स्रोत बनता है। आपको ऐसा आहार करना चाहिए जिसमें पोषक तत्वों की मात्रा भरपूर हो। फाइबर और प्रोटीन युक्त आहार आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा।
याद रखे, अगर आप थका हुआ महसूस कर रही हैं, तो इसका अर्थ यह है कि बच्चे को उसका जरूरी पोषण नहीं मिल रहा है। और अगर आपका आहार सही नहीं है, तो भी बच्चे पर उसका बुरा असर पड़ सकता है। अपना आहार सही रखें क्योंकि इसी से बच्चे का सही विकास होता है।
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