हर गर्भवती महिला का सपना होता है कि उसका होने वाला शिशु पूरी तरह स्वस्थ हो। इसके लिए गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान अच्छी देखभाल बहुत जरूरी है। भ्रूण विकास के लिए चौथा हफ्ता बहुत अहम होता है।
महिला जब गर्भवस्था के प्रारंभिक लक्षणों से गुजरने के बाद चौथे सप्ताह में पहुंचती है तो उसे शुरूआती दिनों के मुकाबले ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। चौथा सप्ताह पूरा होने पर महिला को गर्भधारण किए हुए करीब एक महीना हो जाता है। यह समय भ्रूण के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय भ्रूण अंडाकार आकृति में दिखाई देता है। इस लेख के जरिए हम आपको बताते हैं गर्भावस्था के चौथे हफ्ते के बारे में।
चौथे हफ्ते के लक्षण
- पहले महीने के अंतिम दिनों में भ्रूण का आकार कबूतर के अंडे का आकार का होता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ महिलाओं को अपनी गर्भावस्था के बारे में पहले महीने में पता नहीं चल पाता। यदि आपको ऐसा लग रहा है कि आप गर्भवती हैं तो आपको अपनी जांच करानी चाहिए।
- चौथे सप्ताह में फर्टीलाइज्ड अंडा यूट्रस तक पहुंच जाता है और तकरीबन 72 घंटे के बाद यह अपने लिए यूट्रेस लिनिंग मे जगह बना लेता है। यूट्रेस लिनिंग की रक्त कोशिकाएं अंडे को स्पर्श करती हैं और अंडे का विकास शुरू हो जाता है।
- गर्भावस्था का चौथा सप्ताह भ्रूण के विकास में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इस समय यह बहुत जरूरी है कि गर्भवती महिला अपनी बेहतर तरीके से देखभाल करें। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
- चौथे हफ्ते में गर्भवती महिला के हार्मोन्स बदलने लगते हैं, जिससे महिला के शरीर में खिंचाव और तनाव महसूस होने लगता है।
- गर्भधारण के बाद महिलाओं के स्तनों की ग्रंथियां बढ़ने लगती है। जिससे छाती में दर्द होने की शिकायत होने लगती है। यह परिवर्तन कम से कम एक महीने तक रह सकता है।
- गर्भवती महिला की कांख में सूजन भी आ सकती है, ऐसा लसिक ग्रंथि में सूजन आने के कारण होता है। ऐसे में महिला को परेशानी भी हो सकती है।
- प्रत्येक गर्भ में बच्चे का विकास अलग तरह से होता है। भ्रूण का विकास महिला की उम्र, शारीरिक ढांचा, कद, आहार, शरीर की बीमारियों और कई अन्य कारणों से जुड़ा होता है। गर्भस्थ शिशु के विकास में होने वाला परिवर्तन बच्चे के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है।
- गर्भवती महिला को किसी भी तरह का दर्द या परेशानी होने पर डॉक्टरी सलाह के बिना कोई भी एंटीबायोटिक्स नहीं लेनी चाहिए। बिना परामर्श के दवाई लेने का असर भ्रूण पर पड़ सकता है।
चौथे हफ्ते में आहार
- चिकित्सकों के मुताबिक गर्भवती महिला को हॉट डोग्स जैसे मीट के व्यंजन के सेवन से दूर रहना चाहिए। इस समय
- महिला को ठंडे व्यंजनों को खाने से भी बचना चाहिए।
- गर्भवती महिला को बिना उबला हुआ दूध या कच्चा दूध और उससे बना कोई भी पदार्थ जैसे मिठाई, मक्खन, चीज और दही आदि नहीं खाना चाहिए। इनका सेवन भ्रूण के साथ ही महिला के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।
- गर्भवती महिला को अपने आस-पास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही बिना धोएं कोई भी फल व सब्जी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कोई भी कच्चे खाद्य पदार्थ या स्प्राउट्स गर्भावस्था के दौरान नहीं खाने चाहिए। गर्भवती महिला को मादक पदार्थों जैसे शराब, सिगरेट और ड्रग्स आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। ये बच्चे के लिए हानिकारक होते हैं।
- संभव हो तो डॉक्टर से खाने-पीने, रहन-सहन इत्यादि दवाइयों के बारे में पूरी जानकारी पहले से लेनी चाहिए। समय -समय पर डॉक्टर के संपर्क में रहने से गर्भवती महिला किसी भी खतरे को आने से पहले टाल सकती है।
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