आप गर्भावस्था के 29वें हफ्ते में हैं, इस समय तक आपके शरीर का वजन 19 से 25 पाउंड तक बढ़ चुका होगा। इस समय भी आप अपच की समस्या का सामना कर रही होंगी। इस तरह की समस्या से बचने के लिए आहार में फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
आपको गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार खाना चाहिए। यदि आप गर्भावस्था के पहले हफ्ते या इससे पूर्व से ही व्यायाम दिनचर्या का पालन कर रही हैं तो इसे बनाए रखना जरूरी है। रात को भोजन करने के बाद 20 मिनट टहलने की कोशिश करे, इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी। कुछ महिलाओं गर्भावस्था के इन हफ्तों के दौरान कब्ज की शिकायत हो सकती है। कब्ज से राहत पाने के लिए आप ज्यादा पानी पीने के साथ ही फाइबर युक्त आहार ले सकते हैं। इस समय डॉक्टर से परामर्श किए बिना आप कोई भी दवा न लें।
बच्चे का विकास
बच्चे का आकार तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि गर्भावस्था का समय जल्द ही पूरा होने वाला है। इस बच्चे का वजन करीब 14 से 15 इंच होगी और वजन दो से तीन पाउंड के बीच होगा। बच्चे के मस्तिष्क का भी विकास हो रहा है। पेट पर कान लगाकर आपका पार्टनर बच्चे की गतिविधियों को सुन सकता है। इस अवस्था में कुछ माताएं तो पेट पर हेडफोन रखकर बच्चे को संगीत सुनाती हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यदि आप गर्भावस्था के दौरान लगातार एक ही या संगीत की धुन सुनती हैं तो बच्चा पैदा के बाद उसे पहचानता है।
आपने महसूस किया होगा कि पहले के मुकाबले बच्चे की गतिविधि में कमी आई है। इसमें चिंता करने की बात नहीं है, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि गर्भाश्य में कम जगह बची है। गर्भावस्था का समय बढ़ने के साथ बच्चे के बच्चा पूरे गर्भाश्य की जगह ले लेगा, इससे उसकी सक्रियता पहले से कम होगी। अभी आपका बच्चा ज्यादा लात नहीं मारता। प्रेग्नेंसी के इस स्तर पर बच्चे की आंखे खुली हैं और प्रकाश की तरफ देखने के लिए उसका चेहरा घूम सकता है। उसके नाखून बढ़ रहे हैं, बच्चे के विकास के साथ उसमें चर्बी भी बढ़ेगी।
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शरीर में परिवर्तन
गर्भावस्था के उन्तीसवें हफ्ते में आपको हार्मोन का स्तर बदलने के कारण रेशेज की परेशानी हो सकती है। कुछ अन्य गर्भावस्था लक्षणों में इस समय आपका मन थोड़ी-थोड़ी देर में बदलता रहता है। ऐसे में आपको थकान,सुस्ती और दिल में जलन भी हो सकती है। बच्चे के बढ़ने के कारण आपको लगातार कुछ समस्याएं हो सकती हैं। सायएटिक तंत्रिका पैर की पूरी लंबाई में होती है। जब बच्चा उस पर दबाव डालता है, तो यह दर्दनाक हो सकता है। जब बच्चा उस जगह से हिलता है, तो कमर में भी दर्द होता है।
यदि आपको ऐसी कोई परेशानी हो तो अपने पैरों को गरम पानी में डुबोकर रखें। टब में स्नान करने पर ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल नहीं करे। सोते समय इस तरह का दर्द महसूस होने पर स्थिति बदकर आराम मिल सकता है या फिर अपने घुटनों के बीच में तकिया रखने का प्रयास करें। आपको कुछ ऐसी परेशानियां भी होंगी, जो आपके लिए भारी दर्द का कारण हो सकती हैं। बैक्टीरियल व्ह्याजिनोसिस उनमें से एक है। इसका तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह समय पूर्व प्रसव का कारण बन सकती है।
ढीले और साफ कपड़े पहनकर आप बैक्टीरियल व्ह्याजिनोसिस, खमीर संक्रमण और मूत्र पथ के संक्रमण से बच सकती हैं। यदि आपको ज्यादा पसीना आता है, तो ठंडा शॉवर लेने से आपको राहत मिलेगी। डॉक्टर आपको पीठ पर सोने से बचने की सलाह देते हैं। शरीर के बायीं तरफ करवट लेकर सोना रक्त परिसंचरण के लिए सबसे अच्छा है।
क्या उम्मीद कि जाती है
यह आपकी गर्भावस्था का रोमांचक समय है। विभिन्न परिवर्तनों के साथ आप गर्भावस्था के अंतिम महीने में आ रही हैं। उन्तीसवें सप्ताह में आपको आराम करने के साथ ही संतुलित भोजन खाने की आदत को बनाए रखना चाहिए। साथ अंतिम महीनों में आपको हाइड्रेटेड भी रहना चाहिए। शिशु के जन्म के पूर्व विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम और फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ भी खाने चाहिए।
सुझाव
आपकी गर्भावस्था का समय धीरे-धीरे पूरा होने वाला है। डॉक्टर का सुझाव मानें और उनके मुताबिक ही आहार का सेवन करें और अन्य काम करें। यदि आप गर्भावस्था में परेशानी महसूस कर रही हैं तो डॉक्टर आपको आराम की सलाह दे सकते हैं। अपने शरीर के बारे में आप ज्यादा बेहतर जानती हैं कि उसे क्या परेशानी है। ऐसे में यदि आपको आराम की जरूरत लगे तो लापरवाही न करें।
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