आंखों के लिए फायदेमंद है बाहर खेलना

अगर आप चाहते हैं कि बड़े हो रहे बच्‍चों की आंखों को कोई नुकसान न हो तो उनको बाहर खेलने से मत रोकिए। प्राकृतिक रोशनी के संपर्क में रहने से बच्‍चे आंखो की सामान्‍य बीमारियों से बच जाते हैं।
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आंखों के लिए फायदेमंद है बाहर खेलना


बाहर खेलना बच्‍चों की आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। बाहर खेलने से बच्‍चों की आंखों की रोशनी में इजाफा होता है। अगर आप चाहते हैं कि बड़े हो रहे बच्‍चों की आंखों को कोई नुकसान न हो तो उनको बाहर खेलने से मत रोकिए। प्राकृतिक रोशनी के संपर्क में रहने से बच्‍चे आंखो की सामान्‍य बीमारियों से बच जाते हैं। बाहर खेलने वाले बच्‍चों में निकट दृष्टि दोष यानी मायोपिया होने की आशंका कम होती है। यह बात एक नए शोध से सामने आई है।

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शोध के अनुसार

लंदन स्थित ब्रिस्‍टल युनिवर्सिटी में हुए शोध में यह निष्‍कर्ष निकला कि बाहर खेलने वाले बच्‍चों की आंखे सलामत रहती हैं। अध्‍ययन के अनुसार बाहर खेलने से बच्‍चों की आंखे सूर्य की रोशनी के संपर्क में आती हैं जिससे किशोर उम्र में निकट दृष्टि दोष होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इस शोध में यह भी निष्‍कर्ष निकला कि बाहर खेलने वाले बच्‍चों की आंखे काफी तेज होती हैं और पारिवारिक बीमारी का आंखों पर कोई असर नहीं पड़ता है।

बाहर खेलने वाले बच्‍चों की आंखे घर में खेलने वालों की तुलना में ज्‍यादा तेज होती हैं। घर में व्‍यायाम करने वाले बच्‍चों से बाहर खेलने वाले बच्‍चों को मायोपिया होने की आशंका 50 फीसदी तक कम हो जाती है। जबकि घर में एक्‍सरसाइज करने वाले बच्‍चों को मायोपिया होने का खतरा ज्‍यादा होता है।

क्‍या है मायोपिया

मायोपिया को निकट दृष्टि दोष भी कहते हैं। निकट दृष्टि दोष में दूर की चीजें दिखना साफ दिखना बंद हो जाती हैं। मायोपिया आनुवांशिक बीमारी है जो कि ज्‍यादातर बच्‍चों को ही होता है लेकिन यह बड़ों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। सूरज की रोशनी पर्याप्‍त मात्रा में आंखों के संपर्क में नही आना मायोपिया का कारण है। सूरज की रोशनी लेने से आंखों में डोपामीन नामक रसायन बनता है जो मायोपिया होने से रोकता है। आंखों की पुतली फैलने के कारण व्‍यक्ति मायोपिया का शिकार होता है। मायोपिया होने पर दो मीटर से दूर की वस्‍तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।

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मायोपिया से बचाव के तरीके -

 

  • बच्‍चों को ज्‍यादा देर तक मोबाइल गेम खेलने से मना कीजिए। कंप्‍यूटर के सामने ज्‍यादा देर तक बैठने से मना रोकिए।
  • पास से टीवी देखने से रोकिए, पास से टीवी देखना बच्‍चों के लिए नुकसानदायक है।
  • आंखे अगर भारी-भारी दिखें और बच्‍चा अगर बार-बार अपनी आंख खुजलाए तो मायोपिया की आशंका हो सकती है।
  • लेटकर या फिर बैठकर घंटो किताबें पढ़ने से बचें।
  • बच्‍चों के खान-पान पर विशेष ध्‍यान दीजिए। बच्‍चों के खाने में पौष्टिक खाद्य-पदार्थ ज्‍यादा मात्रा में खिलाइए।
  • बच्‍चों को आंखों से संबंधित कोई समस्‍या हो तो डॉक्‍टर से संपर्क कीजिए।


Image Source : Getty

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