मोतियाबिंद आखों की बीमारी है, जिसमें आंखों के सामने धुंधलापन छा जाता है। मोतियाबिंद को लेकर लोगों में काफी मिथक हैं। मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों में हो सकता है। मोतियाबिंद में रंगों को पहचानने में दिक्कत होती है। बार-बार चश्मा बदलना पडता है। उम्रदराज लोगों को यह बीमारी ज्यादा होती है। आइए हम आपको मोतियाबिंद से संबंधित मिथक और तथ्यों के बारे में बताते हैं।
मिथक – मोतियाबिंद आंख के ऊपर होता है।
तथ्य - मोतियाबिंद आंख के लेंस का धुंधला हो जाना है। लेंस आंख के भीतर होती है ना कि उसकी सतह पर। आंख का लेंस पानी और प्रोटीन तंतुओं से बना होता है। जब यह लेंस साफ रहता है तब प्रकाश उसे क्रॉस करके बाहर निकलता है। लेकिन, उम्र बढने के साथ-साथ प्रोटीन तंतु आपस में लिपट कर गुच्छों में बदल जाते हैं और लेंस के कुछ भागों को धुंधला कर देते हैं। जिसके कारण नजर कमजोर हो जाती है।
मिथक – मोतियाबिंद को लेजर से निकाला जा सकता है।
तथ्य - मोतियाबिंद आंखों के अंदर होता है जिसे लेजर से नहीं निकाला जा सकता है। इसमें प्राकृतिक लेंस को तोडकर निकाल लिया जाता है। उसके बाद उसकी जगह पर आईओएल नामक एक कृत्रिम लेंस लगाया जाता है।
मिथक – इलाज के बाद मोतियाबिंद वापिस फिर से बढ जाते हैं।
तथ्य - यह सही नहीं है। पर हां, मोतियाबिंद के रोगी को कभी-कभी इलाज के बाद द्वितीयक मोतियाबिंद हो सकता है। यह तब होता है जब नए लेंस की झिल्ली धुंधली पड जाती है। इससे आंखों की रोशनी कम हो जाती है और देखने में दिक्कत होती है।
मिथक – मोतियाबिंद केवल बूढे लोगों को होता है।
तथ्य - मोतियाबिंद 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों में होने वाली आम बीमारी है। लेकिन यह कम उम्र के लोगों को भी हो सकता है। दरअसल, यह मधुमेह, ग्लाउकोमा और दवाओं का प्रयोग करने के कारण होता है। यह जन्मजात भी हो सकता है।
मिथक – मोतियाबिंद की चिकित्सा खतरनाक होती है।
तथ्य - मोतियाबिंद की चिकित्सा सबसे सुरक्षित है और लगभग 95 रोगियों को इलाज के बाद इसका फायदा होता है। लेकिन इलाज में जोखिम हो सकता है, इसलिए इसका इलाज कराने से पहले कुशल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
मिथक – इलाज के बाद मोतियाबिंद को ठीक होने में कई महीने लग जाते हैं।
तथ्य - कई मामलों में मोतियाबिंद के इलाज के बाद तुरंत फर्क दिखता है। लेकिन कुछ लोगों में इलाज के बाद कई महीने के बाद सुधार आता है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आप अपनी सामान्य जीवनशैली अपना सकते हैं।
मिथक – मोतियाबिंद एक आंख से दूसरी आंख में फैल सकता है।
तथ्य - जी नहीं, मोतियाबिंद एक आंख में या दोनों आंखों में हो सकता है। लेकिन यह एक आंख से दूसरी आंख में फैलता नही है।
मिथक – मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंखों पर दबाव डालने वाले काम जैसे – पढाई और सिलाई नहीं करना चाहिए।
तथ्य – मोतियाबिंद के आपरेशन के बाद आपको कई सावधानियां बरतनी पडती हैं। ऑपरेशन के बाद आंखों का ध्यान रखना पडता है। आंखों पर दबाव डालने वाले कार्यों को लगातार कई घंटों तक करने से परहेज करना चाहिए।
आंखों का धुंधलापन होना, एक उम्र की प्रक्रिया है और इसे टाला नहीं जा सकता है। आप जीवनशैली में परिवर्तन लाकर मोतियाबिंद के जोखिम को कम करत सकते हैं।
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