बच्‍चों पर पड़ता है मां की जीवनशैली का असर

ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन द्वारा किये गये शोध में यह बात सामने आयी है कि मां की अनियमित जीवनशैली का असर बच्‍चे के वजन पर बढ़ता है और इससे बच्‍चे का वजन बढ़ सकता है।
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बच्‍चों पर पड़ता है मां की जीवनशैली का असर


गर्भावस्‍था के समय अगर मां की जीवनशैली अनियमित हो तो इसका असर गर्भ में पल रहे बच्‍चे पर पड़ता हैं और इसके कारण बाद में बच्‍चा मोटापे का शिकार हो सकता है।

Pregnant in Hindiब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन द्वारा किये गये शोध में यह बात सामने आयी है। इसके मुख्य शोधकर्ता सियान रॉबिनसन ने बताया, 'हमारे नतीजों के मुताबिक, मोटापे को रोकने की कोशिश शुरुआत से ही करनी चाहिए, यहां तक कि गर्भाधान से पहले ही। इसमें उचित वजन रखना और उस वक्त धूम्रपान नहीं करना प्रमुख है।'

इस अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने बच्चों में मोटापे के लिए जिम्मेदार 5 कारकों पर ध्यान केंद्रित किया, जिनमें एक महीने से भी कम समय के लिए स्तनपान के साथ-साथ मां से जुड़े चार अन्य कारक भी हैं।'

गर्भावस्था के दौरान मोटापा, वजन का बढ़ जाना, धूम्रपान तथा विटामिन डी की कमी बच्चे के मोटापे का कारण बन सकती है। चार साल की उम्र के ऐसे बच्चे, जो इन कारकों में से चार या पांच से किसी रूप में प्रभावित रहे हैं, उनमें मोटापे का खतरा ऐसे बच्चों की तुलना में अधिक देखा गया, जो इन कारकों से किसी रूप में प्रभावित नहीं रहे।

इस शोध में बच्चों में छह साल की उम्र में यह खतरा अधिक पाया गया। ऐसे बच्चों में मोटापे का खतरा 4.65 गुना अधिक पाया गया। यह महत्वपूर्ण है कि बच्चों में मोटापे के खतरे को उनके खानपान या शारीरिक गतिविधियों से जोड़कर नहीं देखा गया। इसके लिए 991 बच्चों पर अध्ययन किया गया। यह शोध 'द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन' में प्रकाशित हुआ।

 

Image Source - Getty Images

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