जैसे-जैसे लोगों की जीवनशैली बदलती जा रही है, उनके स्वास्थ्य समस्याएं भी तेजी से बढ़ रहीं हैं। खासतौर पर पुरुष अक्सर अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी लचर नज़र आते हैं, जिसके कभी-कभी गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। लेकिन हर बीमारी के कुछ संकेत होते हैं, जिन्हे पहचान कर उनसे बचा जा सकता है। इस लेख में हम आपको पुरुषों में दिखने वाले ऐसे ही सात संकेतों के बारे में बता रहें हैं, जिन्हें गंभीरता से लेना बेहद जरूरी होता है।
बैक पेन (किडनी स्टोन का संकेत)
यदि आपको अपनी पसलियों और कूल्हे के बीच तेज दर्द महसूस होता है, तो इसका कारण किडनी की पथरी हो सकती है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रकार के दर्द में 10 से एक पुरुष को स्टोन होता है।
अगर इस समस्या को नज़रअंदाज कर दिया जाए तो गुर्दों में सूजन या मूत्र प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है। और बाद में दर्द इतना असहनीय हो सकता है, जितना किसी महिला को शिशु के जन्म के समय होता है।
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बहुत अधिक पसीना आना या शरीर में सूजन (हो सकते हैं थाइरॉइड का संकेत)
शरीर में मेटाबॉलिज्म बहुत अधिक बढ़ जाने से पुरुषों को बहुत अधिक पसीना आता है या फिर बहुत कम। कई बार पसीने के साथ-साथ बहुत बेचैनी भी होती है। यही नहीं कई बार शरीर के कुछ हिस्सों में अधिक सूजन, जैसे चेहरे, आंखों, उंगलियों आदि की समस्या भी थाइरॉइड का संकेत हो सकते हैं।
बहुत अधिक उबासी आना (दिल की समस्या का संकेत)
दिल से रक्त बाहर निकालने वाली सबसे बड़ी धमनी - एओर्टा में ब्लॉकेज की वजह से भी बहुत अधिक उबासी का लक्षण दिख सकता है। इस दौरान पेट और कमर में दर्द, चलने में दिक्कत और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। जरूरी नहीं कि हर बार दिल का दौरा अचानक ही पड़े। कई बार इसकी तीव्रता का एहसास तुरंत नहीं हो पाता है। ऐसी स्थिति में भी बहुत अधिक उबासी आती है। इस स्थिति में उबासी के अलावा, दिल की धड़कनों का बढ़ जाना, हाई या लो बीपी और दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं।
पैर में दर्द (यह स्लिप डिस्क हो सकता है)
पैर का दर्द हमेशा किसी चोट के कारण ही नहीं होता, हैरिनेटिड और प्रोलैप्स डिस्क भी पैर में दर्द पैदा कर सकते हैँ। आमतौर पर इस प्राकार का दर्द सुबह में अधिक होता है और बैठने से बढ़ जाता है। क्योंकि ऐसे में पीठ दर्द नहीं होता है, यह आमतौर पर एक डिस्क की समस्या के कारण ही होता है। इलाज न करने पर साइऐटिक (नितंब संबंधी) तंत्रिका पर दवाब बढ़ता जाता है, जो ब्लेडर फंग्शन को नुकसान पहुंचाता है।
मुंह से बदबू आना (हो सकते हैं फेफड़ों की बीमारी के लक्षण)
यदि मुंह से बदबू आती है, तो बीती रात खाए लहसुन को ना कोसें। यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। फेफड़ों के रोग, दमा और सिस्टिक फाइब्रोसिस सभी में उच्च अम्लीय बदबू की समस्या होती है।
बदबू जितनी अधिक अम्लीय होती जाती है, स्थिति भी उतनी ख़राब होती जाती है। यूएस डेंटल एसोसिएशन डेटा ने अपने शोध में पाया था कि सांस की बदबू के 90 फीसदी मामलों में नीजी स्वच्छता और मसूड़ों जिम्मेदार थे, जबकि अन्य 10 फीसदी फेफड़ों के रोग, फोड़े या जिगर की विफलता से जुड़े थे।
डायरिया (हो सकता है ओवरएक्टिव थाइरोइड)
50 की उम्र पार करने के बाद व्यक्ति को कई बीमारियां होने लगती हैं, इस दौरान हार्मोन में भी गड़बडी होने लगती है। इस दौरान व्यक्ति की मांसपेशियां दुर्बल होने लगती है और बालों की समस्याओं के साथ-साथ आंखें भी कमजोर हो जाती हैं। इस समय भूख कम लगती है और अपच की शिकायत होने लगती है और नाटकीय रूप से वजन कम होने लगता है।
इस दौरान स्वाद में भी बदलाव आने लगता है, कई दिनों तक दस्त की शिकायत हो सकती है, नींद भी अच्छे से नही आती, यह थायराइड की समस्या भी हो सकता है। इसलिए अपने चिकित्सक से संपर्क कर ब्लड की जांच करायें
गर्दन / कंधे का दर्द (यह लाइम रोग हो सकता है)
यह पहचानना बेहद मुश्किल होता है कि गर्दन या कंधे का दर्द लाइम रोग का संकेत है कि नहीं। लाइम रोग के ज्यादातर मामलों में लक्षण में गंभीर होने तक पता नहीं चलते। हम में से अधिकांश लोग गर्दन के दर्द को रात को सोते समय तकिए के कारण हुआ दर्द समझ कर नज़रअंदाज कर देते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो ध्यान रखें कि आपको दिमागी बुखार, गठिया या फेशियल प्ले जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो यदि आपको अपनी गर्दन में दर्द महसूस हो तो, अच्छी तरह से जांच कर लें।
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