मच्छर काटने से होने वाली बीमारी येलो फीवर यानी पीला ज्वर अफ्रीकी देश एंगोला में जानलेवा साबित हो रहा है। इसके कारण अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसपर मुहर लगा दी है और इससे बचाव के निर्देश भी जारी कर दिये है।
डब्ल्यूएचओ की मानें तो जनवरी से मार्च के बीच में कांगो में 151 लोग इसकी चपेट में थे और उनमें इस बीमारी के होने की आशंका थी। इसके कुछ मामले इससे सटे एंगोला देश में भी सामने आये। डब्ल्यूएचओ की मानें तो अब तक एंगोला में इसके कारण 225 जानें जा चुकी हैं।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में इस बीमारी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार यात्रियों को माना गया है, जो एक जगह से दूसरे जगह ये संक्रमण लेकर गये।
जीका वायरस से संबंध
पूरी दुनिया में आतंक फैला चुके जीका वायरस से भी यह संबंधित संक्रमण है। दरअसल पीला ज्वर दो तरह के मच्छरों के काटने से होता है और इसमें से एक तरह का मच्छर जीका वायरस के लिए भी जिम्मेदार है।
पीला ज्वर का संक्रमण मच्छरों से इंसानों में आया। जब मच्छरों ने संक्रमित बंदरों को काटने के बाद इंसानों को काटा तो उनमें यह संक्रमण फैल गया। बुखार, मांसपेशियों में दर्द, नौसा, उल्टी, भूख न लगना, आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
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नहीं है उपचार
इस बीमारी का कोई उपचार नहीं है। इससे संक्रमित होने के बाद 10 से 14 दिनों के अंदर रोगी की मौत हो जाती है। हालांकि कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस संक्रमण से बचाव किया जा सकता है।
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