जानें केवल पुरुष ही क्यों होते हैं गंजेपन के शिकार

अगर आप गंजेपन के शिकार हो रहे हैं तो ये दुख सहने वाले आप केवल अकेले हैं। क्यंकि हाल ही में हुए शोध में पुष्टि हुई है कि केवल पुरुष ही पूरी तरह से गंजे होते हैं, महिलाएं नहीं।
  • SHARE
  • FOLLOW
जानें केवल पुरुष ही क्यों होते हैं गंजेपन के शिकार


आए दिन मेट्रो, बस और अपने ऑफिस में आपको कोई ना कोई पचास साल से ऊपर गंजा इंसान दिख ही जाता होगा। क्या आपने कभी नोटिस किया है कि केवल आपको गंजे पुरुष ही दिखने को मिलते हैं। गंजी महिलाएं आपने शायद ही देखी हो, और जो देखी भी होगी वे किसी न किसी बीमारी के कारण हुई होंगी। क्या आपने कभी सोचा है कि केवल पुरुष ही क्यों गंजेपन का शिकार होते हैं? तो इसका जवाब इस लेख में जानिए।


पुरुषों की तरह महिलाओं के भी बाल झड़ते हैं। जबकि महिलाएं शायद ही कभी गंजेपन की शिकार होती हैं।


दुनिया में केवल इंसान ही जिनके बाल आते हैं और केवल इंसान ही है जो गंजेपन का शिकार होता है। इंसानों में भी केवल पुरुष ही है जो गंजा होता है। कई बार माना जाता है कि बाल तनाव के कारण झड़ते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महिलाओं में तनाव नहीं होता?


वहीं कई बार पोषण की कमी भी बालों का झड़ना माना जाता है। अगर ऐसा है तो महिलाएं ज्यादा कुपोषित होती है और अच्छी से अच्छी खाते-पीती घर की महिलाओं में हीग्लोबिन की कमी होती है। ऐसे में तो फिर महिलाओं के बाल ज्यादा झड़ने चाहिए। लेकिन नहीं, बाल केवल पुरुषों के झड़ते हैं और वे ही गंजे होते हैं।

केराटिन हेयर ट्रीटमेंट कराने जा रही है तो ये पढ़े


लेकिन क्यों? 

 

टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन जिम्मेदार

शरीर पर बाल हार्मोनल बदलावों के कारण उगते हैं और वे झड़ते भी हार्मोंस में बदलाव के कारण ही हैं। ऐसे में बालों का आना और जाना मनोविज्ञान या रसायनविज्ञान की जगह जीवविज्ञान का विषय है।


गंजेपन पर रिसर्च कर रहे नॉर्वे की बर्गेन यूनिवर्सिटी के जीव वैज्ञानिक पेर जैकबसन ने इसके लिए टेस्टोस्टेरॉन नाम के यौन हॉर्मोन को जिम्मेदार ठहराया है। यह पुरुषों में स्रावित होने वाले एंड्रोजन समूह का स्टेरॉयड हार्मोन है जिसके कारण पुरुषों में बाल झड़ने की समस्या पैदा होती है। दरअसल इंसान के शरीर में कुछ एंजाइम ऐसे होते हैं जो टेस्टोस्टेरॉन को डिहाइड्रो-टेस्टोस्टेरॉन में बदल देते हैं। यही डिहाइड्रो-टेस्टोस्टेरॉन के कारण बाल पतले और कमजोर हो जाते हैं। सामान्यतौर पर हार्मोंस में यह बदलाव करने वाले एंजाइम एक इंसान में उसे उसके जींस से प्राप्त हुए होते हैं। इसी कारण गंजेपन को आनुवांशिक भी माना जाता है।

दो मिनट में लड़के यूं करें "न्यूड मेकअप" और दिखें हैंडसम

 

फिर महिलाएं क्यों नहीं होती गंजी

ऐसे में सवाल वही रह जाता है कि महिलाएं क्यों नहीं पूरी तरह से गंजी होतीं?
इसका जवाब टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन में ही छुपा है। दरअसल ये एक मेल हार्मोन है जो पुरुषों में ही पाया जाता है। ये पुरुषों की तुलना में महिलाओं में नाममात्र के लिए स्रावित होता है। और जब ये महिलाओं में अधिक स्रावित होता है तो महिलाओं में अनचाहे बालों की अधिक मात्रा में आने की समस्या पैदा होती है।


इसलिए महिलाओं में टेस्टोस्टेरॉन नाममात्र के लिए स्रावित होते हैं औऱ इसके साथ एस्ट्रोजन नाम के हार्मोन का भी स्राव होता है। जिस कारण महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन के डिहाइड्रो-टेस्टोस्टेरोन बदलने की प्रक्रिया कम होती है। जिस कारण महिलाओं में बाल कम झड़ते हैं। औऱ जब यही प्रक्रिया कभी गर्भावस्था या मेनोपॉज़ में बढ़ जाती है तो बाल झड़ने की समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए अक्सर महिलाओं को गर्भावस्था और मेनोपॉज में बाल झड़ने की समस्या होती है।

 

Read more articles on beauty in Hindi.

Read Next

हड्डियों की सबसे बड़ी दुश्‍मन है डायबिटीज

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version