बॉडी मसल्स बनाने के लिए लोग घंटों जिम में पसीना बहाने के साथ-साथ अपनी डाइट में खास आहार लेते हैं और फिश आयल को फिटनेस के लिए उपयोगी माना जाता है। लेकिन आज बॉडी बिल्डर से लेकर सामान्य लोग सभी फिश ऑयल का इस्तेमाल काफी बड़े पैमाने पर करते हैं। क्योंकि फिश ऑयल कोई भी स्वस्थ व्यक्ति, जिसे आवश्यक फैटी एसिड नहीं मिल पाता है, वो फिश ऑयल ले सकता है। आइए जानें फिश ऑयल बॉडी बनाने में कैसे मदद करता है।
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बॉडी बनाएं फिश ऑयल
फिश ऑयल में ईपीए, डीएचए और अन्य जरूरी ओमेगा 3 फैटी एसिड का मिश्रण होता है। जो मछली के टिशूज से मिलता है। ये जरूरी फैटी एसिड है क्योकि यह शरीर के अंदर नहीं बन सकते है। फैटी एसिड के लिए फ्लैक्स सीड्स यानि अलसी भी बहुत अच्छा स्रोत है लेकिन फिश ऑयल सबसे पावरफुल माना जाता है। बॉडी बनाने वालों के लिए मसल्स बढाने के लिये मोनो सैचुरेटेड फैट की आवशयकता होती है। और फिश ऑयल में यह बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। वर्कआउट करते समय शरीर का सारा फैट बर्न हो जाता है तो ऐसे में शरीर में जमा मोनो सैचुरेटेड फैट ही शरीर में एनर्जी बढाता है।
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कैसे मददगार है फिश ऑयल
आमतौर पर फिश ऑयल ठंडे गहरे समुद्र में पाये जाने वाली तैलिय मछलियों के टिश्यूज से निकाला जाता है। इस तेल में आवश्यक ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। ये हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। हमारी सेहत को बैलेंस रखने में ओमेगा-3 फैटी एसिड का खासा रोल होता है। दरअसल, ओमेगा-3 फैटी एसिड जरूरी पोलीअनसैचुरेटेड फैटी कहलाते हैं, क्योंकि यह बॉडी द्वारा नहीं बनाया जा सकता है। इसलिए यह हमें सप्लीमेंट्स या भोजन के जरिए लेना पड़ता है। जरूरी फैटी एसिड्स हार्ट, मसल्स, ब्रेन और इम्यून सिस्टम को सही से काम करने में मदद करते हैं।
ईपीए और डीएचए दोनों सेल सिंथेसिस दर में बढ़ोतरी करके और पुरानी सेल्स की गिरावट को कम करके टिशूज की रेट को बढ़ाते है। इससे शरीर को सकारात्मक सेल को संतुलन बनाने में मदद मिलती है। फिश ऑयल मसल्स प्रोटीन एनाबॉलिक को बढ़ता है।
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क्या कहता है शोध
एक शोध के अनुसार फिश ऑयल मसल्स प्रोटीन एनाबॉलिक को बढ़ाता है। इस शोध के दौरान एक समूह को कुछ दिनों तक रोजाना छह ग्राम फिश ऑयल दिया गया जिससे उनका फैट औसतन 1.2 प्रतिशत तक कम होने लगा था। इसके अलावा, ईपीए और डीएचए भी कार्डियक आउटपुट और स्ट्रोक वॉल्यूम बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन और परफॉरमेंस में सुधार होता है।
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