गर्भावस्‍था के दौरान तरल पदार्थो के कारण होता है जोड़ों में दर्द

गर्भावस्‍था के दौरान शरीर का वजन बढ़ता है जो जोड़ों में दर्द का प्रमुख कारण है। वजन बढ़ने से सबसे ज्‍यादा असर घुटनों और एडि़यों पर पड़ता है। जानिए इसका क्‍या प्रभाव पड़ता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
गर्भावस्‍था के दौरान तरल पदार्थो के कारण होता है जोड़ों में दर्द

गर्भधारण करने के बाद कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान मॉर्निंग सिकनेस और कमर दर्द एक सामान्‍य समस्‍या है। लेकिन गर्भावस्‍था में तरल पदार्थों के कारण जोड़ों में अकड़न होती है जिसके कारण जोड़ों में दर्द होता है।

जोड़ों के दर्द से पीडित गर्भवती महिलागर्भावस्‍था में जोड़ों में दर्द होना बच्‍चे के विकास के दौरान मां के शारीरिक बदलाव का नतीजा है। जोड़ों का दर्द घुटनों, उंगलियों, कूल्‍हों, कोहनी आदि जगह होता है। जोड़ों में दर्द के कारण गर्भवती महिला को बहुत दिक्‍कत होती है। यदि कुछ बातों का ध्‍यान रखा जाएं तो इस दर्द से छुटकारा मिल सकता है।

 

 

जोड़ों में दर्द के कारण

गर्भावस्‍था के दौरान शरीर का वजन बढ़ता है जो जोड़ों में दर्द का प्रमुख कारण है। वजन बढ़ने से सबसे ज्‍यादा असर घुटनों और एडि़यों पर पड़ता है। यदि आपने पहली बार गर्भधारण किया है तो आपको ज्‍यादा दिक्‍कत हो सकती है। गर्भावस्‍था के दौरान महिलायें खुद को फिट रखने के लिए एक्‍सरसाइज करती हैं जिसके कारण भी जोड़ों में दर्द होता है।

गर्भावस्‍था के दौरान हार्मोन्‍स में बदलाव होता है, इनमें से एक है - कार्पल टनल सिंड्रोम (सीटीएस)। सीटीएस के कारण दर्द की समस्‍या होती है। वजन बढ़ने के कारण कलाई और हाथ में दबाव बढ़ता है जो दर्द का कारण है।

 

कुछ बीमारियों के कारण

गर्भावस्‍था के दौरान यदि महिला को हाइपोथायराइडिज्‍म की समस्‍या है तो यह जोड़ों में दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि गर्भावस्‍था से पहले हाइपोथायराइडिज्‍म की जांच करा लीजिए। यदि गर्भावस्‍था के शुरूआत में हाइपोथायराइडिज्‍म की पहचान हो जाती है तो इससे बच्‍चे और मां दोनों को ज्‍यादा दिक्‍कत नहीं होती।

प्रेग्‍नेंसी में ब्‍लड प्रेशर कम हो जाता है, जिसके कारण वजन बढ़ता है और हाथों-पैरों में जलन होती है और सूजन आ जाती है जिसके कारण उंगलियों और हाथों-पैरों के जोड़ों में दर्द होता है। इससे हाथों और पैरों की उंगलियां सुन्‍न भी हो जाती हैं।

 

दर्द से बचने के तरीके

  • प्रेग्‍नेंसी के दौरान जोड़ों के दर्द से बचने का सबसे आसान और अच्‍छा तरीका है भरपूर आराम, आराम करके आप इस दर्द को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
  • भरपूर नींद लेने से भी जोड़ों का दर्द ठीक होता है, कम से 8-9 घंटे की नींद गर्भावस्‍था के दौरान लीजिए।
  • हीटिंग पैड का प्रयोग करके भी जोड़ों में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। जिस जगह जोड़ों में दर्द हो रहा हो उस जगह पर हीटिंग पैड को 5-10 मिनट तक रखिए, आराम मिलेगा।
  • गर्भावस्‍था के दौरान हाई हील के सैंडल को पहनने से परहेज करें। हाई हील के सैंडल पहनने से एडि़यों में दर्द हो सकता है।
  • व्‍यायाम से भी जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है। व्‍यायाम करने से रक्‍त का संचार बढ़ता है और जोड़ों में दर्द नहीं होता। लेकिन ज्‍यादा व्‍यायाम करने से बचें।



यदि जोड़ों का दर्द बर्दाश्‍त से बाहर हो तो अपने चिकित्‍सक से संपर्क अवश्‍य करें।

 

 

Read More Articles on Pregnancy Care in Hindi

Read Next

गर्भाशय के रक्षा कवच के कारण मां के झुकने से नहीं पड़ता बच्‍चे पर प्रभाव

Disclaimer